NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 5: सूर्यकांत त्रिपाठी निराला| Extra questions for Term-2-2022
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Class Hindi TERM-2 2022 एग्जामिनेशन के अनुसार यहां पर पाठ के प्रश्न उत्तर और उसके अलावा अतिरिक्त प्रश्न परीक्षा के लिए दिए गए हैं, जिन्हें आप पढ़ कर अपनी तैयारी बेहतर कर सकते हैं।
प्रश्न.1 कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर 'गरजने' के लिए कहता है, क्यों?
उत्तर:
कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के के लिए नहीं कहता क्योंकि कवि चाहता है लोग में नई चेतना और क्रांति आए और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए आगे आए। इसलिए कवि ने उत्साह कविता में बादल को साधारण शब्दों में बरसने के स्थान पर 'गरजने' वाले शब्द का प्रयोग किया है। बादल का गरजना विद्रोह का प्रतीक है।
प्रश्न. 2 कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?
उत्तर:
यह एक आह्वान गीत है। कवि शोषण के खिलाफ लोग में क्रांति के माध्यम से आवाज उठाने की बात कहते हैं। इसलिए इस कविता के माध्यम से कवि शोषण और अत्याचार के खिलाफ क्रांति लाने के लिए लोग में उत्साह भरना चाहते हैं, ताकि बादलों के 'गरजन' से लोग के मन में संघर्ष और शोषण के प्रति लड़ने की शक्ति और उर्जा प्राप्त हो सके इसलिए कवि निराला ने इस कविता का शीर्षक उत्साह रखा है।
प्रश्न 3. कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
उत्तर:
'उत्साह' कविता में बादल निम्नलिखित अर्थों की ओर संकेत करता है-
(क) बादल पीड़ित-प्यासे लोग की आकाँक्षाओं को पूरा करने वाला है।
(ख) बादल नई कल्पना नई कविता रचने की और संकेत कर रहा है। इसके माध्यम से नये अंकुर के लिए विध्वंस, विप्लव औऱ क्रांति चेतना की चेतना का संचार करने वाला है।
(ग) उत्साह कविता में बादल लोग को नया जीवन देने में सक्रिय है।
प्रश्न 4.
शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौंदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन-से शब्द हैं, जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।
उत्तर: कविता की इन पंक्तियों में नाद-सौंदर्य है।
(क) "घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
(ख) "विद्युत-छवि उर में"
प्रश्न 5.
जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए।
उत्तर:
इस प्रश्न का उत्तर छात्र स्वयं दें। लेकिन यहां पर हम एक अपनी स्वरचित उदाहरण आपको दे रहे हैं—
बरखा बादल छाए देख मयूर—मन नाचे
रिमिझिम बारिश में भीग गया तन मन
मन पंछी बन दूर गगन उड़ जाए।
ओ धरा के रखावाले धराधर
तेरी बारिश की बूॅंद अनमोल मोतियों—सा
पाकर जन, फसल, जीव सब तर जाए एक—सा।
प्रश्न 6. होली के आसपास प्रकृति में जो परिवर्तन दिखाई देते हैं, उन्हें लिखिए।
उत्तर— होली का त्योहार फागुन माह में मनाया जाता है। फागुन महीने में चारों तरफ रंग—विरंगे फूल खिल जाते हैं। चारों ओर रंग ही रंग नजर आते हैं । प्रकृति के इस रंगीन आभा को देखकर मनुष्य भी मतलवाला हो जाता है। प्रकृति की सुंदरता उसे मोहने लगती है। प्रकृति का यह रंग—विरंगे नजारे होली के महत्त्व और अधिक बढ़ा देते हैं।
निराला जी की कविता अट नहीं रही कविता से प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
छायावाद की एक खास विशेषता है अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है? लिखिए।
उत्तर:
i. उड़ने को नभ में तुम
ii. पर-पर कर देते हो,
इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने अपने अंतर्मन यानि मन की भावनाओं में आने वाली उमंगों और तरंगों को बाहरी संसार के माध्यम से व्यक्त किया है।
प्रश्न 2. कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?
उत्तर:
फागुन में चारों ओर रंग—विरगें फूल खिलते हैं और इन फूलों की सुगंध वातावरण में फैल जाती हैं, जो हमारे मन—मस्तिष्क को खुशनुमा बनात है। पेड़—पौधे हरी—लाल पत्तियों से आच्छादित ढक जाती हैं हो जाते हैं। प्रकृति की इस आभा सुंदरता को देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है। कवि प्रकृति की इस आभा को देखकर मुग्ध हो जाता है। इसलिए कवि की आँख फागुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।
नोट— सही शब्द रंग—बिरंगे की जगह पर रंग—विरंगे होता है।
प्रश्न 3.
प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?
उत्तर:
प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन मनुष्य के मन के उल्लास के रूप में किया है। यादि मन में उल्लास होता तो इंसान खुश होता है इसलिए प्रकृति और यह संसार अत्यंत सुंदर लगने लगता है।
प्रश्न 4.फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न (अलग) होता है?
उत्तर:
फागुन में चारों तरफ हरियाली छा जाती है। रंग—बिरंगे फूल खिलते हैं, जिनकी सुगंध दूर—दूर फैल जाती है। इंसान ही नहीं पक्षियों, तितलियों इत्यादि के मन को भी यह सुंगध प्रफुल्लित करता है। चारों तरफ नए हरे पत्ते और लाला पत्ते पेड़ों पर दिखाई देती हैं। चारों तरफ वातावरण साफ—सुथरा नजर आता है। नीला आसमान धरती की ओर मानो निहारता हुआ प्रतीत होता है। तापमान अनुकूल होता है, इस समय न ठंडी होती है और न ही अधिक गरमी होती है। इन विशेषताओं के कारण फागुन ऋतु दूसरी अन्य ऋतुओं से भिन्न होता है।
प्रश्न 5. इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
निराला छायावादी युग के प्रमुख कवि हैं। इनकी कविता में काव्य—शिल्प की अनूठी विशेषताएँ हैं, निम्नलिखित बिंदु के माध्यम से काव्य—शिल्प की विशेषताएँ हैं—
(1) निराला की कविताएं छंद नियमों से मुक्त है। इनकी कवितओं में लय, ध्वनि—नाद व प्रतीक दिखाई देता है।
(2) इनकी काव्य में शब्दों का प्रयोग सावधानी से किया गया है। प्रत्येक शब्द प्रकृति और संवेदनओं को व्यक्त करती हुई नजर आती हैं। मानव के दिल की भावनाओं के व्यक्त करने में प्रकृति का चित्रण प्रभावशाली है।
(3) मानव के भावों को छोटी—सी छोटी बात की अभिव्यक्ति इनके काव्य की मुख्य विशेषता है।
(4) कविता में तत्सम शब्दों का उचित हुआ है। प्रतीक चिह्नों के रूप में जीवन की सरोकार से जुड़ी बातों को कहने की क्षमता इनकी कविताओं की विशेषता है। उत्साह, अट नही रही है, वह तोड़ती पत्थर, राम शक्ति पूजा इत्यादि कविता में प्रभावशाली शब्द शक्ति दिखाई देती है, जो लय और नाद की उच्च शिखर तक पहुॅंच जाती हैं।
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