नोटबंदी के बाद राजनीति सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

चर्चित पोस्ट

मे उनमे इनमे मै मे bindu (अनुस्वार) या chandrabindu (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता

  Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार))  या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है।  Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं

नोटबंदी के बाद राजनीति


अभिषेक कांत पाण्डेय
नोट बंदी के बाद से देश की राजनीति दो खेमों में बंट गई है। सत्ता पक्ष जहां नोटबंदी के फायदे गिना रही है तो वहीं विपक्ष नोटबंदी से जनता को हो रही परेशानी को मुद्दा बनाकर राजनीति कर रही है। लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि नोटबंदी के बाद आम जनता को नोट बदलने के लिए लम्बी लम्बी कतरों में लगना पड़ रहा है। बैंकों में सही मैनेजमेंट न होने के कारण आम लोगों काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। देखा जाए तो नोटबंदी से होने वाले फायदे भी हैं तो नुकसान भी। विपक्ष ने आम जनता की परेशानियों को आगे लाकर राजनीति शुरु किया तो संसद की कार्यवाही भी बाधित रही। वहीं नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के समर्थन पर सर्वे कराकर जनता की राय मांगी, जाहिर है एक अरब से ज्यादा आबादी वाले देश में नोटबंदी पर यह सर्वे बेईमानी ही है लेकिन यह तय है कि मोबाइल फोन रखनेवालों में से नब्बे प्रतिशत से अधिक ने नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया है। सच्चाई यह है कि भारत में नोटबंदी जैसे फैसला लेना राजनीतिक रूप से जरूरी था और भ्रष्टाचार के जरिये कमाये गए काले धन को ध्वस्त करने के लिए भी। वहीं सवाल यह है कि जिन्होंने काला धन इकट्ठा किया है, वे आम जनता के साथ लाइन में लगे नजर नहीं आए, आखिर कौनसी खामियां रह गई कि सारी परेशानियां आम जनता के खाते में आई। इससे यही जाहिर होता है कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार रूपी दीमक की सफाई के लिए नोटबंदी ही काफी नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी को कुछ और बड़ा करना होगा। सफाई अभियान में भ्रष्टाचार के संक्रमण को जड़ से मिटाना होगा। वहीं नोटबंदी के बाद जब ये खबरें आती हैं कि बैकडोर से पुराने एक हजार व पांच सौ के नोट बदले गए तब जाहिर है कि इस तरह की खबरें नोटबंदी की सफलता पर संदेह उठाती हैं।

