Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्यो...
लाल बहादुर शास्त्री जयंती 2 अक्टूबर
Lal Bahadur Shastri Jayanti : 2 अक्टूबर (October) का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन भारत के 2 महान विभूति का जन्म हुआ। अहिंसा और सादगी का ज्ञान देने वाले महात्मा गांधी mahatma gandhi का जन्म 2 अक्टूबर सन 1869 को हुआ था। 2 अक्टूबर, 1904 को निडर और सादगी पसंद व्यक्तित्व लाल बहादुर शास्त्री lal bahadur shastri का जन्म हुआ था। इसलिए 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई जाती है।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान, जय किसान' का नारा दिया था। उनका यह नारा भारत के विकास में उत्साह का काम किया।
शास्त्री जी का ईमानदार व्यक्तित्व
सादगी, ईमानदार व निडरता के व्यक्तित्व के धनी लाल बहादुर शास्त्री Lal Bahadur shastri के विचारों से विदेशी लोग भी प्रभावित हैं।
शास्त्री जी हमेशा गरीबों की मदद के लिए आगे रहते थे। बचपन में उन्होंने बहुत ही कठिनाई से पढ़ाई की। नदी के पार विद्यालय था। नाव से नदी पार करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। वे तैरकर नदी पार करके विद्यालय जाते थे। वह किसी से मदद लेना नहीं चाहते थे। अपने छोटे संसाधनों में भी खुश रहते थे। उनका व्यक्तित्व हमारे लिए आदर्श है।
आज के इस भागमभाग युग में जहां लोग महंगे कपड़े और महंगी चीजों के प्रति प्रेम दिखाते हैं ऐसे में लाल बहादुर शास्त्री के व्यक्तित्व से सीख लेनी चाहिए। सहजता, सरलता, निडरता उनके व्यक्तित्व की पहचान है।
लाल बहादुर शास्त्री जी के विचार-
की अपनी एक गरिमा है और हर कार्य को अपनी पूरी क्षमता से करने में ही संतोष प्राप्त होता है।
देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह पूर्णनिष्ठाा है क्यों कि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है।
देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।
Lal Bahadur Shastri Birthday
Shastri Jayanti
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2 October Gandhi Jayanti
Lal Bahadur Shastri Jai Jawan Jai Kisan
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