Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्यो...
दांपत्य
रिंकी पाण्डेय
प्यार की होती नहीं कोई उम्र / pyar ki hoti Nahin koi umar
जब आपकी शादी हुई थी, उस दिन और उसके बाद आज का समय, बहुत कुछ बदल गया होगा। शादी के उन पलों को जब आप याद करती हैं तो एक खुशनुमा अहसास आपके सामने होता है। जिंदगी के नए सफर के उन शुरुआती दिनों में आप पति-पत्नी के बीच प्यार ही प्यार भरा रहा, लेकिन अब शादी के कुछ सालों बाद जिंदगी बोरिंग-सी लगने लगी। बस काम और जिम्मेदारियों के बीच चलती जिंदगी के में पति का वैसा रिस्पोंस नहीं मिल रहा जैसा शादी के समय था। आखिर इसके पीछे कारण क्या है, क्यों प्यार कम होने लगा, जरूर कोई न कोई कारण होगा? आप इन कारणों को जान लें और फिर अपने स्तर से सुधार कर लें तो आपके दांपत्य में प्यार ही प्यार भर जाएगा।
एक-दूसरे की आलोचना क्यों
पति-पत्नी के बीच शिकायतें होती हैं तो दांपत्य संबंधों में खटास उत्पन्न हो जाती है। बात-बात में एक दूसरे की कमियां निकालना, खान-पान, पहनावा, पसंद-नापसंद पर बार-बार नुक्ताचीनी करने से आप दोनों के बीच अंडरस्टैंडिंग खत्म हो जाती है। एक-दूसरे के प्रति आत्मियता का अभाव पैदा होने लगता है, फिर एक-दूसरे की आलोचना किसी और के सामने करने से विश्वास की डोर डगमगाने लगती है। इस तरह की स्थिति में अपने को संभालें आप पति की आलोचना न करें बल्कि समझदारी दिखाएं और पति से बात करें और उन्हें समझे क्या प्राबलम्स हैं। यकीन मानिये जब हम एक-दूसरे की आलोचना करने लगते हैं तो हमारे बीच सहज रिश्ता नहीं रह जाता है। इसका फायदा कोई तीसरा उठा सकता है और आपके बीच कानाफूसी करके आपके रिश्ते में दरार पैदा कर देता है। ऐसी नौबत न आए आप संभल जाएं और एक-दूसरे के प्रति हुई गलतफहमी को बातचीत के माध्यम से दूर कर लें।
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