नोटबंदी पर घमासान
नोटबंदी की तारीख आठ नवंबर से पहले भाजपा पार्टी ने अलग अलग राज्यों के जिलों में पार्टी के दफ्तर खोलने के लिए पुराने नोटों को ठिकाने लगाया, विपक्ष का यह आरोप संगीन है, इस पर जांच की जानी चाहिए। बहरहाल, ये संयोग भी हो सकता है कि नोटबंदी से पहले संपति की खरीद फरोख्त आदि को इस समय संदेह की निगाह से देखा जा रहा हो लेकिन जांच से दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा कि सच्चाई क्या है? पर विपक्ष की अपनी पीड़ा है कि नोटबंदी लागू होने से उन्हें राजनैतिक व आर्थिक नुकसान हुआ है क्योंकि कई सर्वे भी बाताते हैं कि चुनावों में लगभग हर पार्टी काले धन को खपाती है, वहीं ऐन वक्त में नोटबंदी के कारण चुनावों में गैर कानूनी तरीके से खर्च होने वाले काला धन अब किसी काम का नहीं रहा है। वहीं विपक्ष का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने काले धन को सफेद कर लिया है, नोटबंदी एक बड़ा घोटाला है। इन सब सवालों का उठाना विपक्ष की एक खींझ ही है।
सत्ता पक्ष ने नोटबंदी यानी विमुद्रीकरण का साहसिक फैसला लेकर आम लोगों का विश्वास जीत लिया है तो वहीं इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि भरतीय जनात पार्टी ने अपने पैसे मैनेज करने का उसे पूरा समय मिला गया हो क्योंकि जिस तरह से राजीनीति भ्रष्ट है उस नजरिये से देखा जाए तो दूध का धुला कोई नहीं है। वहीं इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता है कि मुट्ठीभर अच्छे नेताओं के बदौलत राजनीति में स्वच्छता बची हुई है, लेकिन ऐसे लोगों के अच्छे मनसूबे पर भ्रष्ट राजनीति पानी फेर देता है। नोटबंदी लागू होना जनता के लिए बड़ी जीत इसलिए भी है कि राजनीति में गैर कानूनी तरीके से खर्च होने वाला धन अब कूड़ा हो गया है। भले ये एक तरफा रहा हो लेकिन जो सियासत जनता को वोट बैंक के रूप जातिवादी, भाई भतीजावाद के नजरिये से देखती थी, आज उस पर करारा प्रहार हुआ है। ऐसे भ्रष्ट नेता व अधिकारियों का कालाधन अब किसी काम का नहीं है। देखा जाये तो नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व और उनकी रणनीति के पार इस समय कोई नहीं है, विपक्ष गलत मुद्दे उठाती रही है और उन मुद्दों पर बिखर जाती है। इसीलिए नीतीश कुमार ने नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया है, नीतीश कुमार राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं, मौका और नजाकत को समझते हैं इसीलिए उन्होंने नरेंद्र मोदी का विरोध करने के लिए विरोध की राजनीति करना सही नहीं समझा। वैसे नीतीश ने बिहार में शराबबंदी का फैसला लेकर नोटबंदी से पहले ही एक साहसिक काम कर चुके हैं। बीजेपी ने इस फैसले की आलोचना भी की। ये तो राजनीति का चाल चरित्र है कि एक दूसरे के विरोधी इसलिए भी अच्छे फैसलों का विरोध करते हैं ताकि उनके वोट बैंक पर सेंध कोई और न मार ले। लेकिन इन सब फैसलों से एक बात साफ हो गई कि भारत की जनता भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, नशाखोरी, बिजली की समस्या, खराब सड़क, खराब शिक्षा व्यवस्था, असंवेदनशील पुलिस व्यवस्था, रेत माफिया, शिक्षा माफिया, घोटालों से बेहद परेशान है। इसलिए भारत की जनता ठोस सुधार हर कीमत में चाहती हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों में वहां की सरकारें सुधार की पहल शुरू कर दिया लेकिन ये पहल ठोस व जमीनी स्तर पर नहीं है, कवेल वोट बैंक को अपनी ओर खींचने और चुनावी भाषण में गिनाने की केवल कवायद है। वहीं सवाल यह है कि मोदी सरकार नये तरीके प्रयोग करके दूसरे राज्यों में गैर भाजपा सरकारों के लिए चुनौती पेश कर रही है, इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
विरोध के लिए विरोध की राजीनीति क्यों
विपक्ष नोटबंदी के खिलाफ मोदी सरकार का विरोध इसलिए कर रही है कि वे नोटबंदी से होने वाले नफा और नुकसान के परिधि में ही खुद को देख रही हैं, वहीं ये सवाल लाजिमी है कि आखिर कांग्रेस के शासनकाल में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए इस तरह के फैसले क्यों नहीं लिए गए। अगर कांग्रेस नोटबंदी का फैसला पिछले 10 साल के शासनकाल में ले लेती तो जाहिर है जैसी राजनीति हम देखते आए उस पर विराम लगता और एक नई पहल का जनता स्वागत करती। साफ है कि नोटबंदी से होने वाले नुकसान के साथ ही फायदे भी है लेकिन केवल विरोध के विरोध की राजनीति ओछी है, इसीलिए विपक्ष के विरोध के कारण अगर संसद की कार्यवाही नहीं हो पा रही है तो जनता के पैसों की बर्बादी ही है। हालांकि देश में राजनीति हर घटना पर होती है लेकिन जब यह राजनीति केवल विरोध के विरोध की जबरजस्ती की हो तो ऐसी राजनीति से उल्टे नुकसान ही होता है।


राजनैतिक दलों में बढ़ेगा काॅम्पटीशन
नोटबंदी के लागू होने के फायदे व नुकसान को लेकर चर्चा हो रही है। राजनीति लाभ में भाजपा को इसका फायदा मिलेगा यह कहना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि मानसून की तरह नोटबंदी से होने वाले लाभ की जगह अगर बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे फैक्टर पर काबू नहीं पाया गया तो जाहिर है, इसका अभी का फायदा लंबे समय तक वोटों में कनवर्ट नहीं हो पायेगा। लोगों ने नोटबंदी को कालेधन पर नकेल कसने का सही तरीका बताया है लेकिन अगर इससे होने वाली परेशानियां नहीं थमी तो विपक्ष यानी एंटी भजपा पार्टी इसका फायदा उठा सकती है। वहीं अगर नोटबंदी के फायदे जनता के सामने प्रत्यक्ष रूप से आने लगे तो कुछ महीने बाद उत्तर प्रदेश व पंजाब का चुनाव है ऐसे में नोटबंदी से खुश हुए लोग भारतीय जनता पार्टी की नैया पार लगा सकती है।
वहीं उत्तर प्रदेश में वर्तमान समाजवादी सरकार ने नोटबंदी से जनता को होने वाली परशानियों को मुद्दा बनाया है। गरीब, किसान, आम लोगों को हो रही दिक्कतों के कारण नोटबंदी का विरोध किया लेकिन बाद में खुद को नोटबंदी के खिलाफ न होने की सफाई भी देना पड़ा है। लेकिन आने वाले समय में राज्य सराकारों के लिए काॅम्पटीशन जबरजस्त होगा। कारण साफ है कि जनधन योजना, नोटबंदी, सोने में खरीदकर काले धन को सफेद करने के धन्धे पर मोदी सरकार ने प्रहार किया है। सोना रखने की सीमा तय कर दिया। वहीं बेनामी जमीन और गलत तरीके से जमीन जायदाद बनाने वाले पर नकेल कसने का इशारा भी कर चुकी है। जाहिर है सुधारवादी नजरिये के साथ नरेंद्र मोदी जनता के सामने आये हैं। इससे एक कदम आगे लोगों को एक मुश्त पैसा देने की योजना को भी अमल कर सकते हैं। माना जा रहा है कि नोटबंदी के बाद पुराने एक हजार व पांच सौ के नोटों पर मिले टैक्स का फायदा आम जनता को मोदी सरकार दे सकती है लेकिन इसके लिए कानूनी तरीके ढूढ़े जा रहे हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो अपने पारंपिरक वोटर के साथ ही अब भाजपा गरीब, किसान, छोटे व्यवसायी, महिलाओं जैसे वर्गों को लुभाना चाहती है, जाहिर है वोट की राजनीति में अब तक जाति वर्ग के पैमाने में क्षेत्रीय दल अपने वोट टटोलती रही है, ऐसे में मोदी के फैसले भाजपा को उत्तर प्रदेश में सत्ता की कुर्सी का रास्ता आसान बना सकती है।
उत्तर प्रदेश में होने वाले पिछले कई चुनाव में समाजवादी पार्टी व बसपा में खास जाति वर्ग को लुभाकर आसानी से वोट हासिल करने की परंपरा इस चुनाव में टूटेगी इसीलिए भाजपा ने विकास मुद्दे के साथ अब सुधार मुद्दा का राग छेड़ दिया है। नोटबंदी, कैसलश इकोनाॅमी, सोना रखने की तय सीमा इन सब मुद्दे ने वर्तमान गैर भाजपा दल के राज्य सरकारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्य सरकारों को काॅम्पटीशन में टिके रहना है तो मोदी की तरह परफार्म करना होगा। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी तो वहीं उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं।
यूपी चुनाव पर नजर
वहीं देखा जाए तो अखिलेश यादव की मेट्रों योजना, 108 एम्बूलेंस योजना, आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे, स्मार्ट मोबाइल फोन योजना आदि ऐसे फैसले हैं जो चुनाव में भुनाने वाले हैं। वहीं लखनऊ में पटरियों पर मेट्रो का ट्राॅयल उद्घाटन हुआ, ये अलग बात है कि आम लोगों के लिए अभी मेट्रो से घूमने का मौका छह महीने बाद मिलेगा, वहीं आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे का उद्घाटन। इन सब विकास की बातों को चुनाव में रख कर अपने कार्यों को बताने की कवायद में सपा भारतीय जनता पार्टी के आमने सामने होगी। लेकिन देखना है कि उत्तर प्रदेश के मतदाता इसे किस नजरिये से देखते हैं। लेकिन इतना तय है कि मोदी की योजनाओं ने आम लोगों को अपने ओर खींचा है, इसी कारण बीजेपी विरोधी अन्य पार्टियों में भी विकास के कार्यों को जनता तक पहुंचाने की होड़ लगी है। भले वह आधी अधूरी ही क्यों न हो, इससे ये भी तय है कि शिक्षा, पानी, सड़क, बेराजगारी, पुलिस सुधार, भ्रष्टचार आदि पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकारों को भी नोटबंदी जैसे साहस भरे फैसले की जरूरत है।

नोटबंदी तो सही लेकिन कब सुधरेगा सरकारी तंत्र
नोटबंदी क्या सभी समस्याओं का एक मात्र संजीवनी वटी है। नोटबंदी के साइड इफेक्ट के तौर पर आम आदमी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इन सबके बावजूद सवाल यह कि काले धन का कारोबार घटेगा कि नहीं है? क्या हमारी अर्थव्यवस्था बिना नकदी के हो पायेगी?  इन सवालों के बीच यह भी सवाल है कि क्या यह राजनीति फायदा उठाने के लिए लिया गया फैसला है? जाहिर है देश के लोग भ्रष्टाचार और काली कमाई वाले पर लगाम लगाने के लिए वे हर सरकार की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देखती है लेकिन जब इस तरह का साहासिक फैसला लिया जाता है तो उस हुक्मरान के प्रति जनता आशा भरी नजरों से देखती है, जिस देश में एक प्रतिशत लोग की हैसियत इतनी अधिक है कि उनमें से ऐसे लोग ही काला धन की सबसे बड़ी कालाबाजारी करते हैं, जिन्हें बड़ी मछलियां कहा जाता है, ऐसे लोगों को पकड़ पान इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार का सिस्टम कितना दुरूस्त व ईमानदार है।
जाली नोटों पर कार्यवाई जरूरी
फर्जी नोटों का शिकंजा भारतीय अर्थव्यवस्था में दूर दूर तक फैला है। फर्जी नोटों को बाहर करने के लिए सरकारें अपने नोटों के फीचर्स में लगातार बदलाव करती रही हैं लेकिन जालसाज इसका तोड़ निकाल लेते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो अचानक एक हजार व पांच सौ के पुराने नोटों को बंद करने का फैसला काबिले तारीफ है। लेकिन नये दो हजार के जाली नोट जालसाजों ने बनाना शुरू कर दिया है, कई मामले सामने भी आए हैं। इसलिए जाली नोटों पर पुख्ता कार्यवाई करने की जरूरत हमेशा बनी रहती है, ताकी जाली करेंसी जब्त किया जा सके।
जमीन जायदाद की हो जांच
अनुमान यह है कि देश में काला धन का छह प्रतिशत नकद के रूप में है। हालांकि कुछ लोग इसे आठ तक प्रतिशत बताते हैं, बाकी पैसा सोना, रियल एस्टेट के रूप में या बेनामी खातों में या देश से बाहर जमा है। काला धन को नकद के रूप में नहीं रखा जाता क्योंकि इसकी कीमत कम हो जाती है। आयकर विभाग, सीबीआई या किसी सरकारी संस्थान द्वारा की गई छापेमारी की खबरों में पकड़े गए धन-संपत्ति में नकद कम होता है जबकि सोने व जमीन जायदाद के रूप में ज्यादा काला धन इनवेस्ट किया जाता है। ऐसे में नोटबंदी के फैसले से सारा काला धन खत्म हो जाएगा तो यह सोच केवल राजनीतिक फायदा उठाने तक ही सीमित है। असल में नोटबंदी के बाद पूरा प्रहार इस बात पर होना चाहिए कि इसके बाद कालाधन न पनप पाए और अगर कोई काला धन जमीन जायदाद, सोना या धन के रूप में हो तो उसे पकड़ने का बेहतर सिस्टम बनाना होगा।
नोटबंदी के बाद इसका फायदा आम जनता को मिलने लगे तो कहा जा सकता है कि नोटबंदी आम जनता के लिए फायदे में रही है लेकिन इसके लिए अभी इंतजार करना होगा हालांकि नोटबंदी सही से लागू होने के बाद इसके असर दिखने चाहिए। आम लोग लाइन में लगकर दिक्कतों के बावजूद इसलिए खुश है कि उन्हें इसका फायदा आने वाले समय में जरूर मिलेगा। जाहिर है नये सुधार लागू होने के समय दिक्कतों का सामना लोग असानी से कर ले रहे हैं लेकिन तब भी अगर सुधार दिखाई नहीं दिया तो लोगों के आक्रोश सरकार के खिलाफ जनमत तैयार करेगा, संभव हो इसका फायदा विपक्षी दल एकजुट होकर इसका उठा ले जाए। नोटबंदी के बाद जनता की उम्मीदें मोदी सरकार से बढ़ गई हैं। इन उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए मोदी सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर ईमानदारी से फैसले लेने होंगे।
मोदी सरकार के पास ये हैं चुनौतियां
भ्रष्टाचार से कमाया गया धन या कर-चोरी की रकम भी काला धन होता है। यानी आम लोगों को इस पहल का फायदा इस तरह से मिलना चाहिए कि अब भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा, राजनीतिक व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगी, कर चोरी नहीं होगी, भ्रष्ट आचरण बंद हो जाएंगे। केवल नोटबंदी से संभव नहीं इसके मोदी सरकार को कई और सुधार करने होंगे-पुलिस-नौकरशाही सुधार, पारदर्शी सरकारी तंत्र, प्राइवेट क्षेत्र में न्यूनतम सेलरी, आधार कार्ड को हर जगह पहचान के लिए लागू करना, न्याय को सस्ता व सुगम बनाना, जिनके पास घर नहीं ऐसे लोगों को घर उपलब्ध कराना, शिक्षा व्यवस्था पर एक पाठ्यक्रम व गुणवत्ता वाली शिक्षा हर किसी को देने की नीति, बेनामी सम्पति को अधिग्रहण करना, अपराधिक मामलों से जुड़े व्यक्ति को चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए, अगर इस तरह के सुधार जल्द न किए गए तो नए नोटों से तमाम काले काम फिर होना षुरू हो जाएगा। वहीं नोटबंदी के जरिये भले काला धन का जमा भंडार (छह से आठ फीसदी) खत्म कर देंगे, मगर संपूर्ण सुधार नहीं हुआ तो उसके प्रवाह को रोक पाना संभव नहीं होगा।


