सैंपल क्वेश्चन पेपर क्लास 10th Term -2 hindi 2022 एग्जामिनेशन with solution download pdf
Education in hindi sample paper with solution: सीबीएसई बोर्ड की क्लास 10th में चलने वाली हिंदी A पाठ्यक्रम एक सैंपल पेपर यहां पर दिया जा रहा है इस सैंपल पेपर का हल यानी solution भी आपको हम बताने जा रहे परीक्षा में TERM-2 Examination में किस तरह के question आएंगे उसके बारे में आपको यहां बेहतरीन जानकारी सबसे अच्छी जानकारी प्राप्त होगी . hindi sample paper 2022 pdf given herte for your term-2 examination practi
Term -2 की परीक्षा 40 अंकों की लिखित होगी. हर प्रश्नों का उत्तर आपको लिखकर देना है। इसके लिए कुल 2 घंटे का समय बोर्ड की तरफ से दिया जाएगा आपको। हिंदी के सैंपल पेपर को यहां पर हम सॉल्व करके आपको बता रहे हैं आप पूरा सैंपल पेपर हल सहित यहां पढ़ें.
Hindi class 10 Term-2 paper solution
निर्धारित समय: 2 घंटे अधिकतम अंक: 40
सामान्य निर्देश:
(क) इस प्रश्न पत्र में 2 खंड हैं- खंड ‘क’ और खंड ‘ख’।
(ख) खंड ‘क’ के अंतर्गत कुल 3 प्रश्न दिए गए हैं। इन प्रश्नों के अंतर्गत कुल 13 प्रश्न दिए गए हैं। इनमें से केवल 9 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
(ग) खंड ‘ख’ के अंतर्गत कुल 4 प्रश्न दिए गए हैं। प्रश्नों के अंतर्गत कुल 11 प्रश्न दिए गए हैं। इनमें से केवल 6 प्रश्न करनी है।
(खंड ‘क’ पाठ्य पुस्तक तथा पूरक पाठ्यपुस्तक)
निम्नलिखित में से किन्ही चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (2*4=8)
लेखक ने नवाब साहब के उपेक्षा पूर्ण व्यवहार का जवाब कैसे दिया?
निम्नलिखित में से किन्ही चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (2*4=8)
लेखक ने नवाब साहब के उपेक्षा पूर्ण व्यवहार का जवाब कैसे दिया?
लेखक जैसे रेल के डिब्बे के अंदर प्रवेश किया तो नवाब साहब ने संगति के लिए कोई उत्साह अपनी तरफ से नहीं दिखाया। यह देख लेखक भी उनकी अनदेखी कर बाहर देखने लगा। इस तरह से लेखक ने नवाब साहब के उपेक्षापूर्ण व्यवहार का जवाब दिया।
‘लखनवी अंदाज’ कहानी में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।
Solution
लखनवी अंदाज कहानी में निहित संदेश या है कि हमें दिखावे के लिए जीना नहीं चाहिए बल्कि यथार्थ में जीना चाहिए। बनावटी जीवन शैली का दिखावा करने की आदत अच्छी नहीं होती इसे छोड़ देना चाहिए। हर इंसान को समान समझना चाहिए एक दूसरे से भेदभाव नहीं करना चाहिए इसलिए मित्रता का हाथ बढ़ाना चाहिए और सबसे उत्तम व्यवहार करना चाहिए।
हिंदी की दुर्दशा पर फादर बुल्के के हृदय से एक चीख सुनाई देती है और आश्चर्य भी, कैसे?
Solution hindi
फादर कामिल बुल्के का आश्चर्य चीख में बदल जाता है, जब भी वे हिंदी का अपमान होते देखते हैं। उन्हें अचंभा होता है कि जिनकी मातृभाषा हिंदी है, वही देश की राष्ट्रभाषा का अपमान कर रहे हैं। अपने ही देश के लोग के द्वारा अपने ही भाषा को महत्व न देना और उसे नकारना देखते तो उनका आश्चर्य चीख में बदल जाती थी क्योंकि हिंदी को राष्ट्रभाषा रूप में सम्मान ऐसे लोग की सोच के कारण नहीं मिल रहा था। sample question paper term 2 hindi cbse board parctice
नवाब साहब को लेकर लेखक के सामने झिझक क्यों हो रही थी?
