Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्यो...
Hariyana me teacher banne ka spna hkikut bnate najar nahee a rhaee hai srkar tender par teacher rakhkar RTE ke uddeshya ko bhool rahee hai. Iska verodha karna jaroori hai.
हरियाणा में टीचर बनने का सपना हकीकत बनते नजर नहीं आ रही है। यहां सरकार अब अनुंबध के आधार पर प्राथमिक टीचर की भर्ती करने का मन बना लिया है। वहीं हरियाणा राजकीय विद्यालय संघ ने इस व्यवस्था का पुरजोर विरोध किया है। शिक्षा की गुणवत्ता की बात की जाती है तो वहीं राज्य सरकार ऐसे निर्णय ले रहीं है जिससे निश्शुल्क अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत अच्छी शिक्षा देने के उदृदेश्य से इतर कार्य कर रहीं है। अनुबंध आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति कर सरकार शिक्षा की गुणवत्ता के साथ खिलावाड़ कर रही है। जब शिक्षक की नौकरी ही अस्थाई और कम वेतन पर रखे जाएंगे तो कैसे उम्मीद की जा सकती है कि प्रतिभावान शिक्षक मिलेंगे। जबकि अन्य सूचना प्रंबधन आदि में उच्च प्रतिभा पलायन करती है कारण साफ वहां पर अच्छा वेतन और सेवा शर्तें हैं। अगर राज्य सरकारे शिक्षा अधिकार कानून के महत्व नहीं समझेंगी और ऐसे निर्णय लेगी तो निश्चित यह कानून अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकेगी।
25 April, 2012
हरियाणा में टीचर बनने का सपना हकीकत बनते नजर नहीं आ रही है। यहां सरकार अब अनुंबध के आधार पर प्राथमिक टीचर की भर्ती करने का मन बना लिया है। वहीं हरियाणा राजकीय विद्यालय संघ ने इस व्यवस्था का पुरजोर विरोध किया है। शिक्षा की गुणवत्ता की बात की जाती है तो वहीं राज्य सरकार ऐसे निर्णय ले रहीं है जिससे निश्शुल्क अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत अच्छी शिक्षा देने के उदृदेश्य से इतर कार्य कर रहीं है। अनुबंध आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति कर सरकार शिक्षा की गुणवत्ता के साथ खिलावाड़ कर रही है। जब शिक्षक की नौकरी ही अस्थाई और कम वेतन पर रखे जाएंगे तो कैसे उम्मीद की जा सकती है कि प्रतिभावान शिक्षक मिलेंगे। जबकि अन्य सूचना प्रंबधन आदि में उच्च प्रतिभा पलायन करती है कारण साफ वहां पर अच्छा वेतन और सेवा शर्तें हैं। अगर राज्य सरकारे शिक्षा अधिकार कानून के महत्व नहीं समझेंगी और ऐसे निर्णय लेगी तो निश्चित यह कानून अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकेगी।
25 April, 2012
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें