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  Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार))  या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है।  Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं

10 बातें एक टीचर के लिए जानना बहुत जरूरी है


गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः । गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
भारतीय संस्कृति में यह श्लोक गुरु (teacher) की महिमा का बखान करता है। गुरु यानी शिक्षक और उसका व्यक्तित्व छात्र के जीवन में ज्ञान की रोशनी से उसके भविष्य को सँवारता है। अच्छा टीचर वही है, जो स्टूडेंट के मन मस्तिष्क पर ऐसी छाप छोड़ता है कि वह उसे जीवन भर याद रखता है।  आइए जाने एक बेहतरीन टीचर के 10 गुणों के बारे में।  यह क्वालिटी किसी टीचर को खास बनाती है। ऐसे 10 क्वालिटी की चर्चा हम करेंगे जो एक अच्छे टीचर की पहचान होती है। इस आर्टिकल में आज हम पढ़ेंगे टीचर के लिए कम्युनिकेशन स्किल कौन से होते हैं और एक अच्छे टीचर के कौन 10 से ऐसे क्वालिटी है जिसे हमें जानना जरूरी है।

1. Teacher के लिए कम्युनिकेशन स्किल यानी संचार कौशल 

एक अच्छे टीचर की सबसे बड़ी पहचान होती है,  छात्रों पर प्रभावशाली ढंग से अपनी बात को रख सकने की कला। स्टूडेंट और टीचर के बीच में संवाद दो तरफा होना चाहिए। टीचर का कम्युनिकेशन स्किल इफेक्टिव होना चाहिए ताकि वह अपने छात्रों से बेहतर संपर्क बना सके।  क्लास में भरोसेमंद  टीचिंग  एटमॉस्फेयर  के लिए  एक टीचर में  कम्युनिकेशन स्किल होना चाहिए। टीचर  क्रिएटिविटी  यानी रचनात्मकता  वाला होना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य बच्चों में कल्पना शक्ति का विकास करना उनमें रचनात्मकता की कुशलता का विकास करना इसलिए एक शिक्षक को अच्छा लेखक अच्छा वक्ता व विचारों को समझा सकने की क्षमता उसमें होना चाहिए।
   कम्युनिकेशन स्किल इफेक्टिव होने के कारण शिक्षक किसी भी विषय का हो वह अपने पाठ्यक्रम और उनके उद्देश्यों को सही दिशा में और सही तरीके से अपने हर स्तर के  बौद्धिक क्षमता वाले छात्रों तक संप्रेषित यानी (communication)  कर सकता है।
    बेहतर कम्युनिकेशन स्किल के माध्यम से टीचर ऐसे छात्रों के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में सामने आते हैं, जो पढ़ने में रुचि नहीं लेते हैं। जबकि उनके अन्दर क्रिएटिविटी व एबिलिटी भरपूर होता है।

असाइनमेंट और कम्युनिकेशन स्किल क्या है?

कम्युनिकेशन स्किल को इस तरह से समझना चाहिए कि अगर आपने किसी स्टूडेंट को कोई असाइनमेंट दिया है लेकिन वह समय पर उस असाइनमेंट को पूरा नहीं कर  पाता है, तब उस स्टूडेंट से टीचर फीडबैक लेकर उनकी समस्याओं को एनालिसिस करता है। उसके लिए जो सलूशन यानी समाधान निकालता है, वह उसे समझाएगा।  यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि टीचर का काम्युनिकेशन  स्किल बेहतर है तो वह उस बच्चे को बेहतर ढंग से प्रेरित करके उसे समझा सकता है। फिर वह  स्टूडेंट निश्चित तौर पर अपने असाइनमेंट को बेहतर ढंग से कर सकेगा।
     इस तरह एक अच्छे कम्युनिकेशन स्किल के माध्यम से  स्टूडेंट  पढ़ाई में रुचि से सीखने लगता है।  रिसर्च बताते हैं कि पिछड़े छात्रों में कक्षा के दौरान पाठ कुछ समझ ना पाना एक बहुत बड़ी समस्या होती है  जिसे कम्युनिकेशन स्किल्स में दक्ष टीचर बहुत अच्छी तरीके से उस स्टूडेंट को समझा सकता है।इसलिए शिक्षक को चाहिए कि अपने पाठ्यक्रम को सही तरीके से प्रस्तुत करने के लिए उसके अंदर संवाद कुशलता होना बहुत जरूरी है, इसके लिए उसे मेहनत करनी चाहिए।

