Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
बच्चों के लिए प्रोजेक्ट वर्क और क्रिएटिविटी पढ़ाई में क्यों है जरूरी: श्री 420 फिल्म के किस एक गाने में क्रिएटिविटी से बच्चों को पढ़ाया गया है
Project work nursery (Prakharchetnablogspot) |
आने वाली शिक्षा नीति में भी इस बात पर जोर दिया गया है कि बच्चा किताबी ज्ञान को व्यावहाकि ज्ञान से जोड़ सकने की काबलियत विकसित कर सके।
क्यों जरूरी है प्रोजेक्ट वर्क
शुरुआती दौर में बच्चे अपने आसपास से बहुत तेजी से सीखते हैं। वे स्कूल में पहुंचते हैं तो उन्हें किताबी ज्ञान एक तरह से बोझ लगने लगता है। नर्सरी के के बच्चे को लिखने से अधिक पढ़ना अच्छा लगता हैै। ऐसे बच्चे अभी पढ़ना सीख रहे होते हैं, ऐसे में चित्रों, पहेली, ड्राइंग के माध्यम से सीखने के लिए उनके अंदर ललक पैदा की जाती है। अ से अनार बताने से अच्छा है कि आ से अनार की मिट्टी या प्लास्टिक के बने खिलोने के नमूनों को छूकर बताना, उसके रंगों और बीज पर बातचीत करना, ये कहना कि अ से अनार किसने किसने खाया है, इसका स्वाद कैसा होता है? ये पढ़ाई एक तरह से एक्टिविटी वर्क है। इस तरह बच्चों का मन पढ़ाई में लगता है। महान शिक्षाा के जानकार किलपैट्रिक ने प्रोजेक्ट से पढ़ाने का तरीका बताया था। आज भी इनके इस तरीके का इस्तेमाल यूरोप समेत अमेरिका में किया जाता है।प्रोजेक्ट वर्क से पढ़ाई खिलवाड़ नहीं है
भारत में प्रोजेक्ट वर्क को लेकर ये सोच होती है कि ये तरीका पढ़ाई नहीं खिलवाड़ है।Prakharchetnablogspot
आज अमेरिका जैसे देश भी पढ़ाई में प्रोजक्ट विधि और एक्टिविटी विधि के तरीेके को अपने एजुकेशन सिस्टम में जरूरी कर दिया है।
आप टीचर है या पैरेंट्स आपको ये बात समझनी चाहिए कि प्रोजेक्ट वर्क और एक्टिविटी आज के दौर में शिक्षा के लिए बहुत जरूरी है।सीबीएसई कक्षा 10 हिंदी अ पाठ्यक्रम में बोर्ड परीक्षा में 15 अंक का प्रश्न आता है। इस सिलेबस में पद परिचय के 4 अंकों के प्रश्न आता है। इन प्रश्नों को हल करने के लिए हिन्दी व्याकरण का ज्ञान होना चाहिए। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण, संबोधबोधक, विस्मायादिबोधक इत्यादि का। ये पढाइ कक्षा एक से आठ तक के अलग लेवल में कराई जाती है। लेकिन हाईस्कूल में पद परिचय पूछा जाता है तो
मॉडल प्रोजेक्ट वर्क
संज्ञा, सर्वमान, क्रिया, विशेषण, क्रिया—विशेषण, संबंधबोधक के कई प्रकारों के बारें में पढ़ना जरूरी होता है। नर्सर से कक्षा आठ तक के कक्षाओं में इस टॉपिक को एक्टिविटी से उस लेवल के अनुसार पढ़ाया जाता है। नाम वाले शब्द कौन से हैं इनमें से छांटियें या अपने आसपास जो नाम वाले शब्द है, उनकी सूची बनाइए और उनमें से किन्हीं पांच के चित्र बनाइए इस तरह के प्रोजेक्ट या एक्टिविटी कार्य बच्चों में इस नीरस पढ़ाई के प्रति इंट्रेस्ट बढ़ता है। व्याकरण को मजेदार तरीके से पढ़ाने से वह उसे समझ में आने लगता है। भाषा में इस तरह से पढ़ाने का प्रयोग करना चाहए।
दोस्तो! आज पढ़ाई को कई एप्स इंट्रेस्टिंग बना रहे हैं।
