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नवंबर, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

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मे उनमे इनमे मै मे bindu (अनुस्वार) या chandrabindu (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता

  Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार))  या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है।  Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं

ब्लाइंड क्रिकेट एक ऐसा खेल गेंदबाज पूछता है 'तुम रेडी हो' बल्लेबाज कहता है 'रेडी'

दिव्यांग दिवस 3 दिसंबर पर विशेष ब्लाइंड क्रिकेट एक ऐसा खेल गेंदबाज पूछता है 'तुम रेडी हो' बल्लेबाज कहता है 'रेडी' ब्लाइंड क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो अंधे व्यक्तियों के साहस और हौसले को दर्शाता है। आंख से दिखाई ना देने के बावजूद भी इनका खेल देखने वाला आश्चर्यचकित हो जाता है। हम बताने जा रहे हैं कि ब्लाइंड क्रिकेट कैसे खेली जाती है और इसके नियम क्या है? इस बारे में इस लेख में पढ़ें- क्रिकेट एक दिलचस्प खेल है, यह न सिर्फ गेंद—बल्ले से खेला जाता है बल्कि दिमाग भी इसमें लगाना पड़ता है। इसके लिए शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहना बेहद जरूरी है। खेल के दौरान हर खिलाड़ी की गेंद की आहट पर अटेशन होता है, खासतौर पर बल्लेबाज की। अगर जरा भी गेंद से निगाह हटी तो चुके। लेकिन सोचो जरा अगर किसी के पास निगाहें ना हो, कहने का मतलब है कि खेलने वाले अंधे हो तो कैसे खेल हो सकता है। लेकिन टेक्निक और आवाज से क्रिकेट खेलते हैं। इनके खेल को ब्लाइंड क्रिकेट कहा जाता है। विश्व कप भी होता है ब्लाइंड क्रिकेट का पहला विश्वकप नवंबर 1998 में नई दिल्ली में हुआ था। इस विश्व कप में भारत

What is power nap Take a power nap if you want to stay freshक्या है पावर नैप फ्रेश रहना है तो पावर नैप लीजिए पावर नैप के फायदे

क्या है पावर नैप फ्रेश रहना है तो पावर नैप लीजिए पावर नैप के फायदे What is power nap Take a power nap if you want to stay fresh Benefits of power nap ऑफिस में काम करने के दौरान झपकी लेने को भले ही काम के प्रति लापरवाही से जोड़कर देखा जाए लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। इससे आपकी वर्किंग पावर पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है। ऑफिस में कुछ देर की झपकी लंबे समय तक काम करने के कारण होने वाली शारीरिक और मानसिक थकान को दूर कर देती है। इसका व्यक्ति की याददाश्त, सोचने, समझने की शक्ति और वर्किंग पावर पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है। छोटी सी झपकी कितने फायदेमंद है आओ जाने टेंशन फ्री लगातार काम के दबाव के चलते तनाव और परेशानी होना आम बात है इसका असर हमारे ब्रेन पर पड़ता है और हम थके थके से रहते हैं। अपनी पावर और एनर्जी को रिचार्ज करने के लिए झपकी लेना जरूरी हो जाता है। जब कभी आप टेंशन में या थके हुए फील करे तो बस अपनी टेबल पर सिर टिकाए और जरा सी देर के लिए एक झप्पकी ले लीजिए। जबकि आपको रखती है सजग अगर रात को आपकी नींद पूरी नहीं हुई तो जाहिर है ऑफिस में आपके काम पर इसका असर

Vegetable Soup बनाइए पोषण से भरपूर

'जुगाड़ रेसिपी' स्वाद और न्यूट्रीशन से भरा 'जुगाड़ू सूप' अगर आपके पास केवल सब्जियाँ हैं तो आप बेहतर सूप बनाकर आनंद ले सकते हैं। टिप्स- जब मैं इलाहाबाद में कमरा लेकर काम्पटीशन की तैयारी करता था, तो जुगाड़ू सूप बनाकर पी लेता था। जुगाड़ू सूप बनाने में समय भी कम लगता था और एग्जाम के समय अच्छा न्यूट्रिशन भी मिल जाता था। स्वादिष्ट इतना  कि मेरे दोस्त भी मेरी तारीफ करते थे और आज मेरी पत्नी। बच्चे इस सूप को पसंद करते हैं। आज भी मैं बनाता हूं। जुगाड़ू रेसिपी है तो उस समय में सब्जियाँ भी जुगाड़ से खरीदा करता था। इलाहाबाद के कटरा यानी इलाहाबाद विश्वविद्यालय आसपास की एक खासियत है कि वहाँ पर ठेले पर थोड़ी-थोड़ी सब्जियां कम दामों में मिल जाती थीं। आज से 10 साल पहले,  उस समय, मौसम के अनुसार ₹2 का टमाटर, ₹5 का शिमला मिर्च, ₹5 का पत्ता गोभी, जो अगले दिन भी चल जाता था, ₹5 का गाजर इत्यादि। सब्जियाँ सूप बनाने के लिए मैं ले लेता था। यकीन मानिए कि आप भी अगर सब्जी की दुकान में आज के हिसाब से थोड़ी थोड़ी 6-7 वैरायटी की सब्जियाँ लेंगे तो वह जरूर दे देगा। बस आप अपनी मजबूरी बताइ

मैथ पढ़ने का टिप्स

मैथ का भूत भगाओ और यह टिप्स अपनाओ, मैथ पढ़ने का टिप्स अक्सर हम बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहें हो या किसी कंपटीशन की। मैथ का भूत हमें जरूर सताता है इसलिए मैथ पढ़ने का टिप्स के माध्यम से मैं बताने जा रहा हूं ऐसा फॉर्मूला जो आप के मैथ के भूत को भगा देगा। Math formula  पर फोकस करें मैथ फार्मूला बेस पर होता है तो पहले किसी भी सिद्धांत का फार्मूला के स्ट्रक्चर को ध्यान से पढ़ें और उन्हें समझ ले तो आधी मैथ वैसे ही समझ में आ जाती है समस्या यह किए फार्मूला हो कैसे याद तो घबराइए नहीं, फार्मूले को पहले समझ लीजिए। फिर उसके बाद प्रतिदिन एक फार्मूले को याद कीजिए। इस तरह से लगभग 1 महीने में आप 30 फार्मूला याद करेंगे, यह पूरा जीवन याद रहेगा । स्मार्ट वर्क जरूरी  अगर अब मैथ्स क्रेकर बनना चाहते हैं तो पहले ही स्मार्ट वर्कर बने, इसलिए मैथ पढ़ने का टिप्स । फॉर्मूला याद रखें किसी प्रश्न को लेकर घंटों मत उलझें। आसान प्रश्नों के बाद ही कठिन प्रश्नों को हल करें। इस तरह के स्मार्टवर्क अपनाने से आप उन प्रॉब्लम का सलूशन बहुत ही आसानी से कर सकते हैं जिसको क

भारतीय आजादी के गुमनाम नायक

भारतीय आजादी के गुमनाम नायक bhaarateey aajaadee ke gumanaam naayak 2022 आज हम अपनी मर्जी से कहीं भी आ जा सकते हैं, पढ़ लिख सकते हैं अपने मनपसंद का करियर चुन सकते हैं, क्योंकि हम आजाद हैं और इस आजादी के लिए वीरों ने अपनी आहुति दी है, पर जब स्वतंत्रता सेनानियों के नाम बताने की बारी आती है तो हम सिर्फ गिने-चुने नाम ही बता पाते हैं, जबकि हकीकत यह है कि आजादी सिर्फ कुछ लोगों के बलिदान से नहीं मिली बल्कि इसके लिए बहुतों ने अपनी जान गंवाई। इनमें से कई तो गुमनामी की अंधेरों में खो चुके हैं। हम आपको ऐसे ही स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी-  आजादी के गुमनाम नायक हम बताने जा रहे हैं आजादी के महानायक जिनको हम भूल गए हैं-- कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़ने वाले कन्हैयालाल कई बार अंग्रेजी शासन के खिलाफ आवाज उठाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए और अंग्रेजों के जुल्म का शिकार हुए पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी हर बार दुगनी ताकत के साथ अंग्रेजों से मुकाबला किया। भगत सिंह, चंद्रशेखर आजा

भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, इंदिरा गांधी के बचपन में देशभक्ति का जज्बा Bhagat Singh, Chandrashekhar Azad, Indira Gandhi's childhood patriotic spirit

भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, इंदिरा गांधी के बचपन में देशभक्ति का जज्बा Bhagat Singh, Chandrashekhar Azad, Indira Gandhi's childhood patriotic spirit देश को आजादी दिलाने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की परवाह नहीं कि उनके संघर्ष और समर्पण की वजह से आज हम आजाद भारत में सांस ले रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर आजादी के लिए संघर्ष करने वाले उन स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने बचपन में ही भारत की आजादी में हिस्सा लिया और बड़े होकर भारत माता के सच्चे सपूत कहलाएँ।   आप तो जानते हो कि हमारे देश में अंग्रेजों ने लगभग 200 साल तक शासन किया उनके शोषण और अत्याचार से हर भारतीय त्रस्त थे।  बड़े तो बड़े बच्चे भी उस समय भारत की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे थे। महात्मा गांधी भारत की आजादी के संघर्ष के नायक थे। बच्चे उनसे बहुत प्रभावित थे और आजादी के लिए असहयोग आंदोलन में भी हजारों बच्चों ने हिस्सा लिया। नन्हें मुन्ने बच्चे महात्मा गांधी के कहने पर विदेशी कपड़ा विदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल का बहिष्कार करने में बड़ों के साथ बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।  भगत सिंह, चं

November 19 is 'International Men's Day'purush hone ke maayane

https://www.newgyan.com/2019/11/bhaarateey-aajaadee-ke-gumanaam-naayak.html 19 नवंबर को 'इंटरनेशनल मेंस डे' यानी 'अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस' है। पुरुष होने के मायने आज हम जितने मार्डन हैं, उतने ही समझदार भी हैं। आज आधी आबादी यानी महिलाओं की स्वतंत्रता की बात तो होती है, लेकिन कहीं न कहीं, पुरुष की स्वतंत्रता की बात नहीं हो पाती है। पुरुषों की पीड़ा भी होती है और दुनिया के तमाम प्रगतिशील देश 'पुरुषदिवस' मना रहा है। भारत की स्थिति कुछ अलग ही है, क्योंकि यहां पर अभी भी शोषण व अत्याचार की स्थिति बनी हुई है। महिलाओं पर हो रहे यौन हिंसा के कारण, समाज का यह भयानक चेहरा उन कथित मानसिकता को उजागर कर रहा है। पुरुष होने के मायने पुरुष पिता के रूप में और पति के रूप में भारतीय परंपरा का निर्वाहन कर रहा है। आज ईमानदार पुरुषों की आवश्यकता है ताकि इस 'पुरुषदिवस' को हम सब सेलिब्रेट कर सकें। हर भारतीयों की नारी के प्रति संवेदना पुरुषत्व  की पहचान है।  पुरुष परिवार की एक ऐसी कड़ी है, जो परिवार को सही दिशा और दशा प्रदान करता है। आज का भारतीय पुरुष दकिय

