Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
कॅरिअर एडवाइस
मैं बीएससी की पढ़ाई कर रहा हूं। बीएससी करने के बाद मुझे जॉब पाने के लिए क्या करना चाहिए?
अंकित सोनी
आपके सवाल से यह पता नहीं चल रहा है कि आप किस विषय में बीएससी कर रहे हैं। बीएससी के बाद आप चाहे तो आगे पढ़ाई कर सकते हैं, गवर्मेंट जॉब की तैयारी भी कर सकते हैं या प्राइवेट जॉब के लिए एप्?लाई कर सकते हैं। वैसे यह इस पर निर्भर करता है कि आप अपने कॅरिअर में क्?या करना चाहते हैं। अगर आप सरकारी नौकरी करना चाहते हैं तो आपके पास रेलवे, बैंक, डिफेंस और सिवलि सर्विस एग्जाम देने का ऑप्?शन है। प्राइवेट सेक्टर में बीएससी के बाद ज्?याद अच्छे ऑप्शन नहीं हैं। ऐसे में मेरी सलाह है कि आपको आगे पढ़ाई करनी चाहिए। अगर बीएससी में आपके पास मैथ्स है तो आप एमसीए कर सकते हैं। अगर बायो, फॉरेस्ट्री, जूलॉजी जैसे सब्जेक्ट हैं तो आप इनसे संबंधित प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकते हैं। अगर आप मैनेजमेंट में कॅरिअर बनाना चाहते हैं तो आपके पास एमबीए करने का ऑप्?शन भी है। अगर आप स्कूल टीचर बनना चाहते हैं तो बीएड में एडमिशन ले लें। वैसे एमएसी करने के बाद अगर आप एमफिल और पीएचडी करने के साथ ही नेट क्वालिफाई कर लेते हैं तो आप सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में लेक्चरार भी बन सकते हैं।
एमसीए करने के बाद मैं सरकारी क्षेत्र में जॉब करना चाहता हूं, इसके लिए मुझे क्या करना होगा? मुझे इंग्लिश कम्यूनिकेशन में समस्या आती है, इसे कैसे इम्प्रूव करूं?
नीरज सोलंकी, भोपाल
एमसीए करने के बाद आपके लिए प्राइवेट और सरकारी दोनों क्ष्ोत्र में संभावनाएं हैं, सरकारी क्षेत्र में एमसीए डिग्री होल्डर की वैकेंसी समय-समय पर निकलती है। मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस, इनकम टेक्स, बैंक, रेलवे आदि में वैकेंसी आती रहती है। इसके अलावा सरकारी क्षेत्र के महारत्न कंपनी भारत हैवी इलेक्टिकल लि., कोल इंडिया लि., गेल लि., एनटीपीसी आदि में एमसीए प्रोफेशनल्स की डिमांड रहती है। यहां पर चयन टेस्ट और इंटरव्यू के माध्यम से होता है, जॉब की सूचना के लिए इनकी आधिकरिक वेबसाइट को देखते रहें। अगर आपकी रुचि टीचिंग के क्षेत्र में है तो आप नेट क्वालिफाई कर लेक्चरार बन सकते हैं, इसके अलावा आप चाहे तो गवर्नमेंट इंटर कॉलेज में कंप्यूटर टीचर बनने के रास्ते भी खुले हैं।
इंग्लिश कम्यूनिकेशन को इम्प्रूव करने के लिए आप इंग्लिश का शब्दज्ञान बढ़ाएं, इंग्लिश मैग्जीन रेगूलर पढ़ंे, दोस्तों के साथ इंग्लिश बोलने का प्रयास करें, जितना आप इंग्लिश बोलेंगे और सुनेंगे उतनी ही आपकी इंग्लिश कम्यूनिकेशन में सुधार होगा। आप चाहे तो इंग्लिश इम्प्रूव करने के लिए एप की मदद ले सकते हैं, जिसे फ्री में डाउनलोड करके अपने मोबाइल से अपनी इंग्लिश इम्प्रूव कर सकते हैं।
मैं बारहवीं का स्टूडेंट हूं, कॅरिअर को लेकर मैं परेशान हूं, मुझे सॉफ्टवेयर डेवलपर बनना है, इसके लिए मुझे क्या करना चाहिए?
