Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्यो...
हमें उम्र के पड़ाव में एक ऐसे इंसान की जरूरत होती है जो हमारे सुख दुख को समझे उसे ही दोस्त कहते हैं। श्रीकृष्ण ने सुदामा से अपनी मित्रता निभाई। अमीर—गरीब, जाति व धर्म के बंधन से परे है दोस्ती। इस दुनिया में भीड़ होने के बाद भी आप अकेला हैं, आपके पास सब कुछ हो रूपया—पैसा,बैंक बैलेंस, मां, बाप, पत्नी, बच्चे हैं लेकिन एक सच्चा दोस्त नहीं तो आपकी जिंदगी जिम्मेदारियों के तले खत्म पत्नी की फरमाईश और बच्चें की जिद में ही जिंदगी दफन। दोस्त तो दोस्ती सांय पांच बजे से दुनियादारी की सीख दोस्त से मिलती है और जादूई पिटारे की तरह आपका दोस्त आपकी मुसीबत का हल भी निकाल लेता है। घर में कोई कार्यक्रम है, शादी, पार्टी, बेचारा दोस्त ही पूरी विश्वसनीयता के साथ लगा रहेगा। वहीं आपके रिश्तेदार तो बस एकही फिराक में कहीं से कमी हो और बना दे तिल का ताड़। अपना दोस्त इन सब चीज़ों से बचाता आपकी नाक भी बचा लेता है। दोस्त हर मुसीबत की चाभी है।
दोस्त के खाल में चमचों से बचकर रहना चाहिए तिल के ताड़ पर चढ़ा देते हैं। कथाकथित दोस्त की भूमिका में कहलाने वाले असल में ये चमचे होते हैं जो आपसे अपना उल्लू सीधा करते हैं, आजमाना हो तो अभी फोन उठाइये अपने को मुसीबत में फंसा बताइए और कहिए दोस्त जल्दी से अपनी बाइक लेकर आ जाओं जाम में फंस गया हूं कोई साधन नहीं मिल रहा है तो देखिए तो वे कितने बहाने बतायेगा, अपनी बाइक और पेट्रोल बचाने के लिए। बाइक भाई ले गया, शहर से बाहर गांव में हूं आदि इत्यादि। ये तो छोटी मुसीबत है बड़ी मुसीबत के लिए उसके पास बड़े— बहाने है।
आप भी सोच रहे दोस्त दोस्त होता है मैं भी यही सोचता हूं और हमेशा अच्छे दोस्तों की कद्र करता हूं कभी— कभी देर रात तक दोस्त की मुसीबत में काम के लिए गया तो मां, बाप, पत्नी सभी लेक्चर देना शुरू कर देते हैं। भाई! मैं सबकी सुनता हूं करता हूं अपने दोस्त के लिए। मेरा कहना है— मित्रम् परमधनम् और श्रीकृष्ण तो सच्चे दोस्त हैं।
baddiyan
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