Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
जानकारी
रंग बदलने में चेंपियन
बच्चों, इस दुनिया में रंगों का बहुत महत्व है, बिना रंग के इस धरती की कल्पना करना मुश्किल है। धरती में बहुत से ऐसे जीव हैं, जो रंग बदलने या अपने रंग के कारण ही इस प्रकृति में रह पाते हैं, आइए ऐसे ही कुछ जीवों की अनोखी दुनिया के बारे में जानते हैं-
--------------------------------------------------------------------------------------------
रंग बदलने में उस्ताद
बच्चों तुम्हें मालूम है कि गिरगिट अपना रंग बदल लेता है। तुम्हें ये बताया गया है कि सांप जैसे शिकारियों से बचने के लिए वे ऐसा करते हैं। लेकिन तुम्हें जानकर आश्चर्य होगा कि असल में अपनी अलग-अलग भावनाओं जैसे आक्रामकता, गुस्सा, दूसरे गिरगिटों को अपना मूड दिखाने और इस माध्यम से बातचीत करने के लिए भी गिरगिट रंग बदलते हैं। कई बार गिरगिट रंग नहीं केवल अपनी चमक बदल लेते हैं। खतरे की स्थिति में वह अपने रंग के साथ-साथ आकार भी बदल लेते हैं। फूल कर अपना आकार बड़ा कर लेना भी इनका एक तरीका है। गिरगिट के बहुत ज्यादा प्राकृतिक दुश्मन नहीं हैं। वह आराम से पेड़ों की टहनी पर बिना हिले बैठा रहकर अपने शिकार का इंतजार करता है। कीड़े-मकोड़े दिखते ही जल्दी से अपनी लंबी-सी जीभ फेंक कर उसे निगल लेता है।
रंग ऐसा की सिर चकरा जाए
जेबरा तुमने देखा होगा, काले और सफेद धारीदार रंग का होता है। इन्हें इस रंग का फायदा मिलता है, कैसे? श्ोर को धोखा देने के लिए। जब जेबरा के आस-पास अगर कोई शेर आ जाता है तो उसको भ्रमित करने के लिए वे झुंड में पास-पास आ जाते हैं। ऐसे में शेर को कोई एक जानवर दिखाई नहीं पड़ता और उसका सिर चकरा जाता है। इस तरह जेबरा का रंग तो उसकी जान भी बचा लेता है।
हरा रंग कमाल का
लूपर नाम का यह कीड़ा धोखा देने में उस्ताद है। तितलियों के परिवार से आने वाला यह कीट वातावरण के हिसाब से खुद को बहुत खूबी से बदल लेता है। एक नजर में पेड़ की पतली-सी शाखा की तरह लगने वाला लूपर अपने आपको पास के माहौल में मिला लेता है और इसका हरा रंग ऐसा लगता है कि किसी पेड़ की पतली शाखा है।
किसी भी रंग में रंग जाए
ऑक्टोपस की ये प्रजाति समुद्रतल पर खुद को बहुत खूबसूरती से छिपा लेती है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर यह अपने पास के किसी दूसरे समुद्री जीव, सांप, घोंघा या किसी और जैसा आकार और रंग भी अपना सकता है। दूसरे समुद्री जीव इसे पत्थर या श्ौवाल समझ लेते हैं और वहां से नौ-दो ग्यारह हो जाते हैं।
रंग बिरंगी तितली
इस तितली को देखें, जो रंग-बिरंगी है लेकिन अपने पंखों पर दो जोड़ी आंखें लेकर उड़ती है। जी हां, आंखों की इस डिजाइन के कारण ये किसी शिकारी को खाने लायक नहीं बल्कि खतरनाक दिखती है। आस-पास के वातावरण में आसानी से छिप जाती है।
नकल में उस्ताद
नकल का सबसे अच्छा उदाहरण शायद होवरफ्लाई करती है। चटकीले पीले और काले रंग की धारियों वाला यह कीड़ा ततैया होने का नाटक करती है। उसके दुश्मन डर जाते हैं क्योंकि जहरीला ततैया उन्हें डंक मार सकता है। यह उपाय होवरफ्लाई को शिका
खतरनाक घात
मॉन्कफिश समुद्रतल से चिपक कर समुद्र तल में जैसे नजर ही नहीं आती है। और इसकी त्वचा पर ऐसी डिजाइन होती है, जो किसी कीड़े जैसी दिखती है। इसे कीड़ा समझकर जब कोई मछली इसकी तरफ आकर्षित होती है तो मॉन्कफिश उसे वापस नहीं जाने देती और अपना शिकार बना लेती है।
रियों से बचा लेता है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें