Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्यो...
मेरी नींद और मेरा सपना किसने छीना
दो साल से लंबित टीईटी के अंक से भर्ती प्रक्रिया को लेकर नाटक ही नाटक हो रहा है। मामला कोर्ट में लेकिन सुनवाई अभी तक अंजाम में नहीं पहुंची है। लगता है जब तक फैसला आएगा तब तक एक पीढ़ी बीत चुकी होगी और देर से मिला न्याय यह होगा कि इन्हें पेंशन दे दी जाए क्योंकि इनकी तो अब रिटायरमेंट की उम्र हो गई है। 50 साल तक में तो न्याय मिल ही जाएगा क्यों भाई मैंने सही कहा ना,,,,कल मैंने सपने में देखा था जांच करा लिजिए बात बिल्कुल सही होगी सपने में एक संत ने भी यही देखा और मुझसे बताया था। यह इंडिया है यहां हकीकत रूपी गरीबी बेरोजगारी और स्विस बैंक में दबा हमारा सोना लाने की बात कोई मंत्री सरकार नहीं कहती है। सपने के बात पर सब कुछ हो जाता है। वाह भाई क्या बात है अब मैं उन लोगों को क्या बताउं जो मम्मी कहने पर इंडिया के भूख का एहसास होता है। आधे पेट खाकर जीने वाले करोड़ो भूखे भारतियों को रात में नींद नहीं आता है कितने बरोजगारो को सरकार की गलत नीतियों से बेरोजगारी का दंश झेल रहे लोगों को नींद कहां से आएगा नहीं तो हमभी सोते होते तो बता देते इस सरकार को की मेरे सपने में इस हिंदुस्तान में अरबों करोड़ों रूपये को महाखजाना है। हम युवा है हमारा हक हमें कब मिलेगा यह वाक्य आज भारतीय युवा 63 साल से सरकार चाला रही सभी पार्टियों से पूछा रही है जो हमें हमेशा जाति धर्म,कौम समुदाय, में बाटं कर राजनीति कर रही है। मेरी नींद और मेरा सपना किसने छीना
दो साल से लंबित टीईटी के अंक से भर्ती प्रक्रिया को लेकर नाटक ही नाटक हो रहा है। मामला कोर्ट में लेकिन सुनवाई अभी तक अंजाम में नहीं पहुंची है। लगता है जब तक फैसला आएगा तब तक एक पीढ़ी बीत चुकी होगी और देर से मिला न्याय यह होगा कि इन्हें पेंशन दे दी जाए क्योंकि इनकी तो अब रिटायरमेंट की उम्र हो गई है। 50 साल तक में तो न्याय मिल ही जाएगा क्यों भाई मैंने सही कहा ना,,,,कल मैंने सपने में देखा था जांच करा लिजिए बात बिल्कुल सही होगी सपने में एक संत ने भी यही देखा और मुझसे बताया था। यह इंडिया है यहां हकीकत रूपी गरीबी बेरोजगारी और स्विस बैंक में दबा हमारा सोना लाने की बात कोई मंत्री सरकार नहीं कहती है। सपने के बात पर सब कुछ हो जाता है। वाह भाई क्या बात है अब मैं उन लोगों को क्या बताउं जो मम्मी कहने पर इंडिया के भूख का एहसास होता है। आधे पेट खाकर जीने वाले करोड़ो भूखे भारतियों को रात में नींद नहीं आता है कितने बरोजगारो को सरकार की गलत नीतियों से बेरोजगारी का दंश झेल रहे लोगों को नींद कहां से आएगा नहीं तो हमभी सोते होते तो बता देते इस सरकार को की मेरे सपने में इस हिंदुस्तान में अरबों करोड़ों रूपये को महाखजाना है। हम युवा है हमारा हक हमें कब मिलेगा यह वाक्य आज भारतीय युवा 63 साल से सरकार चाला रही सभी पार्टियों से पूछा रही है जो हमें हमेशा जाति धर्म,कौम समुदाय, में बाटं कर राजनीति कर रही है। मेरी नींद और मेरा सपना किसने छीना
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