Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
कैसे बनती है नॉदर्न लाइट
तुम जानते हो कि रात में आसमान काला दिखाई देता है लेकिन धरती में कुछ ऐसी जगह है, जहां पर रात में कुदरती रंगीन नजारा दिखता है। यहां रात के समय आसमान में हरा, पीला, नारंगी रंग वाली लाइट नजर आती है। ये अद्भुत घटना नॉर्दन लाइट्स के नाम से जानी जाती है। ऐसी घटना धरती के नॉर्वे, आइसलैंड, कनाडा में दिखाई देती है। आखिर इसका कारण क्या है, क्यों होती है नार्दन लाइट् की ये घटना? वास्तव में, नॉदर्न लाइट नेचर का एक ऐसा कारनामा है, जो धरती के गैसों के अणु और सूर्य के प्रकाश में मौजूद कण के बीच टकराव से पैदा होता है। इससे आसमान में कई रंगों का संयोजन होता है, जो अलग-अलग गैसों के प्रकृति और मात्रा पर निर्भर करता है। जब यह सूर्य के प्रकाश से टकराती है तो आसमान में कई रंगों की रंगीन लाइटें नजर आती हैं। इन नेचुरल रंगों में सबसे कॉमन रंग पीला-हरा होता है, जो धरती से 6० मील ऊपर ऑक्सीजन के अणुओं के टकराने से पैदा होती है।
प्रेशर कुकर में खाना जल्दी क्यों बनता है?
जब भी तुम्हारी मम्मी खाना बनाती होंगी तो तुम सोचते होगे कि कैसे कुकर में वो जल्दी से चावल या दूसरी चीजें तैयार कर लेती हैं। खुले बर्तन में खाना बनाने की अपेक्षा ढके बर्तन में खाना जल्दी पकता है, पर ये होता कैसा है? ये हम तुम्हें बताते हैं। दरअसल, पानी से बनने वाली भाप कुकर में बेकार नहीं जाती है। ढकने के साथ-साथ अगर दाब भी बढ़ा दिया जाए तो खाना और भी जल्दी पकता है, क्योंकि नियमानुसार जैसे-जैसे दाब बढ़ता है, पानी का क्वथनांक कम होता जाता है। प्रेशर कुकर में दाब अधिक हो जाने के कारण उसमें पकाए जाने वाले पदार्थो का क्वथनांक भी घट जाता है और वे जल्दी पक जाते हैं। इसीलिए तो गैस तेज करते ही कुकर जल्दी-जल्दी सीटी देने लगता है और पलक झपकते ही इसमें पकवान तैयार हो जाते हैं। चूंकि भाप एक शक्ति है और दाब अधिक न हो जाए इसलिए उसमें सेफ्टी वाल्व लगा होता है।
समुद्र का जल खारा क्यों होता है?
तुम जानते हो कि धरती का तीन हिस्सा पानी से घिरा हुआ है, लेकिन क्या तुम जानते हो कि कुल पानी का 9० प्रतिशत पानी समुद्र में पानी के रूप में जमा है। समुद्र का सारा पानी खारा है, यानी पीने लायक नहीं है। आखिर समुद्र का पानी खारा क्यों होता है? समुद्र के पानी का खारा होने का कारण नदियां हैं, कैसे?। धरती पर जितने भी पानी के स्रोत हैं, वे नदियों के पानी से मिलती है और नदियां समुद्र में जाकर मिलती है। नदियां बहते वक्त धरती के ऊपरी भाग की मिट्टी,
तुम जानते हो कि रात में आसमान काला दिखाई देता है लेकिन धरती में कुछ ऐसी जगह है, जहां पर रात में कुदरती रंगीन नजारा दिखता है। यहां रात के समय आसमान में हरा, पीला, नारंगी रंग वाली लाइट नजर आती है। ये अद्भुत घटना नॉर्दन लाइट्स के नाम से जानी जाती है। ऐसी घटना धरती के नॉर्वे, आइसलैंड, कनाडा में दिखाई देती है। आखिर इसका कारण क्या है, क्यों होती है नार्दन लाइट् की ये घटना? वास्तव में, नॉदर्न लाइट नेचर का एक ऐसा कारनामा है, जो धरती के गैसों के अणु और सूर्य के प्रकाश में मौजूद कण के बीच टकराव से पैदा होता है। इससे आसमान में कई रंगों का संयोजन होता है, जो अलग-अलग गैसों के प्रकृति और मात्रा पर निर्भर करता है। जब यह सूर्य के प्रकाश से टकराती है तो आसमान में कई रंगों की रंगीन लाइटें नजर आती हैं। इन नेचुरल रंगों में सबसे कॉमन रंग पीला-हरा होता है, जो धरती से 6० मील ऊपर ऑक्सीजन के अणुओं के टकराने से पैदा होती है।
प्रेशर कुकर में खाना जल्दी क्यों बनता है?
जब भी तुम्हारी मम्मी खाना बनाती होंगी तो तुम सोचते होगे कि कैसे कुकर में वो जल्दी से चावल या दूसरी चीजें तैयार कर लेती हैं। खुले बर्तन में खाना बनाने की अपेक्षा ढके बर्तन में खाना जल्दी पकता है, पर ये होता कैसा है? ये हम तुम्हें बताते हैं। दरअसल, पानी से बनने वाली भाप कुकर में बेकार नहीं जाती है। ढकने के साथ-साथ अगर दाब भी बढ़ा दिया जाए तो खाना और भी जल्दी पकता है, क्योंकि नियमानुसार जैसे-जैसे दाब बढ़ता है, पानी का क्वथनांक कम होता जाता है। प्रेशर कुकर में दाब अधिक हो जाने के कारण उसमें पकाए जाने वाले पदार्थो का क्वथनांक भी घट जाता है और वे जल्दी पक जाते हैं। इसीलिए तो गैस तेज करते ही कुकर जल्दी-जल्दी सीटी देने लगता है और पलक झपकते ही इसमें पकवान तैयार हो जाते हैं। चूंकि भाप एक शक्ति है और दाब अधिक न हो जाए इसलिए उसमें सेफ्टी वाल्व लगा होता है।
समुद्र का जल खारा क्यों होता है?
तुम जानते हो कि धरती का तीन हिस्सा पानी से घिरा हुआ है, लेकिन क्या तुम जानते हो कि कुल पानी का 9० प्रतिशत पानी समुद्र में पानी के रूप में जमा है। समुद्र का सारा पानी खारा है, यानी पीने लायक नहीं है। आखिर समुद्र का पानी खारा क्यों होता है? समुद्र के पानी का खारा होने का कारण नदियां हैं, कैसे?। धरती पर जितने भी पानी के स्रोत हैं, वे नदियों के पानी से मिलती है और नदियां समुद्र में जाकर मिलती है। नदियां बहते वक्त धरती के ऊपरी भाग की मिट्टी,
चट्टान को भी अपने पानी में बहा ले जाती है। इसमें ढेर मात्रा में लवण और खनिज होते हैं, जो नदी के जल में घुल जाते हैं। जब नदियां समुद्र से मिलती हैं, तब इनके लवण और खनिज भी समुद्र में घुल जाते हैं। लेकिन जब सूर्य के प्रकाश के कारण समुद्र का पानी भाप बनकर उड़ता है तो समुद्र का लवण और खनिज वहीं रह जाता है। जब सूर्य के प्रकाश से जल वाष्प बनता है तो यही वाष्प बारिश के बादलों का निर्माण करता है। बारिश होने पर धरती पर मीठा जल गिरता है। वर्षा का यह जल नदियों में और नदियों का जल फिर से खनिज और लवणों को घोलकर, समुद्र में पहुंचा देता है। यह प्रक्रिया लाखों सालों से चलती आई है, समुद्र का पानी वाष्प तो बन जाता है लेकिन लवण और खनिज वहीं का वहीं रह जाता है। इसीलिए समुद्र जल खारा होता है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें