क्लास मानीटर बनने के टिप्स/ What are the duties of a class monitor? सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

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क्लास मानीटर बनने के टिप्स/ What are the duties of a class monitor?

Tips to become a class monitor | क्लास में मॉनिटर कैसे बने


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क्लास मानीटर बनने के टिप्स/ What are the duties of a class monitor? Monitor banane ke tips, Qualities of Monitor in hindi. क्या आप जानते हैं कि एक अच्छा मॉनिटर बनने के गुण क्या—क्या होते हैं?

क्या आप भी अपने बचपन में  क्लास के मॉनिटर थे! जब आप भी स्कूल में पढ़ते थे तो आपकी चाहत थी कि आप भी मानिटर बनें। मानिटर बनने का मतलब जिम्मेदार बनना, अनुशासन (Discipline) में रहने वाला और पढ़ाई के साथ खेलकूद में भी बेहतर (Brilliant) होता है। अब तो, टीचर पूरे  सत्र में बारी बारी से छात्रों को मॉनिटर की जिम्मेदारी क्लास में देते हैं। आइए इस लेख में पढ़े कि एक अच्छे मॉनिटर में क्या गुण होने चाहिए। हम यहां पर आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं— हर माता-पिता सोचता है कि उसका बच्चा भी क्लास में अंतर होता कि उसके अंदर की जिम्मेदारी आए। एक क्लास में 30-40 बच्चे होते हैं ऐसे में सभी को मॉनिटर बनाना मुश्किल होता है लेकिन जोड़ने से ज्यादा सिंसियर होते हैं, उन्हें ही अक्सर क्लास मॉनिटर बनाया जाता है। कुछ बच्चे क्लास में बहुत ही लापरवाह होते हैं, उन बच्चों को जिम्मेदार बनाने के लिए भी टीचर ने मॉनिटर (monitor) बनाते हैं-

         
याद करिए वह दिन जब मॉनिटर आप पर रौब जमाता था और आप अपने टीचर से शिकायत करते थे। मानिटर को बदल दीजिए, मुझे मॉनिटर बना दीजिए।

 मॉनिटर बनने की होड़ कक्षा में हमेशा लगी रहती है। पर क्लास में मॉनिटर वही बनता है, जो पढ़ने के साथ-साथ क्लास में अपनी बातों को सही ढंग से कह सकता हो। क्लास के सभी बच्चे उसे पसंद करते हों। आपका बच्चा भी अगर क्लास में मॉनिटर (Monitor) बनना चाहता है तो उसके पास यह गुण होने चाहिए- 

Monitor होता है पढ़ाई में ध्यान देने वाला

Class leader Concentrate in subject
  
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क्लास मानीटर (class monitor) पढ़ने में भी अच्छा होता है। वह ध्यान से पढ़ाई करता है। एक्टिविटी में भी पार्टिसिपेट करता है। उसकी पर्सनालिटी अट्रैक्टिव होती है। वह सभी बच्चों से अच्छे से बात करता है।

मानिटर श्रेष्ठ गुणों वाला होता है (Good Personal Qualities)

हर किसी का आकर्षण व्यक्तित्व  (Personal Qualities) से दूसरों से अलग बनाता है। किसी का जिम्मेदार और भरोसेमंद होना एक ऐसा गुण है जो मुझसे सफलता के रास्ते पर ले जाता है। यही बात क्लास मॉनिटर पर भी लागू होती है। स्कूल में केवल पढ़ाई नहीं बल्कि वह सारी एक्टिविटीज (school activities) होती है जिनके द्वारा हम एक सफल नागरिक बनते हैं।  एनुअल फंक्शन में होने वाले कार्यक्रम या असेंबली में बोलने जाने वाली स्पीच या हिंदी व अंग्रेजी भाषा के डिबेट के लिए कंटेंट और काव्य पाठ जैसी एक्टिविटी में भी उस बच्चे को भाग लेना चाहिए ताकि वह सबका आदर्श भी बन सके। जो मानीटर होता है, वह सारी एक्टिविटी में भाग भी लेता है और उसमें बेहतर भी करता है। यह रिसर्च से भी मालूम हुआ है कि जो बच्चा अपने विद्यालय के पढ़ाई के के साथ सभी एक्टिविटी में भी शामिल होता है, वह पढ़ने लिखने में भी बेहतर होता है। उसकी सोच भी अच्छी होती है।

पढ़ाई के साथ एक्टिविटी और प्रोजेक्ट कार्य क्यों जरूरी है


सोशल साइंस सब्जेक्ट में पहाड़ों, निदियों, देश, मिट्टी, समुद्र, अक्षांश रेखाएं, देशांतर रेखाए आदि को पढ़ने सबसे अच्छा तरीका प्रोजेक्ट, मॉडल, एक्टिविटी है। इसी तरह हिन्दी भाषा के लिए हिन्दी पढ़ना, बलना, भाषण तैयार करना, अपनी बातों को ​लिखित रूप से लिखना इत्यादि की एक्टिविटी, प्रोजेक्ट, ​अडियो रिकार्डिंग, कार्यक्रम संचालन आदि की एक्टिविटी करने पर ही छात्र असली पढ़ाई सीखता है। जो हर विषयों के एक्टिविटी से भागता है, वह सफल ग्रेजुएट नहीं बन सकता है। आगे चलकर उसे अपने काम के दौरान बहुत दिक्कत आएगी। एक अच्छा विद्यार्थी हर विषयों के प्रोजेक्ट एवं एसाइनमेंट पर ध्यान देता है और मॉनिटर बनने का गुण उसमें होता है। न्यू ज्ञान आज का यही है। आज नई शिक्षा नीति के तहत लिखित परीक्षा के साथ आंतरिक मूल्यांकन यानि इन्टरलन एसेसमेंट्स को आवश्यक कर दिया है। 
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क्लास का मॉनिटर (class monitor) टीचर के बाद एक अहम भूमिका निभाता है। वह एक तरह से क्लास में सभी बच्चों का प्रतिनिधित्व करता है। उन्हें पढ़ाई के लिए भी प्रोत्साहित करता है। सभी बच्चों का आदर्श भी होता है।

असेंबली (school Assembly) के लिए सभी जिम्मेदारियों को निभाता है।


वैसे तो कक्षा में सभी बच्चों का महत्व होता है लेकिन क्लास का मॉनिटर सबसे अहम भूमिका निभाता है। वह अपने क्लास का प्रतिनिधित्व भी करता है। वे सभी एक्टिविटी में प्रमुखता से भाग लेता है और साथ में दूसरे बच्चों को भी प्रोत्साहित करता है।

सभी बच्चे क्यों बनना चाहते हैं मॉनिटर

 कुछ बच्चे सोचते कि मॉनिटर बन जाएंगे तो पढ़ाई के बंधन से मुक्त हो जाएंगे,  उन्हें आजादी मिलेगी और जिसे चाहेंगे उसे वह बात करने  की सजा देकर उसका नाम ब्लैक बोर्ड पर  लिख दिया करेंगे, उसे खड़ा कर देंगे। एक तरह से  उनके हाथ में सुप्रीम पावर आ जाएगी।
 लेकिन यह समझना बहुत जरूरी है कि मॉनिटर बनना  पावर नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी (responsibility) है। इस जिम्मेदारी को अच्छी तरीके से निभाने वाला अपने भविष्य में अपने जीवन की हर समस्याओं को सुलझा सकता है। इसके साथ ही उसके अंदर एक मजबूत नेतृत्व  करने की शक्ति का भी विकास होता है। वह अपने भविष्य में एक जिम्मेदार प्रशासन भी बन सकता है। 

 क्लास में किसी तरह का शोर ना हो, उसके लिए वे माइंड करते हैं। एक पीरियड से दूसरे पीरियड के बीच में जब तक टीचर कक्षा में नहीं बैठते हैं तो क्लास में व्यवस्था को मेंटेन करते हैं। इस समय में वे सभी बच्चों की गतिविधियों (Activities) पर नजर रखते हैं, अगर कोई गड़बड़ करता है तो उसका नाम लिखकर वह आने वाले टीचर को बताते हैं। इस तरह अनुशासन बना रहता है। 
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खेल, कंप्यूटर प्रैक्टिकल क्लास के लिए या किसी एक्टिविटी के लिए क्लास से छात्र दूसरी जगह जाते हैं तो क्लास मॉनिटर उन्हें एक लाइन में ले जाता है। प्रार्थना-सभा (Assembly) के लिए बच्चों की लाइन को माइंड भी करता है। टीचर का सहयोग भी करता है। 

क्लास का Monitor banne ke gun


एक अच्छे मॉनिटर के निम्नलिखित गुण होते हैं। सभी विषयों में पढ़ने में  रुचि रखता है और उसके परीक्षा में अच्छे अंक आते हैं।

  • एक अच्छा मॉनिटर डिसिप्लिन में रहता है और दूसरे को भी  अनुशासन में रखने में मदद करता है।
  • स्कूल के हर इवेंट से जैसे ड्रामा कंपटीशन लेखन आदि में भाग लेता है।
  • पढ़ाई के साथ-साथ एक अच्छा मॉनिटर खेलकूद में भी रुचि रखता है।
  • हर विषयों का होमवर्क वह समय पर करता है।
  • एक अच्छे मॉनिटर की हैंडराइटिंग भी अच्छी होती है।
  • स्कूल रोज जाता है और समय पर स्कूल पहुंचना है।
  • अपने माता-पिता और टीचर की आज्ञा का पालन करता है।
  • कभी किसी  से झगड़ा नहीं करता और किसी की बुराई भी नहीं करता है।
  • वह अपनी क्लास में सबका चहेता होता है और सब उसकी तारीफ करते हैं।
  • अपने पाठ्यक्रम को सही समय पर तैयार कर लेता है।
  • पढ़ाई के प्रति उत्सुक रहता है और कक्षा के दौरान जब शिक्षक पढ़ाते हैं तो  ध्यान से सुनता है और बातें नहीं करता है।
  • कक्षा के दौरान वह सजग होता है और पढ़ाई को बड़े ही कंसंट्रेशन से ध्यान से  पढ़ता है।
  • एक अच्छा मॉनिटर कभी भी झूठ नहीं बोलता है।
  • उससे सभी दोस्ती करने की इच्छुक होते हैं।


आशा है कि इस लेख के माध्यम से आपको जानकारी मिली होगी। मॉनिटर Monitor  बनने के गुण क्या है? एक अच्छा मॉनिटर कौन होता है? इन सब की जानकारी देने का प्रयास किया गया है। साथ में आपको कक्षा में प्रोजेक्ट (Class Project) वर्क और एक्टिविटी क्यों जरूरी है? के  बारे में जानाकरी दी गई है।

कक्षा में मॉनिटर की क्या भूमिका होती है?


कक्षा मॉनिटर (class monitor) की भूमिका कक्षा में सभी छात्रों के प्रतिनिधित्व के रूप में होता है। क्लास मॉनिटर छात्र और शिक्षक के बीच की कड़ी होती है। कक्षा में दी जाने वाली सूचनाओं को अध्यापक के माध्यम से सभी छात्रों तक देना क्लास मॉनिटर का कार्य होता है। ‌ 

कक्षा मॉनिटर छात्रों पर निगरानी भी रख करता है। ‌ अध्यापक के जाने के बाद और अध्यापक के आने के बाद इन समय में कक्षा मॉनिटर खड़े होकर सभी छात्रों पर निगरानी रखता है। कोई छात्र कक्षा में अत्यधिक बातचीत करता है या बिना पूछे कक्षा में इधर-उधर घूमता है तो उसका नाम नोट करता है। अनुशासनहीनता यानी indiscipline होने की स्थिति में वह अध्यापक को उन छात्रों के बारे में बताता है जिन्होंने कक्षा के नियम और अनुशासन को तोड़ा है। 

कक्षा अध्यापक के बाद कक्षा में छात्रों को पूर्णता नियंत्रण करने की भूमिका कक्षा मॉनिटर तब निभाता है जब कक्षा अध्यापक या विषय अध्यापक कक्षा में नहीं होते हैं। 

स्पोर्ट, लाइब्रेरी और लैबोरेट्री की कक्षाएं कक्षा से अलग दूसरी जगह चलती है इस दौरान छात्रों को पंक्तिबद्ध (line-up) करके कक्षा मॉनिटर इन स्थानों तक ले जाता है और इस बीच व निगरानी करता है कि कोई अनुशासनहीनता तो नहीं कर रहा है।


एक्टिविटी एकेडमिक पढ़ाई के साथ आयोजित होता है ऐसे में सभी के नाम नोट करना मॉनिटर का काम होता है। 

विभिन्न तरह के एकेडमी कार्यक्रम में छात्रों की सूची बनाकर कक्षा अध्यापक तक मॉनिटर ही पहुंचाता है।

एक तरह से कक्षा मॉनिटर की भूमिका बहुत ही उपयोगी और जिम्मेदारी वाली होती है।



मॉनिटर के लक्षण


एक अच्छे मॉनिटर के निम्नलिखित लक्षण होते हैं


  • मॉनिटर पढ़ने में अच्छा होता है।

  • मॉनिटर का स्वभाव मृदुभाषी होता है।

  • मॉनिटर कक्षा एक अच्छा लीडर होता है।

  • मॉनिटर अपनी बात को बेहतरीन तरीके से कहने वाला होता है। अभिव्यक्ति शानदार होनी चाहिए।

  • क्लास मॉनिटर इमानदार सत्य बोलने वाला और मेहनती होना चाहिए।

  • एक अच्छे छात्र का गुण या लक्षण ही उसे सफल मॉनिटर बनाता है।

  • एक अच्छा मॉनिटर कभी भी किसी के साथ पक्षपात नहीं करता है।

  • मॉनिटर के लक्षण यह भी है कि वह रोजाना स्कूल आने वाला होना चाहिए और ड्रेस कोड का पालन करने वाला होना चाहिए।

  • कक्षा नायक यानी मॉनिटर जिसे हिंदी में हम कक्षा नायक निगरानी करता कर सकते हैं। ‌ गुणों से संपन्न होता है। सत्यवादी अहिंसा वादी कर्मशील मृदुभाषी स्पष्ट बोलने वाला और अच्छे व्यक्तित्व का धनी क्लास मॉनिटर होते हैं। ‌ तो अब आपको समझ में आ गया होगा कि एक अच्छे मॉनिटर के क्या लक्षण होते हैं। एक अच्छा मॉनिटर एक  आईने की तरह हो तो साफ होता है। जिसमें एक किसी के प्रति भेदभाव नहीं होता है।



श्रीकांत को कक्षा में मॉनिटर क्यों बनाया गया


shrikant श्रीकांत को कक्षा मॉनिटर इसलिए बनाया गया क्योंकि उसके अंदर मॉनिटर के सभी गुण थे। वह मृदुभाषी, सत्यवादी और ईमानदार व्यक्तित्व का धनी छात्र है। हमें कहे तो मृदुभाषी का मतलब अच्छा बोलने वाला।‌ सत्यवादी का मतलब सच बोलने वाला। ‌

श्रीकांत पढ़ाई में भी तेज है और अनुशासन प्रिय है बालक है इसलिए उसे कक्षा में मॉनिटर बनाया गया है। वैसे कक्षा में मॉनिटर बनाने लोकतांत्रिक यानी डेमोक्रेसी तरीका अपनाया जाता है सभी छात्र नॉमिनेशन देने वाले छात्रों का गुप्त मतदान द्वारा या हाथ उठाकर वोटिंग करते हैं। मॉनिटर बनता है तो उसके पास अच्छे गुणों के साथ ही सभी छात्रों का लीडर बनने की योग्यता भी होनी चाहिए उसे कक्षा के सभी छात्र पसंद करते हो। ‌ कक्षा में मॉनिटर इसी लिए बनाया गया क्योंकि छात्र है और ताजा छात्र उसे पसंद करते हैं वह किसी के साथ भेदभाव पक्षपात नहीं करता है। इन स्कूल आता है इसलिए श्रीकांत को कक्षा का मॉनिटर बनाया गया।


class monitor kaise bane?


