Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
घोड़े के नाल से जुड़ी धारणाएं
Kale Ghode ki naal
10वीं सदी में डंस्टन के पास एक शैतान आत्मा आई और कहा कि उसके घोड़े की नाल बना दे। डंस्टन को वह बुरी आत्मा परेशान करने लगी। तभी उसने एक घोड़े की नाल दरवाजे पर टांग दी और उसके बाद से कभी भी आत्मा ने उसे परेशान नहीं किया। यह कहानी खासी चर्चा में आई और यही कारण है कि आज भी इंग्लैंड में घर के बाहर घोड़े की नाल लगाने का चलन है।
आइए घोड़े की नाल से जुड़े अंधविश्वास के बारे में जाने-
घोड़े का नाल हमेशा से जादू टोना और अंधविश्वास से जुड़ा रहा है। घोड़े की नाल को लेकर पूरी दुनिया में कई तरह के अंधविश्वास है आइए जानते हैं उनके बारे में-
कहा जाता है कि सबसे पहले घोड़े की नाल के इस्तेमाल लंदन के दर्शन नाम के पादरी ने किया था जो इस समय में लोहार था। 10 वीं सदी में डस्टन के पास एक शैतान आत्मा आई और कहा कि उसके घोड़े की नाल बना दे। डस्टन को वह बुरी आत्मा परेशान करने लगी। तभी उसने एक घोड़े की नाल दरवाजे पर टांग दी और उसके बाद से कभी उस बुरी आत्मा ने उसे परेशान नहीं किया। यह कहानी खासी चर्चा में आई और यही कारण है कि आज भी इंग्लैंड में घर के बाहर घोड़े की नाल लगाने का चलन है। अब आइए भारत में यहां लोग मानते हैं कि घोड़े की नाल को घर में लगाने से सुख समृद्धि आती है। साथ ही भूत प्रेत भी दूर भाग जाते हैं। कई तांत्रिक तो विशेष रूप से काले घोड़े की नाल की पूजा करते हैं और लोगों को देखकर हजारों रुपए कमाते हैं। घोड़े की नाल का छल्ला भारत में अधिकतर लोग तभी पहनते हैं जब उन्हें शनिदेव के अशुभ प्रभाव से बचना होता है।
घोड़े की नाल से जुड़ी धारणाएं
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मुख्य द्वार पर घोड़े की नाल की जाती है क्यों
घोड़े की नाल के घर के मुख्य द्वार पर सीधा लगाने से माना जाता है कि देवी कृपा बनी रहती है।
भूत प्रेत बाधा दूर होती है!!
अगर घोड़े की नाल को उल्टा करके दरवाजे पर लगाया जाता है तो भूत प्रेत बाधा और निगेटिव एनर्जी घर में प्रवेश नहीं कर पाती है ऐसा लोगों में धारणाएं हैं।
अगर रहता है कोई अक्सर बीमार!!
अगर कोई घर में अक्सर बीमार रहता है तो उसकी बीमारी ठीक करने के लिए या धारणा है कि उसके पेट के चारों कोने में काले घोड़े की नाल की की लगा दे तो इससे लाभ मिलता है।
बिजनेस बढ़ता है!!
लोगों का मानना है कि काले घोड़े की नाल को अपने व्यवसाय के स्तर पर लगाने से बिजनेस में उन्नति होती है।
बरक्कत आती है!!
लोग मानते हैं कि घोड़े की नाल को काले कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से धन की बरक्कत होती है।
खिलाड़ियों के लिए लाभकारी!!
ऐसा माना जाता है कि खिलाड़ियों को घोड़े की नाल का छल्ला अवश्य पहनना चाहिए। अगर पहनने में कोई दिक्कत हो तो उसे अपने पर्स में रखा जा सकता है।
कमर दर्द और घोड़े की नाल !!
ऐसा माना जाता है कि जिन्हें कमर दर्द की शिकायत होती है उन्हें अपनी कमर में घोड़े की नाल का छल्ला काले धागे में पहनने से लाभ मिलता है।
इस तरह की धारणा है दुनिया की कई देशों में फैली हुई है इनका कोई वैज्ञानिक रिसर्च का आधार तो नहीं है लेकिन लोगों में ऐसी मान्यताएं हैं जो अंधविश्वास और धारणाओं का रूप ले लेती है।
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