सौरभ जोशी, सतना
कॅरिअर को सही दिशा देने के लिए बारहवीं से सोचना सही है लेकिन अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। सही दिशा में किया गया प्रयास सफलता जरूर दिलाता है। ये अच्छी बात है कि आपने तय कर लिया है कि आप सॉफ्टवेयर डेवलपर बनना चाहते हैं। 2०2० तक भारत विश्व का सॉफ्टवेयर सुपर पावर बन सकता है। ऐसे में आने वाले समय में प्रोफेशनल सॉफ्टवेयर डेवलपर्स काफी डिमांड में रहेंगे। इस क्षेत्र में स्किल्स सॉफ्टवेयर डेवलपर कस्टमर की जरूरतों के अनुसार कंप्यूटर प्रोग्रामिग या सॉफ्टवेयर डेवलप करता है। ऐसे में सॉफ्टवेयर डेवलपर में स्ट्रॉन्ग कंप्यूटर प्रोग्रामिग स्किल्स, एनालिटिकल स्किल्स, क्रिएटिविटी, कम्युनिकेशन स्किल्स, डिटेल ओरिएंटेड, कस्टमर सर्विस स्किल्स, प्रॉबल्म सॉल्विंग स्किल्स और इंटर-पर्सनल स्किल्स होना जरूरी है। इसके साथ ही हर दिन सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में आने वाले बदलाव से अपडेट रहना और इनोवेटिव सॉफ्टवेयर डेवलप करने के लिए रिसर्च की हैबिट जरूरी है। आप इंटर के बाद सॉफ्टवेयर डेवलपर का कोर्स कर सकते हैं।
प्रमुख कोर्स
-बीएससी इन कंप्यूटर साइंस
-बैचलर इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिग
-बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन
-सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट ऑफ सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट
एलिजिबिलिटी
कंप्यूटर साइंस या सॉफ्टवेयर इंजीनियरिग के बैचलर डिग्री में एनरोलमेंट के लिए मैथ्स और साइंस सब्जेक्ट में 12वीं की डिग्री होनी चाहिए।
इंस्टीट्यूट
-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, कोलकाता
द्धप्प्ध्://nद्बद्बप्द्बद्बध्द्गन्द्बथ.दधद्ब/
-आइआइटी, दिल्ली, चेन्नई, कानपुर, बॉम्बे, रुड़की, गुवाहाटी
बबब.द्बद्बप्द.थद.द्बn/
-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद बबब.द्बद्बद्बप्थ.थद.द्बn/
मैं बीएससी की पढ़ाई कर रहा हूं। बीएससी करने के बाद मुझे जॉब पाने के लिए क्या करना चाहिए?
अंकित सोनी
आपके सवाल से यह पता नहीं चल रहा है कि आप किस विषय में बीएससी कर रहे हैं। बीएससी के बाद आप चाहे तो आगे पढ़ाई कर सकते हैं, गवर्मेंट जॉब की तैयारी भी कर सकते हैं या प्राइवेट जॉब के लिए एप्?लाई कर सकते हैं। वैसे यह इस पर निर्भर करता है कि आप अपने कॅरिअर में क्?या करना चाहते हैं। अगर आप सरकारी नौकरी करना चाहते हैं तो आपके पास रेलवे, बैंक, डिफेंस और सिवलि सर्विस एग्जाम देने का ऑप्?शन है। प्राइवेट सेक्टर में बीएससी के बाद ज्?याद अच्छे ऑप्शन नहीं हैं। ऐसे में मेरी सलाह है कि आपको आगे पढ़ाई करनी चाहिए। अगर बीएससी में आपके पास मैथ्स है तो आप एमसीए कर सकते हैं। अगर बायो, फॉरेस्ट्री, जूलॉजी जैसे सब्जेक्ट हैं तो आप इनसे संबंधित प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकते हैं। अगर आप मैनेजमेंट में कॅरिअर बनाना चाहते हैं तो आपके पास एमबीए करने का ऑप्?शन भी है। अगर आप स्कूल टीचर बनना चाहते हैं तो बीएड में एडमिशन ले लें। वैसे एमएसी करने के बाद अगर आप एमफिल और पीएचडी करने के साथ ही नेट क्वालिफाई कर लेते हैं तो आप सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में लेक्चरार भी बन सकते हैं।
एमसीए करने के बाद मैं सरकारी क्षेत्र में जॉब करना चाहता हूं, इसके लिए मुझे क्या करना होगा? मुझे इंग्लिश कम्यूनिकेशन में समस्या आती है, इसे कैसे इम्प्रूव करूं?