टिप्पणियाँ

चर्चित आर्टिकल

ईमेल लेखन कैसे करें | cbse class 10, 9 Email writing in hindi

  ईमेल लेखन कैसे करें cbse class 10, 9 Email writing in hindi CBSE बोर्ड की क्लास 9th और 10th में सेशन 2022 23 से ईमेल राइटिंग पर प्रश्न पूछा जाएगा। ईमेल राइटिंग जी का यह प्रश्न सीबीएसई बोर्ड क्लास 10th की बोर्ड परीक्षा में ढाई अंक का होगा। आपको बता दें कि क्लास 9th और 10th मे अनुच्छेद-लेखन Anuched Lekhan for class 10 and 9 , लघुकथा-लेखन , विज्ञापन-लेखन, संदेश-लेखन, संवाद-लेखन से प्रश्न भी पूछा जाता है इस पर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो क्लिक करके पढ़ें… छात्रों ईमेल राइटिंग लिखना बहुत आसान है। ईमेल राइटिंग का प्रारूप और विषय आपको बस समझ में आना चाहिए। आपको यह बता दे कि आपकी परीक्षा में औपचारिक यानी कि फॉर्मल ईमेल राइटिंग ही पूछा जाएगा. औपचारिक ई मेल (Formal email) जैसे कि बैंक मैनेजर को  पासबुक जारी करने के लिए ई-मेल लिखना, आप एक लाइब्रेरियन है और किताब मगवाना चाहते हैं  तो बुक पब्लिशर को आप ईमेल लिखेंगे। ई-मेल की भाषा हिंदी | Email writing in hindi अगर आप ईमेल लिख रहे हैं तो उसकी भाषा हिंदी ही होनी चाहिए। प्रचलित का अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं, जैसे स्कूल, बस

लघु-कथा' CBSE BOARD CLASS 9 NEW SYLLABUS LAGHU KATHS LEKHAN

'लघु-कथा' CBSE BOARD CLASS 9 NEW SYLLABUS LAGHU KATHA LEKHAN  लघु और कथा शब्द से मिलकर बना हुआ है। लघु का अर्थ होता है- छोटा और कथा का अर्थ होता है-कहानी। Laghu Katha ke Udharan class 9th hindi term-2 sylabuss 2022 hindi  न्यू सिलेबस सीबीएसई बोर्ड लघु कथा लेखन क्लास नाइंथ इस तरह लघुकथा का अर्थ हुआ कि 'छोटी कहानी'। the shrot story छात्रों हिंदी साहित्य को दो भागों में बाँटा गया है, पहला गद्य साहित्य (gadya sahitya)  और दूसरा काव्य साहित्य ।  गद्य साहित्य के अंतर्गत कहानी, नाटक, उपन्यास, जीवनी, आत्मकथा विधाएँ आती हैं। इसी में लघु-कथा विधा भी 'गद्य साहित्य' का एक हिस्सा है। कहानी उपन्यास के बाद यह विधा सर्वाधिक प्रचलित भी है। लघुकथा की महत्वपूर्ण बातें the important character of laghu katha in Hindi लघु कथा क्यों लिखी जाती है? 1.आधुनिक समय में इंसानों के पास समय का अभाव होने लगा और वे कम समय में साहित्य पढ़ना चाहते थे तो  'लघु-कथा' का जन्म हुआ। लघु कथा का जन्म कैसे हुआ? हमारी संस्कृति में लघु कथा का क्या-क्या रूप है? laghu Katha kya hota hai? 2.लघु कथा

MCQ Vachya वाच्य class 10 cbse board new 2021

MCQ Vachya  वाच्य class 10 cbse board new 2021 CBSE Change question paper pattern in hindi. Hindi Grammar asking MCQ's. वाच्य Vachya topic given multiple cohice question with answer.     सीबीएसइ कक्षा 10 की हिन्दी  अ Syllabus 2021 में अब अधिकतर Questions Objective  टाइप के प्रश्न पूछे जाएंगें। यहां पर Vachya वाच्य टॉपिक से दे रहे हैं। Vachya Topic  में 5 में से 4  इस वाच्य टॉपिक questions आएंगे। वाच्य शब्द का अर्थ बोलने का तरीका वाच्य कहलाता है। ऐसा वाक्य जहां पर क्रिया का पर प्रभाव कर्ता, कर्म या भाव का पड़ता है तो क्रिया उसी के अनुसार परिवर्तित होती है। इस तरह से वाच्य तीन प्रकार के हुए। क्योंकि तीन तरह से क्रिया पर प्रभाव पड़ता है। यानी  1 कर्ता  2 कर्म  3 भाव क्रिया विधानों के अनुसार वाच्य 3 तरह के होते हैं- 1 कर्तृवाच्य (Active Voice) 2. कर्मवाच्य (Passive Voice) 3. भाववाच्य (Impersonal Voice) कर्तृवाच्य व अ कर्तृवाच्य   के अनुसार वाच्य दो प्रकार के होते हैं- 1 कर्तृवाच्य 2  अ कर्तृवाच्य  अ कर्तृवाच्य के दो भेद होते हैं-        i. कर्मवाच्य (Passive Voice)         ii भावव