अगर आपको भी क्लास में क्लास मॉनिटर बनना है। इसके लिए अपने अध्यापक से कहिए कि आप भी मॉनिटर बनने की इच्छुक हैं। क्लास मॉनिटर बनने के लिए अध्यापक आपके व्यक्तित्व के हर पहलू पर विचार करेगा फिर इसके बाद आपका और जो भी लोग मॉनिटर बनना चाहते हैं उनका नाम कक्षा के अंत छात्रों के सामने रखा जाएगा। ‌ 

इस पर विचार होगा कि कितने छात्र इस छात्र को वोट करते हैं। आधार पर आप भी अधिक वोट पाते हैं तो class monitor बन सकते। क्लास मॉनिटर कैसे बने इसके लिए कहीं-कहीं अध्यापक खुद ही निर्णय लेते हैं कि छात्र को क्लास मॉनिटर बनाया जाए। ‌  सभी गुण उस बालक में होना चाहिए। जो‌ क्लास मॉनिटर में होते हैं। इसके लिए ऊपर दिए गए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।


10 duties of class monitor in English


duties of class monitors are given



10 duties of class monitor in Hindi


class monitor 10 duties in Hindi cross monitor ko Hindi mein kya kahate Hain

क्लास में सभी छात्रों के लीडर के रूप में काम करना होता है।

  1. क्लास मॉनिटर सभी छात्रों को उनके कार्य व्यवहार और अनुशासन की मॉनिटरिंग करता है। 

  2. अच्छा क्लास मॉनिटर अध्यापक के कई कार्यो में सहयोग भी करता है। जैसे यदि कोई सूचना देनी हो तो वह कक्षा में सभी छात्रों को किसी कार्यक्रम आदि की सूचना अध्यापक से इकट्ठे कर के छात्रों तक पहुंचाता है।


  1. पीरियड ओवर होने के बाद दूसरा टीचर जब तक नहीं आता तब तक क्लास मॉनिटर कक्षा की मॉनिटरिंग करता है ताकि कोई अनुशासनहीनता ना करें। ‌ बात करने वाले छात्र, इधर-उधर टहलने वाले छात्र, पढ़ाई पर ध्यान ना दे कर अपनी कॉपी ना कंप्लीट करने वाले छात्रों पर क्लास मॉनिटर खास निगरानी रखता है। चना कक्षा अध्यापक या विषय अध्यापक को देता है।


  1. class monitor duties बहुत महत्वपूर्ण होती है। ‌ वह सभी छात्रों का नायक होता है। कक्षा में चौक डस्टर और सभी सामग्री सही स्थान पर रखिए कि नहीं इसकी भी देखभाल मॉनिटर करता है।

  2. कक्षा के छात्र जब खेल के लिए खेल मैदान, प्रयोग के लिए प्रयोगशाला और पढ़ने के लिए लाइब्रेरी जाते हैं, तो सभी छात्रों को उचित क्रम में पंक्तिबद्ध करके उन्हें ले जाता है। class monitor स्वयं आगे आगे चलता है, और यह देखता है कि सभी पंक्तिबद्ध linup होकर बिना आवाज किए हुए चल रहे हैं कि नहीं।

  3. कक्षा मॉनिटर सभी छात्रों की कॉपी चेक करने के लिए कलेक्ट करता और अध्यापक या विषय अध्यापक तक उसे हैंड ओवर करता है। मॉनिटर एक लिस्ट बनाता है कि किसने कॉपी समय में जमा की और किसने नहीं की।

  4. क्लास मॉनिटर क्लास में सभी छात्रों के सहयोग से एक्टिविटी वर्क और दिए गए कार्यो की रूपरेखा बनाता है जो पाठ्यक्रम के अंतर्गत होता है और उसके अनुसार कई तरह की एक्टिविटी में ग्रुपवाइज सभी का नेतृत्व करता है।

  5. कक्षा निगरानीकर्ता यानी आसमानी ट का उत्तरदायित्व यानी ड्यूटी यह होता है कि वह कक्षा के अंदर समय-समय पर बोर्ड के डेकोरेशन के लिए छात्रों को कार्य देकर क्लास बोर्ड को सजाना होता है। ‌ छात्र अपने अपने स्किल के अनुसार क्लास मॉनिटर के निर्देश पर क्लास बोर्ड को सजाते हैं।

  6. कक्षा अध्यापक के निर्देशों को भलीभांति समझ कर छात्रों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी ट्रांसफर लीटर की होती है।

  7. यदि किसी छात्र को पढ़ाई में या किसी भी तरह की परेशानी हो रही है तो class monitor छात्र की बात   तक पहुंचाने का duties निभाता है।




monitor ko Hindi mein kya kahate Hain


अब आपको हम बता रहे जा रहे हैं कि क्लास मॉनिटर को हिंदी में क्या कहते हैं। सबसे पहले आप जान लीजिए कि क्लास मॉनिटर तो इंग्लिश का शब्द है और इसका हिंदी में अर्थ क्या होता है कि कक्षा की निगरानी करने वाला। class monitor in Hindi में अर्थ के बारे में-इस तरह से देखा जाए तो क्लास मॉनिटर का मतलब हुआ कक्षा की निगरानी करने वाला। यह बड़ा शब्द है।  इसको हम समास से की मदद से छोटा करेंगे। तत्पुरुष समास के द्वारा नया शब्द बनता है। कक्षा-निगरानीकर्ता इस तरह से क्लास मॉनिटर का अर्थ हिंदी में कक्षा निगरानीकर्ता हुआ। Class monitor in Hindi called kaksha nigranikarta.



Agar aap ek monitor hote To kya karte


अगर मैं क्लास मॉनिटर होता तो निम्नलिखित काम करता-

क्लास के सभी छात्रों को पढ़ने के लिए प्रेरित करता। उनकी समस्याओं को सामने रखता। उन्हें अनुशासन के महत्व को बताता। क्लास को पढ़ाई और एक्टिविटी के लिए प्रेरित करता। अध्यापक के दिए हुए सभी उत्तरदायित्व का में निष्ठा से पालन करता।अगर मैं मॉनिटर होता तो ईमानदारी से अपने उत्तरदायित्व को निभाता और किसी के साथ पक्षपात नहीं करता। चाहे वह मेरा सबसे अच्छा दोस्त ही क्यों ना हो यदि वह गलत है तो मैं उसे गलत कहता। ‌ किसी के साथ भेदभाव का व्यवहार नहीं करता। 

अगर मैं क्लास मॉनिटर होता तो एक अच्छे नेतृत्व करता के गुणों का मैं विकास करके सभी छात्रों की पढ़ाई लिखाई और एक्टिविटी में आगे रखने के लिए टीचर से सहयोग लेता।

कक्षा में पढ़ाई के माहौल को बनाने के लिए सभी छात्रों से संपर्क करता।

किसी भी विषय के पाठ्यक्रम मैं किसी तरह की परेशानी समझने में हो रही है तो उस बात को मैं प्रमुखता से रखता। 

अध्यापक के ध्यानाकर्षण में इस बात को लेकर उचित समस्या का समाधान करा था और पढ़ाई के स्तर को बेहतर बनाने के प्रयास में सभी छात्रों के साथ शामिल होता।

अगर मैं मॉनिटर होता तो कभी इस बात पर घमंड नहीं करता कि मैं एक मॉनिटर हूं और किसी पर शासन कर सकता हूं इन सब बुराइयों से मैं दूर होता और सब के साथ मित्रता का भाव रखता और अपने उत्तरदायित्व का अच्छी तरीके से निर्वहन करता।


