Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
काव्य संग्रह अभिषेक कांत पाण्डेय मन को बेचैन करती कविताओं का संसार रचनेवाले श्याम किशोर बेचैन उन युवा कवियों में हैं जो कविता को मिशन के रूप में देखते हैं। बस सही समय पर सही बातों को कविता के रूप में जन समुदाय के सामने सरल व प्रभावी भाषा में अपनी बात कह देने वाली प्रतिभा के धनी है बैचैन। बैचेन खुद कहते हैं कि कविता उनके लिए उस नदी के समान है जो उन्हें रचनेवाले के साथ ही पढ़नेवाले को भी सुखानुभूति देती है। श्याम किशोर बेचैन लखीमपुर खिरी जिले के रहनेवाले हैं। भारत के कोने कोने में मंचों पर कविता के जरिये अपनी अलग पहचान बनाई है। गीत , गजल , चौपाई विधा में आधुनिक संसार में उपजे समस्याओं को बखूबी उजागर करती रचनाएं बेचैन की पहचान है। इसी श्रृंखला में श्याम किशोर बेचैन की नई कविता संग्रह वन्य जीव और वन उपवन जनमानस को समर्पित कविता संग्रह है। इस संग्रह में हमारे आसपास व जंगलों में रहने वाले जीव जंतुओं पर 70 कविताएं है