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स्कूल में खेल जरूरी क्यों है | खेल का महत्व निबन्ध hindi nibnad

Importance of sports at school syllabus
स्कूल में खेल का आयोजन

स्कूल में खेल जरूरी क्यों है | खेल का महत्व निबन्ध 

By Rinki Pandey

Hindi Nibandh Essay in Hindi| School me Khel Kyon Jaroori Hai | खेल के लाभ निबंध हिंदी में लिखें, स्कूल में खेल क्यों जरूरी होता है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत खेल क्यों जरूरी है , इस पर आपको एक अच्छा सा निबंध Essay in hindi दिया जा रहा है। स्कूल-कॉलेज की और प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर  निबंध में पूछा जाता है कि स्कूल में खेल क्यों जरूरी होता है।
 स्कूल में पढ़ाई के साथ खेल को भी जरूरी कर दिया गया है इसलिए खेल का पीरियड होता है। अंग्रेजी, मैथ, साइंस, सोशल, साइंस,  कंप्यूटर आदि विषयों के साथ खेल को भी अनिवार्य विषय के रूप में सरकार ने नई शिक्षा नीति new Education Policy 2021 के अंतर्गत रखा है। 

school mein Khel Kyon jaruri hai 2022



योग और खेल (Yoga and Sport are very Important role in our Lift) हमारे शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) दोनों के लिए बहुत ही उत्तम होता है। आधी से ज्यादा आबादी  मोटापे से परेशान है, इसलिए क्योंकि बचपन से हम खेल और शरीर को स्वस्थ रखने के महत्व को केवल इसलिए नकारते आए हैं कि पढ़ाई-लिखाई (Study) के लिए वक्त हो सकता है लेकिन खेल के लिए वक्त निकालना मुश्किल होता है। 

पहले तो कहते थे कि “पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे तो बनोगे खराब” तो क्या यह बात सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और विराट कोहली (Virat Kohali) पर लागू होता है। जिन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ अपने खेल (Importance of sports) को भी अहमियत दी। आज बेहतरीन क्रिकेटर के रूप में उनकी गिनती पूरी दुनिया में करा रहे हैं।
 गीत, संगीत, नाटक, मार्शल आर्ट आदि की अनेकों विधाएं (Niche) हैं, एक कैरियर की तौर पर देखा जाता है लेकिन आज से 20-30 साल पहले इन विधाओं से कैरियर बना पाना एक बड़ा मुश्किल काम होता था लेकिन जैसे-जैसे इंटरनेट और आधुनिक तकनीक सामने आए तो दुनिया ने प्रतिभाओं को भी मौका दिया इसलिए आज बड़ी-बड़ी कंपनियों के इवेंट और मार्केटिंग में इन सब चीजों को शामिल किया जाता है। ऐसे कई प्रोफेशनल्स को काम भी मिलने लगा है। तो आइए इस  निबंध why need Sport Education  के माध्यम से हम जाने आइए जाने खेल क्यों जरूरी है। 


हमारे देश में खेल क्यों पिछड़ा है


  दोस्तों सबसे बड़ा सवाल यह है कि हमारे देश में सभी खेलों को अहमियत क्यों नहीं दी जाती है। क्रिकेट भद्रजनों के खेल के रूप में देखा जाता है। लेकिन अन्य खेल जैसे फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, टेनिस इत्यादि खेलों को उतनी अहमियत नहीं दी जाती है!  क्या आपको नहीं लगता है जैसे खेल की ब्रांडिंग और मार्केटिंग लोगों के बीच में आकर्षण का कारण है।  क्या आपको नहीं लगता है कि हर खेलो को स्कूल में बढ़ावा देना चाहिए ताकि सभी खेल में अच्छे-अच्छे खिलाड़ी हमें स्कूल से मिल सके ताकि हम उन्हें इतना प्रशिक्षित (ट्रेंड) कर दें कि ओलंपिक में ढेरों गोल्ड मेडल सुरक्षित हो जाएं।

 

पढ़ाई के साथ खेल क्यों जरूरी है?

 

 पढ़ाई के बाद खेल का पीरियड्स जैसे मानसिक और शारीरिक शांति प्रदान करती थी।
  इस लेख में आपको बताते हैं कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल का बड़ा ही महत्व है लेकिन अफसोस है कि हम लोग बच्चों को केवल पढ़ने के लिए ही कहते हैं जबकि उन्हें खेल से दूर रख रहे हैं इस कारण से बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर हो रहे हैं जो कि हमारी भावी पीढ़ी के लिए ठीक नहीं है। 
आजकल हम लोग पढ़ने और लिखने के पीछे भागते हैं लेकिन वास्तव में देखा जाए खेलकूद-पढ़ाई-लिखाई सभी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। खेल के महत्व (The importance of sports in school and our society) को सभी जानते हैं।
 आज हिंदुस्तान के  क्रिकेट को सबसे अधिक सराहा जाता है जिस कारण से भारत कई खेलों में पिछड़ा हुआ है। आप थोड़ा और सोचे तो जान सकते हैं कि जापान और अमेरिका में स्कूलों में खेल को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है- बिल्कुल पढ़ाई की तरह। वहां बकायदा खेल के  पाठ्यक्रम हैं। जबकि भारत में भी खेलों के पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाने की शुरुआत हो चुकी है लेकिन अभी भी इसको जमीनी स्तर पर लागू करना बाकी है। 

बच्चों के विकास में खेल का महत्व क्या है?


 खेल के पाठ्यक्रम (Sport Syllabus) के अनुसार खेलकूद और उसकी टेक्निक सिखाई जाती है।‌‌  प्रतियोगिताओं के द्वारा विजेता को सम्मानित किया जाता है। बच्चे  पढ़ाई के साथ-साथ खेल में अव्वल भी होते हैं। 
हमारे देश में इस तरह की सुविधाएं गिने-चुने स्कूलों में हैं और दूसरी हमारी मानसिकता कि खेल खेलने से बच्चे बिगड़ जाते हैं। 
यही मानसिकता  अभिभावकों (पैरंट्स) की सोच, जो कि स्कूलों पर हावी हो जाती है। परिणाम यह होता है कि खेल को एक तरह से नकार दिया जाता है। ‌ आजकल एक्टिविटी और प्रोजेक्ट वर्क को भी मजाक समझा जाता है। नहीं लगता बिना कुछ किए इसमे आसानी से नंबर रेवड़ी की तरह मिल जाता है। नई शिक्षा नीति में इस बात का ध्यान रखा गया है कि एक्टिविटी और प्रोजेक्ट वर्क का महत्व है बिल्कुल पढ़ाई की तरह। ‌‌

 खेल-खेलने से एक दूसरे की सहायता करना भाईचारा और दिमाग एकाग्र होने की कला विकसित होती है। अगर कहा जाए कि पढ़ाई खेल में अड़चन है तो यह सबसे बड़ी हास्यास्पद बात होगी। आज हमारे समाज में पढ़ाई से खेल की तुलना पढ़ाई से की जाती है और पढ़ाई को खेल की तुलना में अव्वल माना जाता है।  जबकि खेल और पढ़ाई की तुलना करना ही बेवकूफी है, दोनों ही बच्चों के जीवन में जरूरी है। जिस तरीके से  बैल गाड़ी के दो पहिए होते हैं,  वैसे ही जीवन को बेहतर बनाने के लिए खेल और पढ़ाई दोनों जरूरी है। खेल भी एक तरह का कुशलता सीखने की कला है। इसको भी महत्व मिलना चाहिए। आज एक बड़ा खिलाड़ी जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित होता है तो हजारों डाक्टर-इंजीनियर, हजारों प्रोफेशनल से उसकी सबसे अधिक रिद्धि-सिद्धि (popularity) होती है। तो इससे हम नकार नहीं सकते हैं कि खेल में एक बेहतरीन करियर नहीं हो सकता है। खेल भी अन्य कैरियर की तरह होता है बलकुल उस तरीके से जैसे डॉक्टर, इन्जीनियर, साफ्टवेयर प्रोफेशनल्स इत्यादि होते हैं।


खेल का उद्देश्य क्या होता है 


खेल हमारे शरीर और मन को स्वस्थ रखता है। खेल खेलने से कई तरह की कुशलता बच्चों में विकसित होती है। खेल में सामाजिकता का विकास बच्चों में होता है क्योंकि विभिन्न समुदाय के साथ जब खेल-खेलते हैं तो जाति-धर्म का बंधन खत्म हो जाता है।

 

