Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
अभिषेक कांत पाण्डेय ‘भड्डरी‘ दो तीन वर्षों में सोशल मीडिया, व्हाटसअप में खुद से खींची गई तस्वीर यानी सेल्फी का चलन तेजी से बढ़ा है। सेल्फी की दीवानगी के चलते दुर्घटना में मौत होने की खबरों में भी इजाफा हुआ है। जुनून की हद तक खुद को स्मार्ट और खतरनाक तरीके से सेल्फी लेने की चाहत के कारण अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं आज के युवा। रिसर्च बताते हैं कि बार-बार सेल्फी खींचना और उसे सोशल मीडिया में पोस्ट करना एक तरह की बीमारी है। रिसर्च से यह बात सामने आई है कि अगर आप एक दिन में तीन से अधिक सेल्फी खींचकर सोशल मीडिया में पोस्ट करते हैं तो सावधान हो जाइये, ये शुरूआत है, कहीं आप खुद को संुदर, स्मार्ट और अपने को महत्व दिये जाने को लेकर चिंतित तो नहीं रहते हैं। इसलिए हो सकता है खुद को अलग और विशेष बताने के लिए खुद की फोटो पोस्ट करना और उस पर कमेंट और लाइक पाना आपकी चाहत, मनोवैज्ञानिक बीमारी का रूप तो नहीं ले रही है। ऐसी खबरें अक्सर सुनते हैं कि अच्छी सेल्फी लेने के चक्कर में पहाड़ से फिसलने पर मौत हो गई या नदी के किनारे सेल्फी लेने के चक्कर में एक शख्स ने जान गंवा दी। विज्ञापन का आकर्षण