Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
हिंदी व्याकारण
नवाचार
कक्षा 4 व 5
संज्ञा और उसके
प्रथम चरण
सर्वप्रथम शिक्षक द्वारा कक्षा में बच्चों का नाम पूछेगा। आपक नाम क्या है?
इस तरह वह छह बच्चों से नाम पूछकर उन्हें एक एक कार्ड क्रम से दे देगा और बैठने के लिए कहेंगे। कुछ बच्चों से शिक्षक पूछेगा कि वे कहाँ-कहाँ घूमने के लिए गए थे? इस तरह से कुछ स्थानों का नाम वह श्यामपट्ट पर लिख देगा।
दूसरा चरण
प्रस्तावना प्रश्न के बाद,
ब्लैक बोर्ड पर संज्ञा लिखना, फिर किसी बच्चे का नाम ब्लैकबोर्ड पर लिखना। वह किस शहर में रहता है। वह भी लिखना। फिर एक पंक्ति में यह बताना कि मैं प्रयागराज में रहता हूं। तो यहाँ पर संज्ञा कौन-कौन सी है। उसे इंगित करेंगे यानी जो नाम है, वह संज्ञा है।
`राजू` यहां पर किसी भी बच्चे का नाम लिख सकते हैं। संज्ञा एक नाम है क्योंकि यह एक लड़के का नाम है। जबकि `प्रयागराज` किसी स्थान का नाम है, इसलिए यह भी संज्ञा है।
श्यामपट् पर व्यक्तिवाचक संज्ञा लिखकर, पहले वाले बच्चे के कार्ड पर लिखे गए शब्दों को पढ़ने के लिए कहेंगे। बच्चा कार्ड से शब्द पढे़गा।
राम, गीता, लखनऊ, रामायण।
बच्चों से पूछा जाएगा कि राम एक व्यक्ति हैं। लखनऊ एक स्थान है। रामायण एक किताब है, यानि कि एक वस्तु है। इन सब को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहा जाता है।
बच्चों के सामने बोलते हुए व्यक्तिवाचक संज्ञा का अन्य उदाहरण लिखेंगे- सचिन तेंदुलकर, ताजमहल, कुरान, गंगा, जमुना आदि शब्दों को प्रश्नों के माध्यम से व्यक्तिवाचक संज्ञा को समझाया जाएगा।
श्यामपट्ट के बायीं तरफ लिखा जाएगा व्यक्तिवाचक संज्ञा- किसी व्यक्त, स्थान और वस्तु का बोध यानी ज्ञान कराने वाले शब्द व्यक्तिवाचक को संज्ञा कहते हैं।`
मैथ का भूत हटाओ ये टिप्स अपनाओ
तीसरा चरण
इसी तरह से संज्ञा के दूसरे भेद जातिवाचक संज्ञा के बारे में समझाया जाएगा। लेकिन इसके लिए जो `जातिवाचक संज्ञा कार्ड` वाले बच्चे से कार्ड पर लिखे गए शब्दों को पढ़ने के लिए कहेंगे।
बच्चा पढे़गा- लड़का, नदी, पहाड़, किताब इत्यादि।
शब्दों को श्यामपट्ट पर लिखकर बच्चों द्वारा फिर से पढ़ा जाएगा और व्यक्तिवाचक संज्ञा बनाने के लिए कहा जाएगा।
बताया जाएगा कि यहाँ बैठे लड़के, अपना नाम बताएं, इस बात को स्पष्ट किया जाएगा कि व्यक्तिवाचक से जातिवाचक संज्ञा, कैसे बनाया जा सकता है?
कुछ बच्चों का नाम राम, श्याम इस तरह से लड़कियों के नाम भी कक्षा में पूछा जाएगा, जिसमें नाम रमेश, गीता आदि होगा। इसे `व्यक्तिवाचक संज्ञा` बताएंगे और इनकी जो जाति होगी, जैसे रमेश लड़का और गीता लड़की है तो ये इसकी जाति हुई। जातिवाचक संज्ञा सभी नामें के लड़का व लड़की के लिए प्रयोग होगा इसलिए `जातिवाचक संज्ञा` कहलाएगा।
इस तरह श्यामपट्ट पर लिखेंगे `जातिवाचक संज्ञा` यानी जिन शब्दों से किसी जाति विशेष का बोध होता है, उसे `जातिवाचक संज्ञा` कहते हैं- जैसे राम एक लड़का है।
तो लड़का यहाँ `जातिवाचक संज्ञा` है।
इसी तरह कबूतर एक पक्षी है इसलिए पक्षी जातिवाचक संज्ञा है और अंत में उदाहरणों के माध्यम से कक्षा में पूछा जाएगा, जिससे उनके अंदर जातिवाचक और व्यक्तिवाचक संज्ञा के भेद को समझने का मूल्यांकन हो सके।
चौथा चरण
तीसरे कार्ड वाले छात्र से उसके तीसरे कार्ड के बारे में पूछा जाएगा। वह कार्ड से नाम पढे़गा बुढ़ापा,जवानी, बचपन आदि।
इन शब्दों को ब्लैक बोर्ड पर लिखकर कहेंगे कि यह शब्द किसी भाव, दशा व गुण आदि के बारे बताते हैं, ऐसे शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहा जाता है।
भाववाचक संज्ञा समझाने के लिए आदमी की दशा बचपन की, जवानी की, बुढ़ापे की होती है। यह दशा एक तरह से नाम ही है इसलिए इसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
दूसरे तरीके से की आम मीठा है तो इसमें खट्टास नहीं है तो क्या है, बच्चे बताएंगे मिठास है।
`मिठास` शब्द आम का गुण है, जिसे संज्ञा कहा जाता है।
इस तरह से क्रोध, कालिमा, लालिमा जैसे शब्दों से भाववाचक संज्ञा को समझाया जाएगा। इस तरह से ब्लैक बोर्ड पर तीनों संज्ञा के भेदों को लिखकर एक बार बच्चों को फिर से मौखिक तौर पर अब तक पढ़ाएं गएं, विषय वस्तू को मझाया जाएगा।
6 कार्ड में 3 कार्ड अभी हमारे पास बचे हैं, जो अन्य बच्चे के पास है। इस कार्ड में कुछ शब्दों के समूह लिखा होगा। पहला कार्ड भाववाचक संज्ञा का होगा। जिसमें सुंदरता, सौंदर्य, धीरता, घबराहट, थकान, दूरी निकटता आदिक शब्द होंगे। उनको ब्लैकबोर्ड पर बच्चे द्वारा पढ़ने के बाद लिखा जाएगा।
तत्पश्चात पूछा जाएगा कि `घबराहट` शब्द का अर्थ है, घबराना।
घबराना एक क्रिया है लेकिन घबराहट एक तरह का संज्ञा है। जिससे दशा का पता चलता है तो इस तरह से यह कौन-सी संज्ञा हुई, बच्चे तुरंत बताएंगे- यह `भाववाचक संज्ञा` है। यानी कि यह `भाववाचक संज्ञा` के शब्द हैं।
एक के बाद एक हर शब्दों पर विचार करते हुए बच्चों में भाववाचक संज्ञा की समझ को समझाना और उसका आकलन करना होगा।
इसी तरह से दूसरा कार्ड जो बचा है, उसमें नदी,पर्वत, लड़की, औरत, जानवर, हिमालय आदि शब्द लिखे होंगे। जिसे बच्चा पढ़ेगा, शिक्षक द्वारा ब्लैक बोर्ड पर लिख दिया जाएगा। फिर पूछा जाएगा कि `पर्वत` संज्ञा का कौन-सा भेद है। बच्चे बताएँगे कि यह जातिवाचक संज्ञा` का भेद है क्योंकि `पर्वत` एक जाति का बोध कराता है-हिमालय, एटलस आदि। व्यक्तिवाचक संज्ञा है, लेकिन जाति पर्वत है, यहाँ पर इन शब्दों में `जातिवाचक संज्ञा` पर चर्चा करेंगे लेकिन कार्ड के उदाहरण में `हिमालय` लिखा है। बच्चों से पूछेंगे कि `जातिवाचक संज्ञा` है, या `व्यक्तिवाचक संज्ञा`।
अब तक संज्ञा के भेदों के प्रति अवधारणा का विकास हो चुका होगा और वह तुरंत ही बच्चा जवाब देगा कि इसमें जो `हिमालय` है वह `व्यक्तिवाचक संज्ञा` है। अतः इस कार्ड में गलत लिखा हुआ है। इस तरह से असहमति दर्ज़ करते हुए शिक्षक, थोड़ा-सा तर्क-वितर्क करेगा। अंत में बच्चों द्वारा यह समझाया जाएगा (या ऐसी संभावना है कि वह बताएंगे कि हिमालय पर्वत है,) इसलिए हिमालय पर्वत जातिवाचक संज्ञा है।
बच्चों में इस तरह की अवधारणा की पुष्टि लेने के लिए संज्ञा के भेद में निम्नलिखित शब्दों में कौन—सी संज्ञा का भेद है, उसे छाँटकर व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा के भेद लिखने को दिया जाएगा।
राम, श्याम, बाइबिल,बुढ़ापा, खुशी, लड़का, व्यक्ति,पक्षी, कौआ,विद्यालय, लड़कपन, बचपन, मिठास।
नवाचार प्रस्तुति
अभिषेक कांत पांडेय
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कक्षा 4 व 5
संज्ञा और उसके
सामग्री- 6 कार्ड उसमें संज्ञा के तीनों भेद के उदाहरण लिखा हुआ होगा। यह कार्ड ताश के पत्ते के आकार का होगा।
प्रथम चरण
सर्वप्रथम शिक्षक द्वारा कक्षा में बच्चों का नाम पूछेगा। आपक नाम क्या है?
इस तरह वह छह बच्चों से नाम पूछकर उन्हें एक एक कार्ड क्रम से दे देगा और बैठने के लिए कहेंगे। कुछ बच्चों से शिक्षक पूछेगा कि वे कहाँ-कहाँ घूमने के लिए गए थे? इस तरह से कुछ स्थानों का नाम वह श्यामपट्ट पर लिख देगा।
दूसरा चरण
प्रस्तावना प्रश्न के बाद,
ब्लैक बोर्ड पर संज्ञा लिखना, फिर किसी बच्चे का नाम ब्लैकबोर्ड पर लिखना। वह किस शहर में रहता है। वह भी लिखना। फिर एक पंक्ति में यह बताना कि मैं प्रयागराज में रहता हूं। तो यहाँ पर संज्ञा कौन-कौन सी है। उसे इंगित करेंगे यानी जो नाम है, वह संज्ञा है।
`राजू` यहां पर किसी भी बच्चे का नाम लिख सकते हैं। संज्ञा एक नाम है क्योंकि यह एक लड़के का नाम है। जबकि `प्रयागराज` किसी स्थान का नाम है, इसलिए यह भी संज्ञा है।
श्यामपट् पर व्यक्तिवाचक संज्ञा लिखकर, पहले वाले बच्चे के कार्ड पर लिखे गए शब्दों को पढ़ने के लिए कहेंगे। बच्चा कार्ड से शब्द पढे़गा।
राम, गीता, लखनऊ, रामायण।
बच्चों से पूछा जाएगा कि राम एक व्यक्ति हैं। लखनऊ एक स्थान है। रामायण एक किताब है, यानि कि एक वस्तु है। इन सब को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहा जाता है।
बच्चों के सामने बोलते हुए व्यक्तिवाचक संज्ञा का अन्य उदाहरण लिखेंगे- सचिन तेंदुलकर, ताजमहल, कुरान, गंगा, जमुना आदि शब्दों को प्रश्नों के माध्यम से व्यक्तिवाचक संज्ञा को समझाया जाएगा।
श्यामपट्ट के बायीं तरफ लिखा जाएगा व्यक्तिवाचक संज्ञा- किसी व्यक्त, स्थान और वस्तु का बोध यानी ज्ञान कराने वाले शब्द व्यक्तिवाचक को संज्ञा कहते हैं।`
मैथ का भूत हटाओ ये टिप्स अपनाओ
तीसरा चरण
इसी तरह से संज्ञा के दूसरे भेद जातिवाचक संज्ञा के बारे में समझाया जाएगा। लेकिन इसके लिए जो `जातिवाचक संज्ञा कार्ड` वाले बच्चे से कार्ड पर लिखे गए शब्दों को पढ़ने के लिए कहेंगे।
बच्चा पढे़गा- लड़का, नदी, पहाड़, किताब इत्यादि।
शब्दों को श्यामपट्ट पर लिखकर बच्चों द्वारा फिर से पढ़ा जाएगा और व्यक्तिवाचक संज्ञा बनाने के लिए कहा जाएगा।
बताया जाएगा कि यहाँ बैठे लड़के, अपना नाम बताएं, इस बात को स्पष्ट किया जाएगा कि व्यक्तिवाचक से जातिवाचक संज्ञा, कैसे बनाया जा सकता है?
कुछ बच्चों का नाम राम, श्याम इस तरह से लड़कियों के नाम भी कक्षा में पूछा जाएगा, जिसमें नाम रमेश, गीता आदि होगा। इसे `व्यक्तिवाचक संज्ञा` बताएंगे और इनकी जो जाति होगी, जैसे रमेश लड़का और गीता लड़की है तो ये इसकी जाति हुई। जातिवाचक संज्ञा सभी नामें के लड़का व लड़की के लिए प्रयोग होगा इसलिए `जातिवाचक संज्ञा` कहलाएगा।
इस तरह श्यामपट्ट पर लिखेंगे `जातिवाचक संज्ञा` यानी जिन शब्दों से किसी जाति विशेष का बोध होता है, उसे `जातिवाचक संज्ञा` कहते हैं- जैसे राम एक लड़का है।
तो लड़का यहाँ `जातिवाचक संज्ञा` है।
इसी तरह कबूतर एक पक्षी है इसलिए पक्षी जातिवाचक संज्ञा है और अंत में उदाहरणों के माध्यम से कक्षा में पूछा जाएगा, जिससे उनके अंदर जातिवाचक और व्यक्तिवाचक संज्ञा के भेद को समझने का मूल्यांकन हो सके।
चौथा चरण
तीसरे कार्ड वाले छात्र से उसके तीसरे कार्ड के बारे में पूछा जाएगा। वह कार्ड से नाम पढे़गा बुढ़ापा,जवानी, बचपन आदि।
इन शब्दों को ब्लैक बोर्ड पर लिखकर कहेंगे कि यह शब्द किसी भाव, दशा व गुण आदि के बारे बताते हैं, ऐसे शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहा जाता है।
भाववाचक संज्ञा समझाने के लिए आदमी की दशा बचपन की, जवानी की, बुढ़ापे की होती है। यह दशा एक तरह से नाम ही है इसलिए इसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
दूसरे तरीके से की आम मीठा है तो इसमें खट्टास नहीं है तो क्या है, बच्चे बताएंगे मिठास है।
`मिठास` शब्द आम का गुण है, जिसे संज्ञा कहा जाता है।
इस तरह से क्रोध, कालिमा, लालिमा जैसे शब्दों से भाववाचक संज्ञा को समझाया जाएगा। इस तरह से ब्लैक बोर्ड पर तीनों संज्ञा के भेदों को लिखकर एक बार बच्चों को फिर से मौखिक तौर पर अब तक पढ़ाएं गएं, विषय वस्तू को मझाया जाएगा।
6 कार्ड में 3 कार्ड अभी हमारे पास बचे हैं, जो अन्य बच्चे के पास है। इस कार्ड में कुछ शब्दों के समूह लिखा होगा। पहला कार्ड भाववाचक संज्ञा का होगा। जिसमें सुंदरता, सौंदर्य, धीरता, घबराहट, थकान, दूरी निकटता आदिक शब्द होंगे। उनको ब्लैकबोर्ड पर बच्चे द्वारा पढ़ने के बाद लिखा जाएगा।
तत्पश्चात पूछा जाएगा कि `घबराहट` शब्द का अर्थ है, घबराना।
घबराना एक क्रिया है लेकिन घबराहट एक तरह का संज्ञा है। जिससे दशा का पता चलता है तो इस तरह से यह कौन-सी संज्ञा हुई, बच्चे तुरंत बताएंगे- यह `भाववाचक संज्ञा` है। यानी कि यह `भाववाचक संज्ञा` के शब्द हैं।
एक के बाद एक हर शब्दों पर विचार करते हुए बच्चों में भाववाचक संज्ञा की समझ को समझाना और उसका आकलन करना होगा।
इसी तरह से दूसरा कार्ड जो बचा है, उसमें नदी,पर्वत, लड़की, औरत, जानवर, हिमालय आदि शब्द लिखे होंगे। जिसे बच्चा पढ़ेगा, शिक्षक द्वारा ब्लैक बोर्ड पर लिख दिया जाएगा। फिर पूछा जाएगा कि `पर्वत` संज्ञा का कौन-सा भेद है। बच्चे बताएँगे कि यह जातिवाचक संज्ञा` का भेद है क्योंकि `पर्वत` एक जाति का बोध कराता है-हिमालय, एटलस आदि। व्यक्तिवाचक संज्ञा है, लेकिन जाति पर्वत है, यहाँ पर इन शब्दों में `जातिवाचक संज्ञा` पर चर्चा करेंगे लेकिन कार्ड के उदाहरण में `हिमालय` लिखा है। बच्चों से पूछेंगे कि `जातिवाचक संज्ञा` है, या `व्यक्तिवाचक संज्ञा`।
अब तक संज्ञा के भेदों के प्रति अवधारणा का विकास हो चुका होगा और वह तुरंत ही बच्चा जवाब देगा कि इसमें जो `हिमालय` है वह `व्यक्तिवाचक संज्ञा` है। अतः इस कार्ड में गलत लिखा हुआ है। इस तरह से असहमति दर्ज़ करते हुए शिक्षक, थोड़ा-सा तर्क-वितर्क करेगा। अंत में बच्चों द्वारा यह समझाया जाएगा (या ऐसी संभावना है कि वह बताएंगे कि हिमालय पर्वत है,) इसलिए हिमालय पर्वत जातिवाचक संज्ञा है।
बच्चों में इस तरह की अवधारणा की पुष्टि लेने के लिए संज्ञा के भेद में निम्नलिखित शब्दों में कौन—सी संज्ञा का भेद है, उसे छाँटकर व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा के भेद लिखने को दिया जाएगा।
राम, श्याम, बाइबिल,बुढ़ापा, खुशी, लड़का, व्यक्ति,पक्षी, कौआ,विद्यालय, लड़कपन, बचपन, मिठास।
नवाचार प्रस्तुति
अभिषेक कांत पांडेय
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मैथ का भूत हटाओ ये टिप्स अपनाओ
मातापिता चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छी आदतें सीखें और अपने पढ़ाई में आगे रहें, लेकिन आप चाहे तो बच्चों में अच्छी आदत का विकास कर सकते ...
धन्यवाद सर आपने बहुत ही बढ़िया जानकारी बताइए जो यह जानकारी हम पाकर बहुत ही अच्छा लगा है और उम्मीद करते हैं ऐसी ही जानकारी आप हमेशा देते रहेंगे।
जवाब देंहटाएंBilkul
हटाएंbhut acha lekh likha gya sir abhishek kant
जवाब देंहटाएंji ke dwara
nice post
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