Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
नोबेल प्राइज हर साल रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस, द स्वीडिश एकेडमी, द कारोलिस्का इंस्टीट्यूट एवं द नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी द्बारा दिया जाता है। दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार ऐसे लोगों या संस्था को दिया जाता है, जिन्होंने रसायनशास्त्र, भौतिकीशास्त्र, साहित्य, शांति, एवं औषधि विज्ञान (मेडिकल साइंस) के क्षेत्र में अद्बितीय योगदान दिया हो। नोबेल प्राइज के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल थ्ो। वहीं अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत 1968 में स्वीडन की केंद्रीय बैंक स्वेरिज रिक्सबैंक द्बारा शुरू की गई। यह पुरस्कार अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अद्बितीय कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को हर साल दिया जाता है। हर कैटेगरी में पुरस्कार अलग-अलग समिति द्बारा दिया जाता है। नोबेल प्राइज विनर को एक मेडल, एक डिप्लोमा, एक मोनेटरी एवार्ड के साथ धनराशि भी दी जाती है। अब तक 48 महिलाओं को नोबेल पुरस्कार मिल चुका है।
भौतिक विज्ञान में अब तक नोबेल प्राइज से सम्मानित महिलाएं
मैडम क्यूरी
जन्म: 7 नवंबर, 1867
मृत्यु: 4 जुलाई, 1934
पोलेंड की साइंटिस्ट मैडम क्यूरी को वर्ष 19०3 में भौतिक के क्ष्ोत्र में रेडियोएक्टिविटी की खोज के लिए सम्मानित किया गया।
मारिया गोपर्ट मेयर
जन्म: 28 जून, 19०6
मृत्यु: 2० फरवरी, 1972
जर्मनी की वैज्ञानकि मारिया गोपर्ट मेयर को 1963 में न्यूक्लीयर फिजिक्स के क्ष्ोत्र में न्यूक्लीयर सेल स्टàक्चर की खोज के लिए सम्मानित किया गया।
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रसायन विज्ञान में अब तक नोबेल प्राइज से सम्मानित महिलाएं
मैडम क्यूरी
1911 में रसायन के क्ष्ोत्र में आइसोलेशन ऑफ यूरेनियम (यूरेनियम शुद्धीकरण) के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आइरेन ज्वाइलट क्यूरी
जन्म: 12 सितंबर, 1897
मृत्यु: 17 मार्च 1956
1935 में फ्रांस की साइंटिस्ट आइरेन ज्वाइलट क्यूरी को न्यूक्लीयर कैमिस्ट्री के क्ष्ोत्र में नए रेडियोधर्मी तत्वों के संश्लेषण की खोज के लिए सम्मानित किया गया।
ड्रॉथी क्रोफुट हॉडकिन
जन्म: 12 मई, 191०
मृत्यु: 29 जुलाई, 1994
1964 में ब्रिटेन की साइंटिस्ट ड्रॉथी हॉडकिन को बायो कैमिस्टàी के क्ष्ोत्र में महत्वपूर्ण जैव रासायनिक पदार्थों की संरचनाओं के एक्स-रे तकनीक की खोज के लिए नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया।
एडा ई
जन्म: 22 जून, 1939
2००9 में इजराइल की साइंटिस्ट को बायो कैमिस्ट्री के क्ष्ोत्र में राइबोसोम की संरचना और कार्यप्रणाली के विशिष्ट के अध्ययन के लिए नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया।
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अब तक 9०० नोबेल पुरस्कार विजेता
19०1 से 2०15 तक कुल 573 लोगों को नोबेल प्राइज मिल चुका है। इसमें संयुक्त रूप से मिले नोबेल प्राइज की संख्या जोड़ दी जाए तो कुल 9०० लोगों को यह पुरस्कार मिल चुका है। इसके अलावा 26 संस्थाओं को नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया है।
अब तक 48 महिलाओं को मिला नोबेल पुरस्कार
19०1 से 2०15 तक कुल 48 महिलाओं को नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। मैडम क्यूरी ऐसी महिला है जिन्हें दो बार नोबेल पुरस्कार मिलने का गौरव प्राप्त है। इन्हें 19०3 में भौतिक के क्ष्ोत्र में रेडियोएक्टिविटी की खोज करने के लिए इन्हें और इनके पति पियरे क्यूरी को संयुक्त रूप से दिया गया। इस तरह से वे नोबेल प्राइज से सम्मानित होने वाली पहली महिला बनी। इसके बाद मैडम क्यरी को 1911 में रसायन के क्ष्ोत्र में आइसोलेशन ऑफ यूरेनियम (यूरेनियम शुद्धीकरण) के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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