Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्यो...
बच्चो, इस धरती में कई तरह के पक्षी हैं, तुम्हें जानकर आश्चर्य होगा कि हमिंग बर्ड नाम की पक्षी किसी भी दिशा में उड़ती है, तो कुछ पक्षी ऐसे हैं, जो अपने कमजोर पंख की वजह से उड़ नहीं पाते हैं। चलते हैं पक्षियों के ऐसे अजब-गजब संसार में और जानते हैं कि ये पक्षी कौन हैं?
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हवा में उड़ते हुए तुमने सैकड़ों पक्षियों को देखा होगा। लेकिन कई ऐसे पक्षी भी हैं, जो उड़ नहीं सकते, तो कुछ किसी भी दिशा में उड़ सकते हैं। तुम्हें जानकर हैरानी होगी कि रेटाइट्स बर्ड परिवार से जुड़े विशालकाय पक्षी कभी उड़ा भी करते थे। पर समय गुजरने के साथ-साथ ये जमीन पर रहने लगे। इस कारण से इनका शरीर मोटा होता गया। उड़ान भरने वाले पंख बेकार होते गए और वो छोटे कमजोर पंखनुमा बालों में बदल गए। इनके बारे में तुम जानते हो, शतुर्गमुर्ग, जो ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। यह उड़ नहीं सकता है लेकिन जमीन पर ये 7० किलोमीटर घंटे की गति से दौड़ सकता है। ऐसे ही कई रेटाइट्स बर्ड परिवार से जुड़े पक्षी की लंबी लिस्ट हैं, जिनमें पेंग्विन, इम्यू, कीवी, बतख आदि आते हैं।
पेंग्विन उड़ती नहीं पर तैराकी लाजवाब

ये मछली और छोटे जीवों की तलाश में समुद्र के करीब 25० मीटर गहरे पानी में गोता लगा सकते हैं। इनकी सबसे बड़ी प्रजाति एंपेरर पेंग्विन की है, जो करीब 3 फुट लंबे और 35 कि.ग्रा. वजन के होते हैं और सबसे छोटा लिटिल ब्ल्यू पेंग्विन करीब 12-13 इंच लंबा और एक किलोग्राम वजन का होता है। पेंग्विन का शरीर वसा की मोटी परत और पंखों की तीन लेयर्स से ढका होता है, जिससे ये दक्षिणी ध्रुव के कंपकंपा देने वाले वातावरण में अपना बचाव करते हैं। ये पानी के अंदर 18 मिनट तक आसानी से रह सकते हैं। इनके छोटे-छोटे पंख काफी शक्तिशाली होते हैं। पेंग्विन बर्फ की बजाय पानी में बड़े आराम से चल सकते हैं। इनकी पूंछ और झिल्लीदार पैर इन्हें पानी में बहुत तेजी से धकेलते हैं। इस तरह से पैंग्विन यहां पर रहने के कारण उड़ने की जगह एक अच्छी तैराक हो गई। वैज्ञानिक बताते हैं कि इसका कारण यहां के पानी में ढेर मछलियां हैं, जो इनका भोजन है। इसीलिए पैंग्विन की प्रजाति तैरने में महारत हासिल कर लिया ताकि भोजन आसानी से मिल जाए।
सबसे तेज उड़ने वाला फॉल्कान

छोटी हमिंग बर्ड के बड़े कारनामे
इंद्रधनुष की तरह रंगीन पंखों वाली हमिग बर्ड छोटे पक्षियों के ट्रोचिलीडाय परिवार का हिस्सा है। आमतौर पर हमिग बर्ड 2-2.5 इंच लंबी होती है। उसमें भी उसकी लंबाई के आधे भाग में पूंछ और चोंच आती है। लेकिन कुछ 8 इंच लंबी भी होती हैं, जो मैना के आकार की होती हैं और चिली के वनों में पाई जाती हैं। हमिग बर्ड एक सिक्के (2.5 ग्राम) से भी कम वजन की होती हैं। इसका वजन केवल 2 से 2० ग्राम होता है। हमिग बर्ड की चोंच आगे से थोड़ी मुड़ी हुई और लचीली होती है। यह पराग पीने के लिए फूल के अंदर आसानी से पहुंच जाती है और एक दिन में 1००० फूलों का रस पीती है। इनकी जीभ काफी लंबी और डब्ल्यू के आकार में दो भागों में बंटी होती है। जीभ पर छोटे-छोटे बाल होते हैं, जो फूलों का रस चूसने में सहायता करते हैं। यह छोटी-सी बर्ड दिन भर में हर 1० मिनट में खाना खाती है। ये अपने शरीर के वजन का 5० प्रतिशत तक खाना खा लेती हैं। इनके पैर बहुत कमजोर होते हैं, इसलिए ये मुश्किल से चल पाती हैं। लेकिन अपने पैरों की मदद से ये पेड़ की टहनियों को कसकर पकड़ लेती हैं और खड़े-खड़े सो सकती हैं। हमिग बर्ड दुनिया की अकेली ऐसी बर्ड है, जो आगे, पीछे, दाएं-बाएं, किसी भी दिशा में उड़ सकती है। फूलों का रस पीते समय यह 22-72 बार अपने पंख फड़फड़ाती हुई हवा में एक ही जगह उड़ती रहती है। इसी कारण इसकी अपनी पहचान है। यह 6०-8० किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकती है और 6० मील की दूरी पर डाइव लगा सकती है। इन्हें लाल और नारंगी रंग के ट्यूबलर प्रकार के फूल खास पसंद हैं, क्योंकि इनमें इनकी चोंच आसानी से चली जाती है। ये छोटे कीड़े भी खाती हैं, जिनसे इन्हें प्रोटीन मिलता है। हमिग बर्ड 4-5 साल तक जिदा रहती हैं। ये अकसर सांप, उल्लू या बड़ी पक्षियों का शिकार बन जाती हैं।
इन्हें भी जानों
- हरियल नाम का पक्षी, जो भारत में पाया जाता है। ये जमीन पर कभी पैर नहीं रखती है, केवल उड़ती है और पेड़ों पर आराम करती है।
- प्रडूल नाम का भूरे रंग का नर तोता अफ्रीका में पाया जाता है, ये सबसे बातूनी पक्षी है। तुमसे घंटों बात करेगा और तुम्हें सोने नहीं देगा।
-ऑस्ट्रेलिया में पाई जाने वाली पिट्टा नाम का यह पक्षी बहुत खूबसूरत है, इसकी खूबसूरती का राज पंख है, जो 9 रंग के होते हैं।
-ऑस्ट्रेलिया में हंस की ऐसी प्रजाति पाई जाती है, जो काले रंग की होती है।
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बहुत ही ज्ञानवर्धक एवं मनोरंजक
जवाब देंहटाएंAchi jankari
जवाब देंहटाएंAchi jankari
जवाब देंहटाएंपढ़ने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंNiche information
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