Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
कुआं आज भी सही सलामत है,
बस उसके कुछ कदम की दूरी पर ऊँची ऊँची इमारतें तन गईं,/
खत्म हो गया मोहल्लानुमा गाँव,
बन गईं घोसलानुमा कालोनियाँ।
खत्म हो गई, बिराहा कठपुतली, रामलीला लोक संस्कृति/
न वैसे लोग, ना ऐसे लोग, जाने कैसे-कैसे लोग,
होम हो गया वह मोहल्लानुमा गांव
या गांवनुमा मोहल्ला,
शहर ने अपने रंग में रंग लिया
हटा दिए गए लोग
उजाड़ दी गई बस्ती,
उजाड़ दिया गया मोहल्ला
क्योंकि
बसाना था
अमीरों के लिए घोसला।
बाप से दादाओं ने बताया था,
कई बार अपने इतिहास में उजड़ा और बसा है
पर कारण तब और थे
पर अब कारण-
शहर में घटती जमीन का सैलाब
इस मुहल्लेनुमा गाँव में आया था
पीढ़ियों से रह रहे लोगों को उजाड़ दिया
लोगों ने अपने टूटते घरों में
लोगों ने अपने टूटते जीवन को देखा
लोगों ने अपने बांधे छप्पर को गिरते देखा
लोगों ने अपने हाथों से उठाएं दीवार को ढहते देखा/
आंगन में लगा अनार का पेड़
फिर उसके बाद कभी नहीं फरा
वहां कुआं अभी भी है
उसके जगत पर
मेरे पैरों के निशान अभी भी है
उसके पत्थरों पर
उस रस्सी के निशान अभी भी है
खामोश
ऊँची बिल्डिंगों को देख
कुआँ
अभी भी खोजता है
हमारे जैसे लोग
मोहल्ले के लल्ली ने बताया-
हां, याद आया वह लल्ली
जिसकी हर पतंग की उड़ान में
उस समय उसके उम्र के
हर बच्चे दीवाने थे
हवा की कलाबाजी की तकनीक
पतंग बनाने उड़ाने की तकनीक
बिना यूट्यूब के ऑनलाइन
सामने उसी कुएँ की जगत पर सिखाता था../
हां, कल उसने बताया
कुआँ रात रात भर रोता है
इसलिए 20 साल बाद भी
नहीं सुखा उसका खारा पानी।
अभिषेक कांत पांडेय
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