Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
तूफान क्यों आते हैं?
जब नमी से भरी हुई ढेर-सी गर्म हवा तेजी से ऊपर की ओर उठती है तब तूफान आते हैं। बच्चो, तुमने तूफान की शुरुआत से पहले हवा को तेज होते हुए देखा होगा। जब पानी वाले बादल बड़े होते जाते हैं और गहरे होते हुए आसमान में अंधेरा छाने लगता है। ये तूफान के लक्षण हैं। बादलों के अंदर पानी के कण तेजी से घूमते हैं, जो आपस में टकराते हैं और इससे बिजली बनती है। बिजली बनने का काम तब-तक चलता रहता है, जब तक वह बड़ी-सी चिगारी बन कर एक बादल से दूसरे बादल तक होती हुई धरती तक जोरदार चमक नहीं बन जाती। बिजली चमकते समय जब आकाश में बिजली इधर-उधर गुजरती है तो आस-पास की हवा गर्म हो जाती है। यह गर्म हवा तेजी से फैलती है तो गड़गड़ाहट की तेज आवाज सुनाई देती है।बिजली में गरज और चमक एक साथ होती है। चमक पहले दिखाई देती है और गरज बाद में सुनाई देती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रकाश की गति ध्वनि की गति से तेज होती है और चमक हमारे पास तक आवाज से पहले पहुंच जाती है। बिजली, पानी और तूफान से बचने के लिए किसी ऊंचे पेड़ के नीचे खड़ा हो जाना ठीक नहीं है, क्योंकि बिजली धरती पर गिरते समय अकसर किसी ऊंचे वृक्ष का सहारा ले लेती है। आसमान से गिरती हुई बिजली हमें नुकसान पहुंचा सकती ह
चीटियां भी बनाती हैं शौचालय
क्या आपको पता है कि चीटियों का भी अपना एक शौचालय होता है, वो इसके लिए बाहर नहीं जाती हैं बल्कि घोंसले के एक कोने में उनका शौचालय बना होता है। जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ रेजेनबर्ग के शोधकर्ता तोमर कजाकजक्स ने बताया कि चीटियों के लिए भी स्वच्छता और शौचालय एक बड़ा मुद्द है, जो हमारे समुदायों में है। चीटियों के दैनिक नित्यकर्म व्यवहार के अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने उनके घोंसले पर पाए गए भूरे रंग के पदार्थों की जांच की और पता लगाया कि क्या वह चीटियों का मल है? शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए सफेद रंग के प्लास्टर घोंसले में रहने वाली चीटियों को लाल और नीले रंग में रंगा खाना खिलाया और घोंसले का निरीक्षण किया और पाया कि चीटियां भी शौचालय के लिए एक जगह का चुनाव करती है, जो उनका शौचालय है।
जब नमी से भरी हुई ढेर-सी गर्म हवा तेजी से ऊपर की ओर उठती है तब तूफान आते हैं। बच्चो, तुमने तूफान की शुरुआत से पहले हवा को तेज होते हुए देखा होगा। जब पानी वाले बादल बड़े होते जाते हैं और गहरे होते हुए आसमान में अंधेरा छाने लगता है। ये तूफान के लक्षण हैं। बादलों के अंदर पानी के कण तेजी से घूमते हैं, जो आपस में टकराते हैं और इससे बिजली बनती है। बिजली बनने का काम तब-तक चलता रहता है, जब तक वह बड़ी-सी चिगारी बन कर एक बादल से दूसरे बादल तक होती हुई धरती तक जोरदार चमक नहीं बन जाती। बिजली चमकते समय जब आकाश में बिजली इधर-उधर गुजरती है तो आस-पास की हवा गर्म हो जाती है। यह गर्म हवा तेजी से फैलती है तो गड़गड़ाहट की तेज आवाज सुनाई देती है।बिजली में गरज और चमक एक साथ होती है। चमक पहले दिखाई देती है और गरज बाद में सुनाई देती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रकाश की गति ध्वनि की गति से तेज होती है और चमक हमारे पास तक आवाज से पहले पहुंच जाती है। बिजली, पानी और तूफान से बचने के लिए किसी ऊंचे पेड़ के नीचे खड़ा हो जाना ठीक नहीं है, क्योंकि बिजली धरती पर गिरते समय अकसर किसी ऊंचे वृक्ष का सहारा ले लेती है। आसमान से गिरती हुई बिजली हमें नुकसान पहुंचा सकती ह
चीटियां भी बनाती हैं शौचालय
क्या आपको पता है कि चीटियों का भी अपना एक शौचालय होता है, वो इसके लिए बाहर नहीं जाती हैं बल्कि घोंसले के एक कोने में उनका शौचालय बना होता है। जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ रेजेनबर्ग के शोधकर्ता तोमर कजाकजक्स ने बताया कि चीटियों के लिए भी स्वच्छता और शौचालय एक बड़ा मुद्द है, जो हमारे समुदायों में है। चीटियों के दैनिक नित्यकर्म व्यवहार के अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने उनके घोंसले पर पाए गए भूरे रंग के पदार्थों की जांच की और पता लगाया कि क्या वह चीटियों का मल है? शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए सफेद रंग के प्लास्टर घोंसले में रहने वाली चीटियों को लाल और नीले रंग में रंगा खाना खिलाया और घोंसले का निरीक्षण किया और पाया कि चीटियां भी शौचालय के लिए एक जगह का चुनाव करती है, जो उनका शौचालय है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें