Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
सूर्य यंत्र की पूजा कैसे करें
सफलताओं मान मर्यादा पद प्रतिष्ठा से आप वंचित है या मनचाही सफलता नहीं मिल रही है तो ग्रह इस सही स्थिति नहीं है। नवग्रह में सूर्य की उपासना सफलता मान मर्यादा और प्रतिष्ठा पाने के लिए सबसे कारगर उपाय है। दोस्तों आज चर्चा करेंगे सूर्य उपासना की जो आपके जीवन को बदल देगा।
धरती पर समस्त ऊर्जा का स्रोत सूर्य की रोशनी ही है। सूर्य की रोशनी ही मनुष्य के जीवन में उजाला भरती है। सूर्य उपासना नौ ग्रहों में उन्नति के मार्ग प्रशस्त करने का सबसे अच्छा माध्यम है। नौ ग्रह में सूर्य को राजा की उपाधि दी गई है। सूर्य की किरणें सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर धरती तक अपनी ऊर्जा का संचार करती है, ऐसा सनातन धर्म की मान्यता है। सूर्य निकलने के समय जल से अर्ध्य देना इंसान के उन्नति और स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार अगर आपका सूर्य ग्रह कमजोर है तो उन्नति में चुनौतियां मिल सकती है। यहां पर सूर्य यंत्र स्थापना करके आप जीवन के हर क्षेत्र में सक्सेस प्राप्त कर सकते हैं। सूर्य यंत्र की पूजा से आपकी सफलता के घोड़े कभी नहीं रुकेगा। सूर्य यंत्र की पूजा पद्धति को जानें-
सूर्य यंत्र से होता है यह लाभ
सूर्य यंत्र का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसकी विधिवत साधना-पूजा करने से कभी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता।
सूर्य यंत्र से सरकारी कामकाज, सरकारी नौकरी में लाभ होता है। कोर्ट-कचहरी या सरकारी मामलों में जीत मिलती है।
हृदय और नेत्र रोग से पीड़ित लोगों को सूर्य यंत्र की पूजा से आश्चर्यजनक रूप से लाभ होता है।
जिन लोगों की अपने पिता से नहीं बनती है, हमेशा अनबन रहती है, उन्हें सूर्य यंत्र लाभ देता है।
अपमानजनक परिस्थितियों से बचने के लिए सूर्य यंत्र का पेंडेंट पहना जा सकता है।
कई मामलों में सूर्य से वाक सिद्धि भी प्राप्त होती है। यदि आपको हजारों लोगों को संबोधित करना है तो सूर्य यंत्र का पेंडेंट या अंगूठी पहनें।
कुंडली में सूर्य खराब हो तो व्यक्ति के अन्य सभी ग्रह भी अपना पूर्ण प्रभाव नहीं दिखा पाते। ऐसे में सूर्य यंत्र लाभ देता है।
सूर्य यंत्र की स्थापना कब करें रविवार का दिन
भगवान सूर्य देव का दिन होता है। इस दिन सूर्य यंत्र की स्थापना की जाती है। आप किसी भी रविवार को सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान करके साफ सफेद कपड़ा पहने। पूजा स्थल की साफ-सफाई और शुद्ध आसन बिछाकर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाए। गाय के कच्चे दूध से और फिर गंगाजल से सूर्य यंत्र को पवित्र कर लें। सामने चौकी पर पीला रेशमी वस्त्र बिछाकर उस पर सो यंत्र स्थापित करें। इस पर चंदन केसर और लाल फूल समर्पित करें। इस मंत्र का उच्चारण करें ॐ घृणि सूर्याय नमः कम से कम 108 बार इस मंत्र का ध्यान पूर्वक उच्चारण करें। सूर्य यंत्र पूजा रोजाना करें और ऊपर बताए गए मंत्र का उच्चारण जरूर करें।
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