Fatima Sekh per Anuched Lekhan in hindi| Internet Sanchar Kranti paragraph writing in Hindi| इंटरनेट एक संचार क्रांति पर अनुच्छेद
देश की पहली मुस्लिम शिक्षिका फातिमा शेख Fatima sekh the first Muslim Teacher की 191वीं जयंती पर अनुच्छेद दिया गया है। यह आपकी परीक्षा के लिए अनमोल हो सकता है। cbse board कक्षा 9, 10, 11, 12 की Term Examination-2022 Anuched Lekhan में पूछा जा सकता है. गूगल ने तैयार किया डूडल. 9 जनवरी को भारत की पहली महिला अध्यापिका फातिमा शेख के प्रति उनकी 191वीं जयंती पर उनके सम्मान में उनका गूगल डूडल जारी किया है।
Fatim Sekh per Anuched lekhan in hindi अनुच्छेद लेखन Term 2
शिक्षिका फातिमा शेख पर निम्नलिखित आधार बिन्दु पर एक अनुच्छेद लगभग 150 शब्दों में लिखिए।
- फातिमा शेख का जीवन
- पहली मुस्लिम शिक्षिका
- उनके सामाजिक कार्य
- उनक संघर्ष
भारत देश की प्रथम मुस्लिम शिक्षिका का जन्म 9 जनवरी, 1831 में पुणे में हुआ था। इनका जीवन कठिनाइयों में व्यतीत हुआ। समाज में शिक्षा की जागरुकता फैलाने के लिए कई संघर्ष किये। प्रसिद्ध सामाज सुधारक ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले के साथ दलित व गरीबों को शिक्षा देने का कार्य किया तो लोग ने इनका विरोध किया। इसलिए फातिमा शेख के पिता ने उन्हें घर से निकाल दिया। उनके भाई उस्मान ने उन्हें अपने घर में शरण दिया। 1848 ईस्वी में समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले के साथ मिलकर फातिमा शेख ने लड़किया की शिक्षा के लिए सार्थक प्रयास किया। लड़कियों का पहला स्कूल 'स्वदेशी पुस्तकालय' प्रारंभ किया। संभवतः यह भारत का प्रथम बालिका स्कूल था। महिलाओं के लिए शिक्षा का उनका यह कार्य प्रशंसनीय है। उस समय महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा पर समाज की सोच पिछड़ी हुई थी। इस सोच को बदलने के लिए अध्यापिका फातिमा शेख ने शिक्षा की ज्योति जलाई। उस समय वे समाजिक विरोध के चलते भी हार नहीं मानी फुले दंपति के साथ मिलकर महिलाओं और बालिकाओं को घर—घर से बुला बुलाकर पढ़ाती थीं। सामाजिक विरोध का उन्हें सामना करना पड़ा लेकिन महिलाओं और बालिकाओं की शिक्षा की अलख जगाने के लिए उन्होंने हर विरोध का सामना किया। 9 जनवरी 2022 को फातिमा शेख की 191वीं जयंती पर उनके योगदान को सम्मान देते हुए गुगल ने डुडल जारी किया। anuched lekhan fatima sekh
Internet Sanchar Kranti paragraph writing in Hindi| इंटरनेट एक संचार क्रांति पर अनुच्छेद
इंटरनेट एक संचार क्रांति पर अनुच्छेद
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आधुनिक युग में विज्ञान की तरक्की हमारे लिए वरदान की तरह है। विज्ञान ने इंसान को ऐसी शक्ति दी है जिससे वह दुनिया में क्रांतिकारी परिवर्तन कर रहा है। आज इंटरनेट के माध्यम से इंसान हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी एक दूसरे से पल भर में जुड़ सकता है। एक ही स्थान पर बैठा हुआ व्यक्ति आज दुनियाभर के लाखों इंसान को ज्ञान और सूचना पल भर में भेज सकता है। इंटरनेट एक संचार क्रांति के माध्यम से आजहमारा जीवन आसान हो गया है। मोबाइल के माध्यम से हम आज घंटो लाइन में लगे बिना ही बिजली का बिल जमा करना हो या कोई बैंकिंग कार्य सभी आसानी से अपने घर बैठे कर सकते हैं। इंटरनेट के अनेक लाभ हैं। करोना संक्रमण के समय जब लॉकडाउनकी घोषणा हुई तोशिक्षा शिक्षा व्यवस्था ऑनलाइन माध्यम से की सफलतापूर्वक संचालित हुई। इंटरनेट संचार क्रांतिहमारे जीवन को आसान बना रही है। इंटरनेट के माध्यम से सरकार विकास के कार्यक्रम को लोगों तक सीधेपहुंचा रही है। आज हमारे जीवन में इंटरनेट का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि पूरी मानव जीवन की संस्कृति इसी इंटरनेट के माध्यम से फल-फूल रही है। जैसे किसी सिक्के के दो पहलू होते हैं, वैसे ही इंटरनेट संचार क्रांति के लाभ के साथ-साथ नुकसान भी है। अत्यधिक के डिजिटल माध्यमों का उपयोग करने से हम वास्तविक जीवन से दूर भी होते चले जाते हैं। इसलिए आज के दौर में इंटरनेट जैसे माध्यमों का उपयोग करने के साथ ही हमें अपने आसपास के प्रकृति और समाज के प्रति भी उतना ही सजग रहना जरूरी है। इंटरनेट माध्यमों का सदुपयोग करना और इसका दुरुपयोग करना हमारे हाथों में है इसलिए हमें इस बारे में सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए।
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