खेल की रणनीति बनाते समय और खेलते समय कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती है, उन समस्याओं से निपटने के लिए नेतृत्व का गुण बच्चों में विकसित होता है।जीवन के अनेक समस्याओं को सुलझाने के लिए एक स्केल खेल के द्वारा हमें अपने बच्चों को प्राप्त होती है।  

जीवन के अनेक समस्याओं को सुलझाने जीवन में कई तरह की आने आने वाले समय में जीवन में कई तरह की समस्याएं भावी जीवन में कई तरह की समस्याएं जिनका समाधान हम बचपन में खेल-खेलते समय ही सीख लेते  है। जैसे कि सभी को साथ लेकर चलना भाईचारे की भावना और एक दूसरे का ख्याल रखना यह खेल के माध्यम से ही बच्चा अपने स्कूली जीवन दिखता है। 

खेल हमें भाईचारा और दिमाग को संतुलित करने को प्रशिक्षित करता है सिस्टम है जिसमें खेल को महत्व दिया जाता है।

खेलने के फायदे 

Prakhar chetna

उपसंहार


खेल स्कूल के छात्रों को दो बहुत जरूरी बातें दिखाता है। पहला—खेल में खेले जाने वाले वे तकनीक जिसका उपयोग छात्र अपने आने वाले जीवन की समस्याओं को दूर करने लगाता है। खेल में तकनीकी और सूझबूझ का उपयोग होता है। यही तकनीकी और सूझबूझ बच्चे अपने भावी जीवन में उपयोग कर हर तरफ समस्याओं से लड़ना सीखता है।


दूसरा—जरूरी बातें जो  खेल सिखाता है, वह अनुशासन है। बिना अनुशासन के खेल नहीं खेला जा सकता है। खेल से सीखा गया अनुशासन यानी नियमों और कानून का पालन करने की सीख स्कूली जीवन से मिलता है। आज सबसे बड़ी समस्या कनून व्यवस्था को बनाए रखना और ट्रैफिक के नियम का पालन कराने की चुनौती समाज में है।

स्कूली जीवन में खेल से नियम अनुशासन और ईमानदारी की सीख सीखने वाला बालक जब बड़ा तो है तो सभ्य नागरिक बनात है। महात्मा गांधी जी ने बच्चों के मानसिक विकास के साथ शारीरिक विकास की बात कही है जो कि खेल के द्वारा ही हो सकता है।






शिक्षाविद फ्रोबेल  खेल-खेल में सिखाने के सिद्धांत को दिया है।
बच्चे खेल से समर्पण और अभ्यास के द्वारा मेंहनत से तैयारी करना सीखते हैं।

विवेकानंद जी ने एक बार कहा था कि गीता के कर्म सिद्धांत पढ़ने से पहले स्वयं को शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाओ और कर्म सिद्धांत पूछने वाले बच्चों की फुटबॉल टीम  के साथ उन्होंने बच्चों फुटबॉल खेला था।

खेल जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। महान शिक्षा शास्त्रियों ने भी ये बात मानी है। उन्होंने कहा कि बचपन खिलौने खेलने का समय होता है।
इसीलिए भारतीय शिक्षा में और पूरी दुनिया की एजुकेशन प्रणाली में खेल को बहुत महत्व दिया गया है।

अभी भी लगता है, आप मेरी बातों से संतुष्ट नहीं हुए हैं, चलिए मैं एक ऐसा उदाहरण खोज कर देता हूं जिससे कि आप मेरी तरफ से जरूर संतुष्ट होंगे।

बच्चे में शिक्षा का स्तर देखना हो तो उसे खेलने के लिए खुला छोड़ दो, अगर वह अनुशासन और ईमानदारी के साथ खेल-खेलता है, वह समय अनुशासन, प्रबंधन, जैसे युक्तियों का प्रयोग करता है तो निश्चित ही उसकी शिक्षा उत्तम है, वह भविष्य में महान व्यक्तित्व बन सकता है।इसी मैदान में खेल खेलते हुए झुंड में ऐसे बच्चों को आसानी से पहचाना जा सकता है।

खेल अनुशासन सिखाता है 


याद कीजिए चाणक्य ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए ऐसे व्यक्तित्व की तलाश थी, जिसके अंदर न्यायप्रियता, समझदारी, बुद्धिमत्ता और साहस हो और उसी क्षण चाणक्य की तलाश खत्म होती है, जब एक बालक को खेल खेलते समय उसकी न्याय प्रियता और सूझबूझ को देखकर चकित हो जाते हैं। उस बालक को उसकी मां से मांग लेते हैं। और वह बालक इतिहास का सबसे बड़ा व्यक्तित्व बनता है, नाम है महान सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य।
चाणक्य जैसे पारखी शिक्षक ने चंद्रगुप्त को किशोरावस्था में खेल खेलते हुए देखा और उसके व्यक्तित्व को तुरंत पहचान लिया। जैसा कि मैंने ऊपर लिखा था। उसी के अनुसार चंद्रगुप्त मौर्य वाला यह ऐतिहासिक उदाहरण मेरे ऊपर की बातों की पुष्टि करता है।

उपसंहार 


पढाई  के साथ खेल का महत्व भी उतना ही है। अब आपके पास एक तार्किक ज्ञान है और एक उदाहरण भी इस तरह की तीन ऐतिहासिक उदाहरण और भी मेरे ध्यान में है लेकिन मैं चाहता हूं कि आप उसे खोजिए और मेरे तरह तर्क इस तर्क में पहुंचे है।

मेरे दोस्तों मेरा अनुभव जी आपका दोस्त है और आपका कमेंट ही मेरा अनुभव है। कृपया लाइक और कमेंट करते रहे। यहां तक पढ़ने के लिए आभार और आशा करता हूं कि कुछ नई जानकारी नए तरीके से मिली है आपको शेयर करना ना भूलें।

खेलने के लाभ \ फायदे वाला ये निबंध आपके लिए उपयोगी है इसे शेयर जरूर करें-

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  MCQ Balgobin Bhagat CBSE Class 10  बालगोबिन भगत पाठ, लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी क्षितिज भाग- क्षितिज भाग- 2 बुक से MCQ Balgobin Bhagat, CBSE Class 10  CBSE 2023  नए परीक्षा पैटर्न के अनुसार इस बार हिन्दी अ पाठ्यक्रम में पेपर में दो खंड होंगे। अ और ब खंड हैं। Examination में  MCQ क्यूश्चन ( questions) पूछा जाएगा।  इस   सीरीज में MCQ Balgobin Bhaghat CBSE Class 10  MCQ दे रहे हैं। कक्षा 10 क्षितिज भाग 2 book kshitij   से Balgobin Bhaghat  MCQ  CBSE Class 10  पर बहुविकल्पी MCQs प्रश्न दे रहे हैं। Class 10 Hindi Class YouTube Channel Link    निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्पों पर टिक ​लगाइए —  1 भगत जी कौन-सा काम करते थे? i खेतीबारी ii नौकरी iii भजन गाते ​थे iv व्यापार करते थे उत्तर—i  खेतीबारी 2 बालगोबिन भगत किसको साहब कहते थे? i भगवान ii कबीर iii जमींदार iv मुखिया उत्तर—ii कबीर 3. बालगोबिन भगत साहब के दरबार में फसल ले जाते थे। यहां साहब के दरबार से क्या अभिप्रायय है? i जमींदार की हवेली ii राजा का दरबार iii कबीरपंथी मठ iv मंडी उत्तर—iii कबीरपंथी मठ 4.  ठंडी पुरवाई का क्या मतल

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MCQ Ras Hindi class 10 cbse Update 2023 MCQ Ras Hindi class 10 cbse Ras Hindi MCQ class# 10 CBSE board new# syllabus objective questions. New gyan dotcom Gmail important question topic ras रस पर क्वेश्चन आंसर यहां दिये जा रहे हैं।‌  If you have any problem of the topic of Hindi Ras write a comment, I will solve your problems within 24 hours. You have know that  multiple choice question coming Hindi grammar section class of 10.  Ras,  Rachna ke Aadhar per Vakya, Pad Parichy,  aur Vachy. रस, रचना के आधार पर वाक्य, पद परिचय और वाच्य है। यहां पर रस पर आधारित MCQ क्वेश्चन दिए जा रहे हैं यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा कई प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी रस पर MCQ  प्रश्न काफी आते हैं। Given 10 topic question answer objective type. latest 2022-23 रस के बहुविकल्पी प्रश्न के उत्तर भी लिखे हुए हैं। १. निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए चार विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ सही विकल्प चुनिए। रस  को काव्य की आत्मा माना जाता है। " जब किसी नाटक, काव्य में आनंद की अनुभूति होती है त