मान लीजिए कि बच्चे को बारिश कैसे होती है, इस बारे में समझाना चाहते है तो इसके लिए विडियों में चित्र या ग्राफिक्स से समझाया जाता है। आप टीवी चैनलों में चुनाव के समय कई तरह के इंट्रेस्टिंग प्रयोग ग्राफिक्स के जरिए देखते हैं। असल में दर्शकों को आसानी से कंटेंट समझाना चाहते हैं। तो सोचिए! कि हम स्कूलों में प्रोजेक्ट वर्क और एक्टिविटी से बच्चों को क्यों न समझाएं।आपको याद है, श्री 420 फिल्म के गाने में नर्गिस बच्चों पढ़ाती हुई नजर आती हैं, बच्चों को हिन्दी की वर्णमाला पढ़ा रही हैं, फिर बच्चे को पहेली से उनकी कल्पना की उड़ान को रंग देती हैं। इस तरह देखा जाए तो पढ़ाने का उनका तरीका वास्तव में बच्चे को पढ़ाई से जोड़ रही हैं। इस पहेली को गीत यानि एक्टिविटी से बच्चों को जोड़ रही हैं। बच्चे रुचि लेकर पढ़ते हैं। ये गाना है— इचक दाना, बिचक दाना, दाने इस तरह से बच्चों को जागरुक कर पहेली पूछ रही हैं। बच्चे पढ़ाई के बाद खुद को रिफ्रेश कर रहे हैं। पहेली के जवाब के साथ बच्चों की पढ़ने की ललक के साथ ही वे पढ़ाई और कक्षा से भी जुड़ रहे हैं।
अगर आपका बच्चा पढ़ने में कमजोर है तो यह पढ़ें tips
दोस्तो शिक्षा से संबंधित कई ऐसे अनुभव से जुड़ने के लिए प्रखर चेतना को गूगल पर सर्च करें।
श्री 420 फिल्म के गाने की लिरिक क्रएटिव वर्क से पढ़ाई का उदाहरण
श्री 420 फिल्म से साभार |
इचक दाना बिचक दाना दाने उपर दाना, इचक दाना
छजे उपर लड़की नाचे, लड़का है दीवाना, इचक दाना
छजे उपर लड़की नाचे, लड़का है दीवाना, इचक दाना
बोलो क्या?
अनार
इचाक दाना बिचाक दाना दाने उपर दाना, इचाक दाना
छोटी सी छोकरी लालबाई नाम है
छोटी सी छोकरि लालबाई नाम है
पहने वो घाघरा १ पैसा दाम है
पहने वो घाघरा १ पैसा दाम है
मुँह में सबके आग लगाए, आता है रुलाना, इचक दाना
मुँह में सबके आग लगाए, आता है रुलाना, इचक दाना
बोलो क्या?
मिर्ची
इचक दाना बिचाक दाना दाने उपर दाना, इचक दाना
हरी थी मन भारी थी, लाख मोती जड़ी थी
हरी थी मन भारी थी, लाख मोती जड़ी थी
राजा जी के बाग मे दुशाला ओढ़े खड़ी थी
राजा जी के बाग मे दुशाला ओढ़े खड़ी थी
कचे पके बाल हैं उसके मुखड़ा है सुहाना, इचक दाना
कचे पके बाल हैं उसके मुखड़ा है सुहाना, इचक दाना
बोलो क्या?
बोलो-बोलो
बूढी!
भुट्टा
इचक दाना बिचाक दाना दाने उपर दाना, इचक दाना
१ जानवर ऐसा जिसके दुम पर पैसा
१ जानवर ऐसा जिसके दुम पर पैसा
सर पे है ताज भी बादशाह के जैसा
सर पे है ताज भी बादशाह के जैसा
बादल देखे छम छम नाचे अलबेला मस्ताना, इचक दाना
बादल देखे छम छम नाचे अलबेला मस्ताना, इचक दाना
बोलो क्या?
बोलो ना
मोर
इचक दाना बिचक दाना दाने उपर दाना, इचक दाना
छजे उपर लड़की नाचे, लड़का है दीवाना, इचक दाना
छजे उपर लड़की नाचे, लड़का है दीवाना, इचक दाना
इचक दाना बिचक दाना दाने उपर दाना, इचक दाना
इचक दाना बिचक दाना दाने उपर दाना, इचक दाना
चाले वो चलकर दिल में समाया
आ ही गया वो किया है सफ़ाया
तुम भी देखो बचकर रहना चक्कर में ना आना, इचक दाना
तुम भी देखो बचकर रहना चक्कर में ना आना, इचक दाना
बोलो क्या?
गम!
धत हम
क्या एलियन कहीं छुपा तो नहीं है, जानने के लिए पढ़ें
wah very good
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