MCQ Balgobin Bhagat CBSE Class 10

  MCQ Balgobin Bhagat CBSE Class 10  बालगोबिन भगत पाठ, लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी क्षितिज भाग- क्षितिज भाग- 2 बुक से MCQ Balgobin Bhagat, CBSE Class 10  CBSE 2023  नए परीक्षा पैटर्न के अनुसार इस बार हिन्दी अ पाठ्यक्रम में पेपर में दो खंड होंगे। अ और ब खंड हैं। Examination में  MCQ क्यूश्चन ( questions) पूछा जाएगा।  इस   सीरीज में MCQ Balgobin Bhaghat CBSE Class 10  MCQ दे रहे हैं। कक्षा 10 क्षितिज भाग 2 book kshitij   से Balgobin Bhaghat  MCQ  CBSE Class 10  पर बहुविकल्पी MCQs प्रश्न दे रहे हैं। Class 10 Hindi Class YouTube Channel Link    निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्पों पर टिक ​लगाइए —  1 भगत जी कौन-सा काम करते थे? i खेतीबारी ii नौकरी iii भजन गाते ​थे iv व्यापार करते थे उत्तर—i  खेतीबारी 2 बालगोबिन भगत किसको साहब कहते थे? i भगवान ii कबीर iii जमींदार iv मुखिया उत्तर—ii कबीर 3. बालगोबिन भगत साहब के दरबार में फसल ले जाते थे। यहां साहब के दरबार से क्या अभिप्रायय है? i जमींदार की हवेली ii राजा का दरबार iii कबीरपंथी मठ iv मंडी उत्तर—iii कबीरपंथी मठ 4.  ठंडी पुरवाई का क्या मतल

MCQ Ras Hindi class 10 cbse Update 2023

MCQ Ras Hindi class 10 cbse Update 2023 MCQ Ras Hindi class 10 cbse Ras Hindi MCQ class# 10 CBSE board new# syllabus objective questions. New gyan dotcom Gmail important question topic ras रस पर क्वेश्चन आंसर यहां दिये जा रहे हैं।‌  If you have any problem of the topic of Hindi Ras write a comment, I will solve your problems within 24 hours. You have know that  multiple choice question coming Hindi grammar section class of 10.  Ras,  Rachna ke Aadhar per Vakya, Pad Parichy,  aur Vachy. रस, रचना के आधार पर वाक्य, पद परिचय और वाच्य है। यहां पर रस पर आधारित MCQ क्वेश्चन दिए जा रहे हैं यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा कई प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी रस पर MCQ  प्रश्न काफी आते हैं। Given 10 topic question answer objective type. latest 2022-23 रस के बहुविकल्पी प्रश्न के उत्तर भी लिखे हुए हैं। १. निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए चार विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ सही विकल्प चुनिए। रस  को काव्य की आत्मा माना जाता है। " जब किसी नाटक, काव्य में आनंद की अनुभूति होती है त

Laghu Katha Lekhan CBSE Board

     लघु कथा कैसे लिखें, उदाहरण से समझें CBSE board hindi  प्रस्थान बिंदु के आधार पर लघु कथा (laghu katha)  लिखना। CBSE Board 9th class Laghu Katha lekhan दसवीं बोर्ड की कक्षा 9 के सिलेबस में और कई  बोर्ड की परीक्षा में इस तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं।  (new syllabus 2022 Laghu Katha lekhan)    दिए गए प्रस्थान बिंदु (prasthan Bindu) का मतलब है कि दो या चार लाइन लघुकथा के दिए होते हैं। उसके बाद आपको 80 से 100 शब्दों में लघुकथा को पूरा करना होता है। उसका एक शीर्षक (title) लिखना होता है।  नई शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy) में भाषा में रचनात्मक लेखन (Creative Writing) को बढ़ावा दिया गया है। इसलिए  हिंदी Hindi, अंग्रेजी, मराठी  उर्दू किसी भी भाषा के पेपर में संवाद लेखन, लघुकथा, लेखन अनुच्छेद, (anuchchhed lekhan) लेखन, विज्ञापन लेखन, (Vigyapan lekhan) सूचना लेखन (Hindi mein Suchna lekhan) जैसे टॉपिक में नई शिक्षा नीति के ( new education policy 2021) अंतर्गत सिलेबस में रखे गए हैं।  लघुकथा लेखन 9 व 10 की परीक्षा में पूछा जाता है Laghu katha lekhan in Hindi in board examination