international men day poetry in hindi

international men day poetry in hindi #MensDay पुरुष पिता है  पुरुष भाई है  पुरुष चाचा है  पुरुष मामा है  पुरुष हर रिश्ते को निभा रहा है पुरुष दोस्त है  आज का पुरुष महिलाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है पुरुष होने का मतलब  समाज परिवार देश जहान की जिम्मेदारी पुरुष पूरक है पुरुष आज रसोई और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है  आधुनिक पुरुष उस पुराने समय के सोच से आजाद है वह पिता के रूप में बेटी का सबसे अच्छा दोस्त है पुरुष अनुभवी है,  पुरुष आधी आबादी की हक की लड़ाई लड़ रहा आज का पुरुष प्रकृति के नियम को संतुलित कर रहा  आज का पुरुष स्वयं के मायने को  सत्यता और निष्ठा के साथ आधी आबादी के अधिकार के लिए भी लड़ रहा सच है  वही पुरुष है  जो दूसरे के दुख तकलीफ को समझ रहा है  वहीं पुरुष है जो परिवार रिश्ते नातों को जोड़ रहा है  सच है पुरुष होना एक जिम्मेदारी है 19 नवंबर अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं!! मैथ का भूत हटाओ ये टिप्स अपनाओ रोचक जानकारी लखनऊ की भूलभुलैया के बारे में पढ़ें आखिर क्यों बनाया गया भूलभुलैया उसके पीछ

लिखने और बोलने में फ़र्क करता है द़िमाग

लिखने और बोलने में फ़र्क करता है द़िमाग क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ लोग शुद्ध रूप से एक वाक्य भले ही न लिख पाए लेकिन बोलने में वे कोई अशुद्धि नहीं करते हैं। ऐसा क्यों? आइए हम बताते हैं कि हमारा दिमाग लिखने ओर बोलने के दो तरह के सिस्टम में बंटा हुआ है। भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, इंदिरा गांधी के बचपन में देशभक्ति का जज्बा Bhagat Singh, Chandrashekhar Azad, Indira Gandhi's childhood patriotic spirit एक नये स्टडीज ने इस बात का खुलासा किया। अमेरिका की 'जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी' के प्रोफेसर तथा मेन रिसर्च 'ब्रेंडा रैप' ने बताया कि किसी व्यक्ति द्वारा कहने के लिए कोई और शब्द जबकि लिखने के लिए किसी और शब्द का इस्तेमाल बेहद चौंकाने वाला था। हमें इसकी उम्मीद नहीं थी कि वह लिखने में बोलने के लिए अलग-अलग शब्दों का इस्तेमाल करेंगे। ये उस तरह है, जैसे दिमाग में दो आधे-आधे स्वतंत्र भाषा प्रणाली यानी की लैंग्वेज सिस्टम काम करते हैं। शोधकर्ताओं ने (रिसर्चर) बताया कि यह इसलिए पॉसिबल है कि हमारा दिमाग का बोलने वाला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाए तो लिखने वाला हिस्सा प्रभावशा

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  ईमेल लेखन कैसे करें cbse class 10, 9 Email writing in hindi CBSE बोर्ड की क्लास 9th और 10th में सेशन 2022 23 से ईमेल राइटिंग पर प्रश्न पूछा जाएगा। ईमेल राइटिंग जी का यह प्रश्न सीबीएसई बोर्ड क्लास 10th की बोर्ड परीक्षा में ढाई अंक का होगा। आपको बता दें कि क्लास 9th और 10th मे अनुच्छेद-लेखन Anuched Lekhan for class 10 and 9 , लघुकथा-लेखन , विज्ञापन-लेखन, संदेश-लेखन, संवाद-लेखन से प्रश्न भी पूछा जाता है इस पर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो क्लिक करके पढ़ें… छात्रों ईमेल राइटिंग लिखना बहुत आसान है। ईमेल राइटिंग का प्रारूप और विषय आपको बस समझ में आना चाहिए। आपको यह बता दे कि आपकी परीक्षा में औपचारिक यानी कि फॉर्मल ईमेल राइटिंग ही पूछा जाएगा. औपचारिक ई मेल (Formal email) जैसे कि बैंक मैनेजर को  पासबुक जारी करने के लिए ई-मेल लिखना, आप एक लाइब्रेरियन है और किताब मगवाना चाहते हैं  तो बुक पब्लिशर को आप ईमेल लिखेंगे। ई-मेल की भाषा हिंदी | Email writing in hindi अगर आप ईमेल लिख रहे हैं तो उसकी भाषा हिंदी ही होनी चाहिए। प्रचलित का अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं, जैसे स्कूल, बस

लघु-कथा' CBSE BOARD CLASS 9 NEW SYLLABUS LAGHU KATHS LEKHAN

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