नीरज सोलंकी, भोपाल
एमसीए करने के बाद आपके लिए प्राइवेट और सरकारी दोनों क्ष्ोत्र में संभावनाएं हैं, सरकारी क्षेत्र में एमसीए डिग्री होल्डर की वैकेंसी समय-समय पर निकलती है। मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस, इनकम टेक्स, बैंक, रेलवे आदि में वैकेंसी आती रहती है। इसके अलावा सरकारी क्षेत्र के महारत्न कंपनी भारत हैवी इलेक्टिकल लि., कोल इंडिया लि., गेल लि., एनटीपीसी आदि में एमसीए प्रोफेशनल्स की डिमांड रहती है। यहां पर चयन टेस्ट और इंटरव्यू के माध्यम से होता है, जॉब की सूचना के लिए इनकी आधिकरिक वेबसाइट को देखते रहें। अगर आपकी रुचि टीचिंग के क्षेत्र में है तो आप नेट क्वालिफाई कर लेक्चरार बन सकते हैं, इसके अलावा आप चाहे तो गवर्नमेंट इंटर कॉलेज में कंप्यूटर टीचर बनने के रास्ते भी खुले हैं।
इंग्लिश कम्यूनिकेशन को इम्प्रूव करने के लिए आप इंग्लिश का शब्दज्ञान बढ़ाएं, इंग्लिश मैग्जीन रेगूलर पढ़ंे, दोस्तों के साथ इंग्लिश बोलने का प्रयास करें, जितना आप इंग्लिश बोलेंगे और सुनेंगे उतनी ही आपकी इंग्लिश कम्यूनिकेशन में सुधार होगा। आप चाहे तो इंग्लिश इम्प्रूव करने के लिए एप की मदद ले सकते हैं, जिसे फ्री में डाउनलोड करके अपने मोबाइल से अपनी इंग्लिश इम्प्रूव कर सकते हैं।
मैं बारहवीं का स्टूडेंट हूं, कॅरिअर को लेकर मैं परेशान हूं, मुझे सॉफ्टवेयर डेवलपर बनना है, इसके लिए मुझे क्या करना चाहिए?
सौरभ जोशी, सतना
कॅरिअर को सही दिशा देने के लिए बारहवीं से सोचना सही है लेकिन अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। सही दिशा में किया गया प्रयास सफलता जरूर दिलाता है। ये अच्छी बात है कि आपने तय कर लिया है कि आप सॉफ्टवेयर डेवलपर बनना चाहते हैं। 2०2० तक भारत विश्व का सॉफ्टवेयर सुपर पावर बन सकता है। ऐसे में आने वाले समय में प्रोफेशनल सॉफ्टवेयर डेवलपर्स काफी डिमांड में रहेंगे। इस क्षेत्र में स्किल्स सॉफ्टवेयर डेवलपर कस्टमर की जरूरतों के अनुसार कंप्यूटर प्रोग्रामिग या सॉफ्टवेयर डेवलप करता है। ऐसे में सॉफ्टवेयर डेवलपर में स्ट्रॉन्ग कंप्यूटर प्रोग्रामिग स्किल्स, एनालिटिकल स्किल्स, क्रिएटिविटी, कम्युनिकेशन स्किल्स, डिटेल ओरिएंटेड, कस्टमर सर्विस स्किल्स, प्रॉबल्म सॉल्विंग स्किल्स और इंटर-पर्सनल स्किल्स होना जरूरी है। इसके साथ ही हर दिन सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में आने वाले बदलाव से अपडेट रहना और इनोवेटिव सॉफ्टवेयर डेवलप करने के लिए रिसर्च की हैबिट जरूरी है। आप इंटर के बाद सॉफ्टवेयर डेवलपर का कोर्स कर सकते हैं।
प्रमुख कोर्स
-बीएससी इन कंप्यूटर साइंस
-बैचलर इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिग
-बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन
-सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट ऑफ सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट
एलिजिबिलिटी
कंप्यूटर साइंस या सॉफ्टवेयर इंजीनियरिग के बैचलर डिग्री में एनरोलमेंट के लिए मैथ्स और साइंस सब्जेक्ट में 12वीं की डिग्री होनी चाहिए।
इंस्टीट्यूट
-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, कोलकाता
द्धप्प्ध्://nद्बद्बप्द्बद्बध्द्गन्द्बथ.दधद्ब/
-आइआइटी, दिल्ली, चेन्नई, कानपुर, बॉम्बे, रुड़की, गुवाहाटी
बबब.द्बद्बप्द.थद.द्बn/
-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद बबब.द्बद्बद्बप्थ.थद.द्बn/
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें