Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्यो...
अभिषेक कांत पाण्डेय
कांटों वाला साही
साही का सुरक्षा कवच है इनके पूरे शरीर के कांटे। जब भी इसे किसी खतरे का अंदेशा होता है तो साही अपने आप को एक गेंद की तरह मोड़ लेता है। शरीर को मोड़ने से बाहरी सतह पर 5,००० से भी अधिक कांटे सीधे खड़े हो जाते हैं। इन कांटो के डर से शिकारी भाग जाता है। साही के कांटे एक साल में गिर भी जाते हैं और इसकी जगह नए और मजबूत कांटे फिर उग आते हैं।
खोल में छुपा कछुआ
बच्चों, तुम तो जानते हो कि कछुआ सीधे स्वाभाव का और धीरे चलने वाला जीव है। कछुए की कई किस्मों में शरीर के ऊपर भारी कवच पाया जाता है। जानते हो यह कवच कछुए के कोमल शरीर की रक्षा करता है। शिकारी के आने पर यह बिना हिले-डुले खुद को इतना शांत रखता है कि शिकारी इसे पत्थर समझ लेता है और वहां से चला जाता है। कुछ कछुए की प्रजातियां तो खतरा होने पर अपने सिर और पैर को सिकोड़ कर खोल के अंदर छुप लेते हैं। सदियों से कछुओं की एक किस्म जिसका नाम हॉक्सबिल टर्टिल है, इनका कवच गहना और और सजावटी चीजें बनाने के लिए इस्तेमाल होता आ रहा है। इस कारण से इन कछुओं को बचाने के लिए 1973 से इनके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर रोक लगा दी गई है।
मगरमच्छ की सख्त त्वचा और जबड़ा
मगरमच्छ तो पानी में ही रहता है। इसकी शारीरिक बनावट ऐसी है कि पानी के बाहर ज्यादा तेज दौड़ नहीं सकता है, इसीलिए यह शिकार नहीं कर सकता है। लेकिन यह अपने शिकार का इंतजार पानी में घात लगाकर करता है। जब शिकार सामने आ जाता है, तो उसे अपने जबड़े में दबोच लेता है। जबड़े से मगमच्छ इतनी ताकत लगाता है कि शिकार छूट नहीं सकता है। यह ताकत मगरमच्छ को मिलती है, इसके बाहरी कांटेदार स्केलों से ढकी त्वचा के जरिए, जिसके नीचे हड्डियों का ढांचा और मजबूत मांसपेशियां होती हैं। इस सुरक्षा कवच के कारण मगरमच्छ पानी के अंदर बस शिकार का इंतजार
करता है।
सख्त त्वचा वाली पैंगोलिन छिपकली
पैंगोलिन की कुल आठ प्रजातियां हैं, सभी खतरे में हैं। स्तनधारियों की श्रेणी में आने वाली यह एकलौती प्रजाति हैं, जिनकी त्वचा के ऊपर बड़े किरेटिन के सख्त स्केल पाए जाते हैं। सख्त त्वचा के फायदे ये हैं कि जब खतरा होता है तो पेड़ की टहनियों में खुद को इस तरह चिपका लेती है, जिससे शिकारी जीव चकमा खा जाता है कि यह पेड़ का ही हिस्सा है। लेकिन इनकी प्रजाति खतरे में है। कुछ लोग इनके त्वचा और मांस के लिए इनका शिकार करते हैं, जिससे इनकी तादाद धीरे-धीरे कम हो रही है।
गेंद बन जाती है आर्माडिलो
प्रागैतिहासिक काल के लगने वाले आर्माडिलो के पेट को छोड़कर पूरा ही शरीर हड्डियों वाली स्केलों के ढका होता है। पेट पर रोएं होते हैं और यह काफी कोमल होता है। इनकी तीन किस्में पाई जाती हैं जिनमें से केवल एक ही में खुद को समेट कर गेंद जैसा बन जाने का गुण होता है।
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नजर कमजोर पर
डंक नहीं
6 से लेकर 12 आंखें होने के बावजूद बिच्छुओं की नजर कमजोर होती है। अगर खतरे को देख ना पाएं तो भी खुद को शिकारियों से बचाने के लिए इनके पास खतरनाक डंक के साथ साथ जहरीली और कवच जैसी त्वचा भी होती है।
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इन्हें प्रकृति से मिला सुरक्षा कवच
इस धरती पर हर जीव को जीने का अधिकार है, प्रकृति ने कुछ जीवों के शरीर पर सुरक्षा कवच दिए हैं, जिससे कि उनका शिकार करने वाले जानवर उससे घायल हो जाएं या डरकर भाग जाएं। त्वचा की बाहरी सतह पर पाया जाने वाला सुरक्षा कवच इन जीवों में कई रूपों में दिखता है, आइए जानते हैं कि कौन से हैं ये जीव।कांटों वाला साही
साही का सुरक्षा कवच है इनके पूरे शरीर के कांटे। जब भी इसे किसी खतरे का अंदेशा होता है तो साही अपने आप को एक गेंद की तरह मोड़ लेता है। शरीर को मोड़ने से बाहरी सतह पर 5,००० से भी अधिक कांटे सीधे खड़े हो जाते हैं। इन कांटो के डर से शिकारी भाग जाता है। साही के कांटे एक साल में गिर भी जाते हैं और इसकी जगह नए और मजबूत कांटे फिर उग आते हैं।
खोल में छुपा कछुआ
बच्चों, तुम तो जानते हो कि कछुआ सीधे स्वाभाव का और धीरे चलने वाला जीव है। कछुए की कई किस्मों में शरीर के ऊपर भारी कवच पाया जाता है। जानते हो यह कवच कछुए के कोमल शरीर की रक्षा करता है। शिकारी के आने पर यह बिना हिले-डुले खुद को इतना शांत रखता है कि शिकारी इसे पत्थर समझ लेता है और वहां से चला जाता है। कुछ कछुए की प्रजातियां तो खतरा होने पर अपने सिर और पैर को सिकोड़ कर खोल के अंदर छुप लेते हैं। सदियों से कछुओं की एक किस्म जिसका नाम हॉक्सबिल टर्टिल है, इनका कवच गहना और और सजावटी चीजें बनाने के लिए इस्तेमाल होता आ रहा है। इस कारण से इन कछुओं को बचाने के लिए 1973 से इनके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर रोक लगा दी गई है।
मगरमच्छ की सख्त त्वचा और जबड़ा

करता है।
सख्त त्वचा वाली पैंगोलिन छिपकली

गेंद बन जाती है आर्माडिलो

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