‘लखनवी अंदाज’ कहानी में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।
हिंदी की दुर्दशा पर फादर बुल्के के हृदय से एक चीख सुनाई देती है और आश्चर्य भी, कैसे?
नवाब साहब को लेकर लेखक के सामने झिझक क्यों हो रही थी?
मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ में लेखक क्या संदेश देना चाहता है? स्पष्ट कीजिए। term 2 hindi sample paper cbse board class 10
मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ के माध्यम से लेखक फादर कामिल बुल्के के चरित्र से परिचय कराकर निम्नलिखत संदेश देना चाहता है—
सभी मनुष्य के मन में प्रेम की भावना होनी चाहिए।
भारत के लोग को अपनी मातृभाषा हिंदी के प्रति अपना दायित्व और गौरव के प्रति सजग रहना चाहिए।
दया, करुणा और प्रेम जिसे हम भारतीय भूल चुके थे, इन बातों को पुन: फादर बुल्के ने याद दिलाया है।
हिंदी की प्रगति के लिए हमें अपना योगदान देना चाहिए। दूर देश से आये हुए फादर बुल्के ने हमें सीख दी कि हमें अपनी मातृभाषा से प्रेम करना चाहिए और देश की राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी को पहचान दिलाने के लिए हृदय से हिन्दी को अपनाना चाहिए।
फादर बुल्के के हिन्दी को उचित सम्मान दिलाने के उनके प्रयास के बारे में बताया है, जिससे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए कि किसी देश की पहचान उसकी अपनी भाषा और संस्कृति होती है।
2. निम्नलिखित में से किन्ही तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (2*3=6)
i. कन्यादान कविता में मां ने बेटी को जो सीख दी है क्या वह आज के युग के अनुकूल है? पक्ष या विपक्ष में तर्क देकर स्पष्ट कीजिए।
कन्यादान कविता में मां के माध्यम से कवि ने स्त्री जाति के शोषण की व्यथा-कथा से दुखी होकर बेटी को सीख देती है। आज आधुनिक समाज में एक और तो नारी को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं हैं परंतु सच्चाई यह है कि समाज में नारी से विपरीत व्यवहार किया जाता है। समाज में नारी के प्रति शोषण की प्रवृत्ति आज भी देखी जा रही है। दहेज प्रथा, हत्या, बलात्कार, छेड़छाड़ की घटनाएं इस आधुनिक समय में भी नारी के साथ हो रही है। इस शोषण और अत्याचार के खिलाफ कन्यादान की मां अपनी बेटी को जागरूक करती है और उसे सीख देती है कि लड़की होकर भी लड़की की तरह कमजोर न होना बल्कि अत्याचार शोषण के खिलाफ आवाज उठाना। इसलिए बेटी को सावधान करना आधुनिक युग के अनुकूल है।
ii. कन्यादान कविता में 'वस्त्र और आभूषण' को शाब्दिक प्रथम क्यों कहा गया है?
कन्यादान कविता में 'वस्त्र और आभूषण' को भ्रम इसलिए कहा गया है क्योंकि नववधू इसके आकर्षण में फँसकर आत्ममुग्ध हो जाती है, इसी कमजोरी का फायदा उठाकर ससुराल के लोग इनका शोषण करते हैं। एक नारी की पहचान उसके वस्त्र और आभूषण से नहीं बल्कि उसकी शिक्षा और जागरूकता से होती है। अच्छे वस्त्र और आभूषण तो सामाजिक बंधन के रूप में समाज के द्वारा नारी को दिया जाता है ताकि इस बंधन में वह बँधकर अपने अधिकार और जीवन के बारे में कोई निर्णय नहीं ले सके। इसलिए कविता में वस्त्र और आभूषण को 'शाब्दिक भ्रम' यानी धोखा कहा गया है।
iii. बादलों से गर्जना का आह्वान कर कवि क्या कहना चाहता है? उत्साह कविता के आधार पर बताइए।
बादलों से गर्जना का आह्वान कर के कवि निम्नलिखित बातें कहना चाहता है-
गर्मी से लोग व्याकुल है, खेत खलियान सूख गए हैं ऐसे में बादल पानी बरसा कर लोगों का मन तृप्त करें।
गर्जना के माध्यम से नई क्रांति लाने के लिए कवि आह्वान कर रहा है, अत्याचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठाकर बदलाव लाने की बात कहता है।
iv 'अट नहीं रही' कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?
(Solution class 10 paper model)
‘अट नहीं रही’ कविता में कवि क्या संदेश देना चाहता है कि फागुन में प्रकृति का सौंदर्य सब जगह दिखाई दे रहा है। पेड़ों पौधों की डालियों पर प्रकृति की सुंदरता सजी-धजी हुई। इन सौंदर्य को देखकर हर इंसान का मन प्रसन्न और आनंदित है। फागुन की सुंदरता के साथ ही जीवन के उत्साह और प्रकृति के इस सुंदर रूप के माध्यम से कवि जीवन के उत्साह को भी प्रकट कर रहा है।
3. निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (3*2=6)
i. जॉर्ज पंचम की लाट पर किसी भी भारतीय नेता यहाँ तक की भारतीय बच्चे की नाक फिट न होने की बात से लेखक किस ओर संकेत करता है? आप इस बारे में क्या सोचते हैं?
जॉर्ज पंचम की लाट पर किसी भी भारतीय नेता यहां तक की किसी भारतीय बच्चों की नाक फिट न होने की बात से लेखक का संकेत है कि जिस जॉर्ज पंचम की नाक के लिए सरकारी कर्मचारी, अधिकारी और सरकारी महकमा सभी चिंतित थे, उस जार्ज पंचम की नाक अपने देश के लिए शहीद हुए बच्चों की नाक से भी छोटी निकली। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की तुलना में जॉर्ज पंचम की नाक की नगण्य थी।
ii ‘साना साना हाथ जोड़ी’ यात्रा वृतांत के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है?
कुदरत ने जल संचय की आश्चर्यजनक व्यवस्था की है उसने जल को पर्वत शिखरों पर हिम -नदी के रूप में संचित किया है। सूरज की रोशनी से समुद्र का जल भाप बनकर ऊपर उठता है तो बारिश के द्वारा सभी जगहों पर कहानी संचय होता है और पानी का कुछ हिस्सा भूमि के अंदर चला जाता है। यही पानी जगह जगह पर हुए के रूप में लोगों की प्यास बुझाती है। पहाड़ों से निकलने वाली नदियां मैदानी इलाकों की खेतों को खींची हुई समुद्र में जाकर मिलती है और फिर यह जल चक्र चलता रहता है, इस तरह से प्रकृति के द्वारा जल संचय होता है।
iii भोलानाथ के पिता उसके साथ तरह-तरह की गतिविधियों में शामिल होते थे, आज माता—पिता अपने बच्चों के साथ ऐसा नहीं कर पाते हैं, क्यों? इससे बच्चे में कौन-कौन से गुण अविकसित रह जाते हैं?
भोलेनाथ के पिता भोलेनाथ के साथ काफी समय बिताते थे। सुबह भोलानाथ को उठाते थे, नहला—धुला देते थे और पूजा में भी अपने साथ शामिल करते थे। भोलानाथ को भी गंगा नदी किनारे ले जाते और वहां पर मछलियों को आटे की गोलियां खिलाते थे। इन गतिविधियों में भोलानाथ को बहुत आनंद आता था। गंगा नदी से लौटते समय बाग के पेड़ों की डाल पर झूला पिताजी भोलानाथ को झुलाते थे। भोलेनाथ के माता—पिता अपने बच्चे को पर्याप्त समय देते थे लेकिन आज के दौर के माता—पिता के पास इतना समय नहीं है कि वे अपने बच्चों के साथ समय बिता सकें। माता—पिता का अपने बच्चों के साथ समय न बिताने के कारण बच्चों में सहनशीलता, मिलजुलकर रहने की भावना, त्याग, संवेदनशीलता, परोपकार आदि के गुणों का विकास नहीं हो पाता है, इस कारण से समाज में स्वयं को व्यवस्थित नहीं कर पाते हैं।
Iv माता का अंचल पाठ के अनुसार बाल स्वभाव का वर्णन कीजिए।
बच्चों का मन पल—पल में बदलता रहता है। बड़ी—सी बड़ी विपरीत परिस्थितियों में भी वे अपने मन को अनुकूल कर लेते हैं । माता के अंचल पाठ में भोलानाथ अपनी मां की डांट के कारण सिसकने लगता है तो गुरु के खबर लेने पर वह रोता है और जब बालकों की टोली खेलने के लिए आती है तो एकाएक उसका सिसकना बंद हो जाता है। फिर वह बच्चों की टोली में खेलने में मस्त हो जाता है, ऐसा नहीं लगता कि कुछ देर पहले कुछ हुआ है, इसलिए बाल—स्वभाव के बारे में कह सकते हैं कि उनका मन निश्चल होता है और हर परिस्थिति में स्वंय को अनुकूल कर लेते हैं।
खंड- ‘ख’ लेखन
4. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर 150 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। [5*1=5]
(i ) सब दिन होत न एक समान
संकेत बिंदु
भूमिका
परिवर्तनशील समय
समय बलवान
निष्कर्ष
समय हर पल बदलता रहता है। समय कभी एक-सा नहीं रहता है। संसार की हर वस्तु चाहे वह जड़ हो या चेतन सभी परिवर्तनशील है। दिन के बाद रात होती है और रात के बाद दिन। यह परिवर्तन समय का परिवर्तन ही होता है। समय अच्छा रहा तो भिखारी भी राजा बन जाता है और समय बुरा हुआ तो राजा भी भिखारी बन जाता है। समय की इसी परिवर्तनशीलता की पहचान कर ज्ञानी कभी घमंड नहीं करते हैं। किसी को हेय नहीं समझना चाहिए। आज कोई दुख व मुश्किलों में जी रहा है तो कल उसका समय भी बदलेगा और सम्पन्न हो जाएगा क्योंकि हर इंसान का जीवन सुख—दुख के भवसागर में फंसा हुआ है। जिस दिन उसके हिस्से में सुख आएगा, उसका समय बलवान हो जाएगा। व्यक्ति कितना भी धनवान हो या ज्ञानवान हो उसके शरीर पर समय के साथ पड़ने वाली बुढ़ापे की झुर्रियां बताती हैं कि समय बलवान होता है, कभी भी स्वयं पर घमंड नहीं करना चाहिए। समय हमें यह भी सिखाता है कि कठिन समय में भी हमें हिम्मत नहीं हारना चाहिए। कठिन समय में धैर्य और विवेक से काम लेना चाहिए। प्रकृति परिवर्तनशील है, समय परिवर्तनशील है, इस नियम को हमेशा स्मरण रखना चाहिए।
Laghu Katha lekhan
मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ में लेखक क्या संदेश देना चाहता है? स्पष्ट कीजिए। term 2 hindi sample paper cbse board class 10
भूमिका
परिवर्तनशील समय
समय बलवान
निष्कर्ष
ii. मेरा भारत महान
संकेत बिंदु
प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति
भौगोलिक रचना
कुदरत का सौंदर्य
एकता में अनेकता
गौरवशाली इतिहास
प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति
भौगोलिक रचना
कुदरत का सौंदर्य
एकता में अनेकता
गौरवशाली इतिहास
iii. 'युवाओं का विदेशों में पलायन' click for solution
आधार बिंदु
विदेशों में पलायन के कारण
पलायन के रोकने का निवारण
निष्कर्ष
Anuched Lekhan
विदेशों में पलायन के कारण
पलायन के रोकने का निवारण
निष्कर्ष
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