Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
सबके लिए निःशुल्क शिक्षा कानून यानि आर0 टी 0 एक्ट के लागू क्यों किया गया ताकि सभी को शिक्षा गुणवक्तयुक्त मिले। जिसके लिए टीचर एजीबिलीटी टेस्ट यानि टेट लागू किया गया ताकी दक्ष शिक्षको का चयन हो। और वर्तमान में बीएड उपाधी के लिय न्यूनतम योग्यता ही स्नातक या परास्नातक में 50 फीसदी अंको से पास अभ्यर्थी ही बीएड की उपधि प्राप्त कर सकता है। अब हम उड़ती हुई खबरों में चलते है-
पहली खबर- बिना टीईटी वाले बनेंगे बेसिक शिक्षक - कैसे जब टीईटी 60 फीसदी अंको से पास अनिवार्य है तो और इस परीक्षा से बीएड उपाधी धारक की गुणवता का पता चलता है जोकि आर0 टी 0 एक्ट में अनिवार्य अहर्ता है। उत्तर प्रदेश में प्रथम टीईटी परीक्षा में 50 प्रतिशत बीएड उपाधी धारक इस पात्रता परीक्षा को 60 फीसदी अंको से पास नहीं हुए तो ऐसी खबर कहाँ तक तर्कसंगत हो सकती है।
दूसरी बात की प्राइमरी में बीएड उपाधि धारक टीचर के नियक्ति के लिए पात्र है और जो योग्यता बीएड के लिए है वही प्राइमरी टीचर के लिए है आर 0 टी 0 एक्ट के अनुसार और इसमे टेट पास होना अनिवार्य है। यानि बीएड उपाधी के लिय न्यूनतम योग्यता ही स्नातक या परास्नातक में 50 फीसदी अंको से पास अभ्यर्थी। ये सब बाते खबरों में नहीं आती क्योकि जिससे अधिक लोग प्रभावित होते है वही खबर बनती है। खबरों में टेट
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