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टिप्पणियाँ

  1. सभी लोगों का धन्यवाद।

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  2. बेनामी8/23/2022

    Thank you sir

    जवाब देंहटाएं

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     लघु कथा कैसे लिखें, उदाहरण से समझें CBSE board hindi  प्रस्थान बिंदु के आधार पर लघु कथा (laghu katha)  लिखना। CBSE Board 9th class Laghu Katha lekhan दसवीं बोर्ड की कक्षा 9 के सिलेबस में और कई  बोर्ड की परीक्षा में इस तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं।  (new syllabus 2022 Laghu Katha lekhan)    दिए गए प्रस्थान बिंदु (prasthan Bindu) का मतलब है कि दो या चार लाइन लघुकथा के दिए होते हैं। उसके बाद आपको 80 से 100 शब्दों में लघुकथा को पूरा करना होता है। उसका एक शीर्षक (title) लिखना होता है।  नई शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy) में भाषा में रचनात्मक लेखन (Creative Writing) को बढ़ावा दिया गया है। इसलिए  हिंदी Hindi, अंग्रेजी, मराठी  उर्दू किसी भी भाषा के पेपर में संवाद लेखन, लघुकथा, लेखन अनुच्छेद, (anuchchhed lekhan) लेखन, विज्ञापन लेखन, (Vigyapan lekhan) सूचना लेखन (Hindi mein Suchna lekhan) जैसे टॉपिक में नई शिक्षा नीति के ( new education policy 2021) अंतर्गत सिलेबस में रखे गए हैं।  लघुकथा लेखन 9 व 10 की परीक्षा में पूछा जाता है Laghu katha lekhan in Hindi in board examination

भारतीय आजादी के गुमनाम नायक

भारतीय आजादी के गुमनाम नायक bhaarateey aajaadee ke gumanaam naayak 2022 आज हम अपनी मर्जी से कहीं भी आ जा सकते हैं, पढ़ लिख सकते हैं अपने मनपसंद का करियर चुन सकते हैं, क्योंकि हम आजाद हैं और इस आजादी के लिए वीरों ने अपनी आहुति दी है, पर जब स्वतंत्रता सेनानियों के नाम बताने की बारी आती है तो हम सिर्फ गिने-चुने नाम ही बता पाते हैं, जबकि हकीकत यह है कि आजादी सिर्फ कुछ लोगों के बलिदान से नहीं मिली बल्कि इसके लिए बहुतों ने अपनी जान गंवाई। इनमें से कई तो गुमनामी की अंधेरों में खो चुके हैं। हम आपको ऐसे ही स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी-  आजादी के गुमनाम नायक हम बताने जा रहे हैं आजादी के महानायक जिनको हम भूल गए हैं-- कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़ने वाले कन्हैयालाल कई बार अंग्रेजी शासन के खिलाफ आवाज उठाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए और अंग्रेजों के जुल्म का शिकार हुए पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी हर बार दुगनी ताकत के साथ अंग्रेजों से मुकाबला किया। भगत सिंह, चंद्रशेखर आजा

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लघु-कथा' CBSE BOARD CLASS 9 NEW SYLLABUS LAGHU KATHS LEKHAN

'लघु-कथा' CBSE BOARD CLASS 9 NEW SYLLABUS LAGHU KATHA LEKHAN  लघु और कथा शब्द से मिलकर बना हुआ है। लघु का अर्थ होता है- छोटा और कथा का अर्थ होता है-कहानी। Laghu Katha ke Udharan class 9th hindi term-2 sylabuss 2022 hindi  न्यू सिलेबस सीबीएसई बोर्ड लघु कथा लेखन क्लास नाइंथ इस तरह लघुकथा का अर्थ हुआ कि 'छोटी कहानी'। the shrot story छात्रों हिंदी साहित्य को दो भागों में बाँटा गया है, पहला गद्य साहित्य (gadya sahitya)  और दूसरा काव्य साहित्य ।  गद्य साहित्य के अंतर्गत कहानी, नाटक, उपन्यास, जीवनी, आत्मकथा विधाएँ आती हैं। इसी में लघु-कथा विधा भी 'गद्य साहित्य' का एक हिस्सा है। कहानी उपन्यास के बाद यह विधा सर्वाधिक प्रचलित भी है। लघुकथा की महत्वपूर्ण बातें the important character of laghu katha in Hindi लघु कथा क्यों लिखी जाती है? 1.आधुनिक समय में इंसानों के पास समय का अभाव होने लगा और वे कम समय में साहित्य पढ़ना चाहते थे तो  'लघु-कथा' का जन्म हुआ। लघु कथा का जन्म कैसे हुआ? हमारी संस्कृति में लघु कथा का क्या-क्या रूप है? laghu Katha kya hota hai? 2.लघु कथा

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