पद परिचय किसे कहते हैं | Pad Parichay in Hindi Grammar| CBSE Board Term 1 hindi grammar for class 10 examination MCQ
पद परिचय किसे कहते हैं | Pad Parichay in Hindi Grammar| CBSE Board Term 1 hindi grammar for class 10 examination
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पद किसे कहते हैं
पद (Pad) – जब कोई शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है तो वह पद कहलाता है, जैसे – ‘प्रशान्त पुस्तक पढ़ता है।’
पद परिचय/पद व्याख्या (Pad Parichay) –
वाक्य में प्रयुक्त किसी पद के व्याकरणिक परिचय को ही उसका पद परिचय या पद व्याख्या कहते हैं।
दोस्तों किसी पद के किसी पद के व्याकरणिक परिचय का मतबल होता है कि उस पद के शब्द में जैसे संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण इत्यादि में लिंग,वचन, कारक, काल, वाच्य इत्यादि के बारे में बताना होता है।
व्याकरण के आधार पर वाक्य को निम्नलिखति कोटियों में बांटा गया है
व्याकरणिक कोटियाँ या रूपान्तरण -
विकारी शब्दों का पद परिचय –
vikari shabdo ka pad parichya
पद परिचय के भेद या प्रकार (Pad Parichay Ke Bhed in Hindi) –
2 . सर्वनाम पदों का पद परिचय –
सर्वनाम पद के लिए पांच प्रकार का पद परिचय दिया जाता है जो निम्नलिखित है।
1. वह खाना खाता है।
2. कौन यहां पर आया है?
उपरोक्त लिखे वाक्य में वह और कौन ये दोनों का पद परिचय बताना है। ये सर्वनाम है। इनका पद परिचय निम्नलिखित है
वह – पुरुषवाचक सर्वनाम, अन्यपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘खा रहा है’ क्रिया का कर्ता।
कौन – प्रश्नवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ताकारक, आया क्रिया का कर्त्ता।
3 . विशेषण पद का पद परिचय –
वाक्य में विशेषण शब्दों का पद परिचय पांच प्रकार से देते हैं जो निम्नलिखित है-
नीला आसमान है।
इस वाक्य में आसमान की विशेषता नीला है और विशष्य आसमान है।
नीला का पद परिचय है-
नीला- गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, मूलावस्था, ‘आसमान’ विशेष्य के रंग का बोध करा रहा है।
4 . क्रिया पद का पद परिचय –
वाक्य में प्रयोग होने वाले क्रियापद शब्द का पद परिचय बताने के लिए निम्नलिखित से बातों का ध्यान रखना होता है-
With Example इसे उदाहरण से समझे-
i रागिनी गाना गाती है।
ii राजू गाता है
रेखांकित पदों का पद परिचय pad parichay निम्नलिखित प्रकार का होगा -
गाती – सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल, इस वाक्य में गाती क्रिया का कर्ता रागिनी है। गाना रागिनी का कर्म है।
सकर्मक क्रिया पहचानने का नियम
यहां एक बात स्पष्ट कर दें कि गाती सकर्मक क्रिया है क्योंकि गाना कर्म है। कह सकते हैं कि ऐसी क्रिया जिसका कर्म होता है उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं।
गाता – अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन कर्तृवाच्य, वर्तमान काल, राजू 'गाता’ क्रिया का कर्ता है।
यहां अकर्मक क्रिया इसलिए है क्योंकि गाता कर्ता राजू का कर्म इस बात में नहीं है। इसलिए गाता क्रिया अकर्मक क्रिया है।
अविकारी या अव्यय पदों का पद परिचय (Avikari kriya pad parichay)
वाक्य में ऐसे शब्द जिनका व्याकरण के अनुसार परिचय में लिंग वचन और कारक का प्रभाव नहीं पड़ता है अर्थात उनके कारण यह बदलते नहीं हैं ऐसे पदों को व्याकरण में अविकारी कहा जाता है। अविकारी पदों का परिचय निम्नलिखित प्रकार से दिया जाता है।
क्रिया विशेषण पद का पद परिचय
क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द को क्रियाविशेषण कहते हैं।
उदाहरण से यहां समझें-
कछुआ धीरे-धीरे चलता है।
काला घोड़ा तेज भागता है।
उपरोक्त दोनों वाक्य में रेखांकित पद का परिचय निम्नलिखित तरह से किया जाता है-
धीरे-धीरे- रीतिवाचक क्रिया विशेषण चलने क्रिया की विशेषता।
तेज – रीतिवाचक क्रिया विशेषण, ‘चलता’ क्रिया की गति के बारे में बताता है अर्थात क्रिया की विशेषता बता रहा है।
सम्बन्ध बोधक अव्यय पद का पद परिचय –
संज्ञा सर्वनाम आदि के संबंध को बताने वाले पद को संबंधबोधक कहते हैं।
उदाहरण संबंधबोधक का-
पिता के साथ पुत्र बाजार गया।
मेरे घर के सामने उद्यान है।
के साथ – सम्बन्धबोधक अव्यय, ‘के साथ’ अव्यय' पद पिता और पुत्र के सम्बन्ध की जानकारी दे रहा है, इस तरह से यह संबंधबोधक हुआ।
के सामने – सम्बन्ध बोधक अव्यय, ‘के सामने’ अव्यय पद घर और उद्यान के सम्बन्ध के बारे में बता रहा है।
समुच्चय बोधक अव्यय पद का पद परिचय –
उसने सबको बताया इसलिए सब चले गए।
मयंक बोलता है और अनुराधा लिखती है।
इसलिए - दो वाक्यों को जोड़ रहा है। एक वाक्य दूसरे वाक्य से परिणाम भी बता रहा है
और – समुच्चय बोधक अव्यय है। यह दो स्वतंत्र उपवाक्यों को जोड़ता है जैसे मयंक बोलता है। अनुराधा लिखती है। इन दो वाक्यों को जोड़ा जा रहा है और शब्द से।
विस्मयादिबोधक अव्यय पद का पद परिचय
छात्रो! विस्मयादिबोधक अव्यय उसे कहते हैं, जिससे दुख हर्ष उल्लास आदि का भाव पता चलता है।
वाह! कितना सुंदर दृश्य है।
छि:छिः कितनी गंदी जगह है।
वाह! – विस्मयादिबोधक अव्यय, जो हर्ष (प्रसन्नता, खुशी आदि) के भाव का बोध कराता है।
छि:छि: – विस्यादिबोधक अव्यय, जो घृणा (नफरत) के भाव के बारे में बताता है।
निपात पद का पर परिचय –
जब हम किसी वाक्य में बल देकर कोई बात कहते हैं तो उसे निपात कहा जाता है यानी उस शब्द पर हम जोर देते है, जैसे- भी, ही
राजू आज ही मुंबई ही जाएगा।
प्रमोद भी मुंबई जाएगा।
ही – यह निपात शब्द है। आज के बाद ही का प्रयोग हुआ है जोकि बल देकर यह कह रहा है कि आज ही जाएगा (कल नहीं जाएगा)।
भी – यह एक निपात है। शब्द के बाद भी प्रयोग हो रहा है, जो बल देकर कह रहा है।
आज आपने हिंदी व्याकरण hindi veyakaran में पद परिचय के बारे में जाना है। पद परिचय किसे कहते हैं? अविकारी एवं विकारी शब्दों के बारे में जाना। पद का परिचय pad parichay कैसे दिया जाता है। वाच्य, रस, अलंकार, प्रश्ननों व्याकरण आदि टॉपिक व्याकरण के अंर्तगत आता है।
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