भारतीय आजादी के गुमनाम नायक

भारतीय आजादी के गुमनाम नायक bhaarateey aajaadee ke gumanaam naayak 2022 आज हम अपनी मर्जी से कहीं भी आ जा सकते हैं, पढ़ लिख सकते हैं अपने मनपसंद का करियर चुन सकते हैं, क्योंकि हम आजाद हैं और इस आजादी के लिए वीरों ने अपनी आहुति दी है, पर जब स्वतंत्रता सेनानियों के नाम बताने की बारी आती है तो हम सिर्फ गिने-चुने नाम ही बता पाते हैं, जबकि हकीकत यह है कि आजादी सिर्फ कुछ लोगों के बलिदान से नहीं मिली बल्कि इसके लिए बहुतों ने अपनी जान गंवाई। इनमें से कई तो गुमनामी की अंधेरों में खो चुके हैं। हम आपको ऐसे ही स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी-  आजादी के गुमनाम नायक हम बताने जा रहे हैं आजादी के महानायक जिनको हम भूल गए हैं-- कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़ने वाले कन्हैयालाल कई बार अंग्रेजी शासन के खिलाफ आवाज उठाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए और अंग्रेजों के जुल्म का शिकार हुए पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी हर बार दुगनी ताकत के साथ अंग्रेजों से मुकाबला किया। भगत सिंह, चंद्रशेखर आजा

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ईमेल लेखन कैसे करें | cbse class 10, 9 Email writing in hindi

  ईमेल लेखन कैसे करें cbse class 10, 9 Email writing in hindi CBSE बोर्ड की क्लास 9th और 10th में सेशन 2022 23 से ईमेल राइटिंग पर प्रश्न पूछा जाएगा। ईमेल राइटिंग जी का यह प्रश्न सीबीएसई बोर्ड क्लास 10th की बोर्ड परीक्षा में ढाई अंक का होगा। आपको बता दें कि क्लास 9th और 10th मे अनुच्छेद-लेखन Anuched Lekhan for class 10 and 9 , लघुकथा-लेखन , विज्ञापन-लेखन, संदेश-लेखन, संवाद-लेखन से प्रश्न भी पूछा जाता है इस पर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो क्लिक करके पढ़ें… छात्रों ईमेल राइटिंग लिखना बहुत आसान है। ईमेल राइटिंग का प्रारूप और विषय आपको बस समझ में आना चाहिए। आपको यह बता दे कि आपकी परीक्षा में औपचारिक यानी कि फॉर्मल ईमेल राइटिंग ही पूछा जाएगा. औपचारिक ई मेल (Formal email) जैसे कि बैंक मैनेजर को  पासबुक जारी करने के लिए ई-मेल लिखना, आप एक लाइब्रेरियन है और किताब मगवाना चाहते हैं  तो बुक पब्लिशर को आप ईमेल लिखेंगे। ई-मेल की भाषा हिंदी | Email writing in hindi अगर आप ईमेल लिख रहे हैं तो उसकी भाषा हिंदी ही होनी चाहिए। प्रचलित का अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं, जैसे स्कूल, बस

लघु-कथा' CBSE BOARD CLASS 9 NEW SYLLABUS LAGHU KATHS LEKHAN

'लघु-कथा' CBSE BOARD CLASS 9 NEW SYLLABUS LAGHU KATHA LEKHAN  लघु और कथा शब्द से मिलकर बना हुआ है। लघु का अर्थ होता है- छोटा और कथा का अर्थ होता है-कहानी। Laghu Katha ke Udharan class 9th hindi term-2 sylabuss 2022 hindi  न्यू सिलेबस सीबीएसई बोर्ड लघु कथा लेखन क्लास नाइंथ इस तरह लघुकथा का अर्थ हुआ कि 'छोटी कहानी'। the shrot story छात्रों हिंदी साहित्य को दो भागों में बाँटा गया है, पहला गद्य साहित्य (gadya sahitya)  और दूसरा काव्य साहित्य ।  गद्य साहित्य के अंतर्गत कहानी, नाटक, उपन्यास, जीवनी, आत्मकथा विधाएँ आती हैं। इसी में लघु-कथा विधा भी 'गद्य साहित्य' का एक हिस्सा है। कहानी उपन्यास के बाद यह विधा सर्वाधिक प्रचलित भी है। लघुकथा की महत्वपूर्ण बातें the important character of laghu katha in Hindi लघु कथा क्यों लिखी जाती है? 1.आधुनिक समय में इंसानों के पास समय का अभाव होने लगा और वे कम समय में साहित्य पढ़ना चाहते थे तो  'लघु-कथा' का जन्म हुआ। लघु कथा का जन्म कैसे हुआ? हमारी संस्कृति में लघु कथा का क्या-क्या रूप है? laghu Katha kya hota hai? 2.लघु कथा

MCQ Vachya वाच्य class 10 cbse board new 2021

MCQ Vachya  वाच्य class 10 cbse board new 2021 CBSE Change question paper pattern in hindi. Hindi Grammar asking MCQ's. वाच्य Vachya topic given multiple cohice question with answer.     सीबीएसइ कक्षा 10 की हिन्दी  अ Syllabus 2021 में अब अधिकतर Questions Objective  टाइप के प्रश्न पूछे जाएंगें। यहां पर Vachya वाच्य टॉपिक से दे रहे हैं। Vachya Topic  में 5 में से 4  इस वाच्य टॉपिक questions आएंगे। वाच्य शब्द का अर्थ बोलने का तरीका वाच्य कहलाता है। ऐसा वाक्य जहां पर क्रिया का पर प्रभाव कर्ता, कर्म या भाव का पड़ता है तो क्रिया उसी के अनुसार परिवर्तित होती है। इस तरह से वाच्य तीन प्रकार के हुए। क्योंकि तीन तरह से क्रिया पर प्रभाव पड़ता है। यानी  1 कर्ता  2 कर्म  3 भाव क्रिया विधानों के अनुसार वाच्य 3 तरह के होते हैं- 1 कर्तृवाच्य (Active Voice) 2. कर्मवाच्य (Passive Voice) 3. भाववाच्य (Impersonal Voice) कर्तृवाच्य व अ कर्तृवाच्य   के अनुसार वाच्य दो प्रकार के होते हैं- 1 कर्तृवाच्य 2  अ कर्तृवाच्य  अ कर्तृवाच्य के दो भेद होते हैं-        i. कर्मवाच्य (Passive Voice)         ii भावव

MCQ Balgobin Bhagat CBSE Class 10

  MCQ Balgobin Bhagat CBSE Class 10  बालगोबिन भगत पाठ, लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी क्षितिज भाग- क्षितिज भाग- 2 बुक से MCQ Balgobin Bhagat, CBSE Class 10  CBSE 2023  नए परीक्षा पैटर्न के अनुसार इस बार हिन्दी अ पाठ्यक्रम में पेपर में दो खंड होंगे। अ और ब खंड हैं। Examination में  MCQ क्यूश्चन ( questions) पूछा जाएगा।  इस   सीरीज में MCQ Balgobin Bhaghat CBSE Class 10  MCQ दे रहे हैं। कक्षा 10 क्षितिज भाग 2 book kshitij   से Balgobin Bhaghat  MCQ  CBSE Class 10  पर बहुविकल्पी MCQs प्रश्न दे रहे हैं। Class 10 Hindi Class YouTube Channel Link    निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्पों पर टिक ​लगाइए —  1 भगत जी कौन-सा काम करते थे? i खेतीबारी ii नौकरी iii भजन गाते ​थे iv व्यापार करते थे उत्तर—i  खेतीबारी 2 बालगोबिन भगत किसको साहब कहते थे? i भगवान ii कबीर iii जमींदार iv मुखिया उत्तर—ii कबीर 3. बालगोबिन भगत साहब के दरबार में फसल ले जाते थे। यहां साहब के दरबार से क्या अभिप्रायय है? i जमींदार की हवेली ii राजा का दरबार iii कबीरपंथी मठ iv मंडी उत्तर—iii कबीरपंथी मठ 4.  ठंडी पुरवाई का क्या मतल

MCQ Ras Hindi class 10 cbse Update 2023

MCQ Ras Hindi class 10 cbse Update 2023 MCQ Ras Hindi class 10 cbse Ras Hindi MCQ class# 10 CBSE board new# syllabus objective questions. New gyan dotcom Gmail important question topic ras रस पर क्वेश्चन आंसर यहां दिये जा रहे हैं।‌  If you have any problem of the topic of Hindi Ras write a comment, I will solve your problems within 24 hours. You have know that  multiple choice question coming Hindi grammar section class of 10.  Ras,  Rachna ke Aadhar per Vakya, Pad Parichy,  aur Vachy. रस, रचना के आधार पर वाक्य, पद परिचय और वाच्य है। यहां पर रस पर आधारित MCQ क्वेश्चन दिए जा रहे हैं यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा कई प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी रस पर MCQ  प्रश्न काफी आते हैं। Given 10 topic question answer objective type. latest 2022-23 रस के बहुविकल्पी प्रश्न के उत्तर भी लिखे हुए हैं। १. निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए चार विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ सही विकल्प चुनिए। रस  को काव्य की आत्मा माना जाता है। " जब किसी नाटक, काव्य में आनंद की अनुभूति होती है त