2.  listening skill यानी सुनने की कुशलता

एक अच्छा शिक्षक वह है जिसकी बात स्टूडेंट ध्यान पूर्वक सुने, लेकिन यह भी जरूरी है कि  टीचर स्टूडेंट की बात को भी ध्यानपूर्वक सुनने  का धीरज भी उसके अंदर होना चाहिए।

एक अच्छा स्टूडेंट बनने के लिए क्या-क्या गुण होने चाहिए?

कहा गया है कि 'एक अच्छा वक्ता, एक अच्छा श्रोता होता है।' वक्ता अगर बकता है तो श्रोता सोता है।  एक अच्छा वक्ता बनने के लिए एक अच्छा श्रोता यानी लिस्नर बनना बहुत जरूरी है। यह  बातें टीचर व स्टूडेंट दोनों पर लागू होती हैं।
  आपने ध्यान दिया होगा कि आपके पढ़ाते समय अगर स्टूडेंट ने ध्यान से सुना होगा तो उनके मन में कुछ न कुछ क्वेश्चन जरूर उठेगा और आपसे उन क्वेश्चन का आंसर वे चाहेंगे। लेकिन आपने कभी यह भी ध्यान दिया होगा कि यदि जिस कक्षा में  स्टूडेंट ध्यान नहीं देते हैं, उन स्टूडेंट के मन में कोई क्वेश्चन ही नहीं होता है। तो इससे साफ है कि एक अच्छा लिस्नर यानी सुनने वाला विषय की गहराई तक सुनता है। अच्छा लिसनर अपने दिमाग से प्रतिक्रिया करता है और इस प्रतिक्रिया के दौरान उसके मन में कई ऐसे क्वेश्चंस उठते हैं, जिसे वह अपने शिक्षक से पूछता है, समाधान होने के बाद वह गहराई से उस टॉपिक को सीख पाता है।
  कक्षा में कुछ स्टूडेंट ऐसे भी होते हैं जो ध्यान से सुनते हैं और इस तरह वह अपने क्वेश्चंस के द्वारा अपने पाठ को सही ढंग से सीख लेते हैं।

3. Friendly behaviors यानी दोस्ताना व्यवहार

 स्टूडेंट अपने टीचर (teacher) से ही बहुत कुछ सामाजिक बातें भी सीखते हैं। खासतौर पर प्राइमरी स्तर के बच्चे अपने टीचर के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। ऐसे में एक टीचर का फ्रेंडली
Friendly behaviorsr होना बहुत जरूरी है। टीचर का दोस्ताना व्यवहार स्टूडेंट के मन में सीखने के प्रति नयी ललक पैदा करती है। वह डर की भावना से नए प्रश्न करने पर हिचकिचाते नहीं हैं।
  आज का युग तकनीकी का युग है, ऐसे में पारंपरिक कक्षाएँ तकनीकी कक्षाओं में बदल गई हैं। जहाँ स्मार्ट क्लास विभिन्न  के द्वारा छात्र एक्टिविटी से सीखते हैं।इस माहौल में शिक्षक का दोस्ताना व्यवहार बच्चों को सीखने और मदद करता है।  
अगर शिक्षक में अहम की भावना होती है तो वह स्टूडेंट के प्रति दोस्ताना व्यवहार नहीं रख सकता है, ऐसे में स्टूडेंट डरे सहमे रहेंगे। इस कारण से कक्षा में स्टूडेंट अनुशासन (discipline) में हो लेकिन इसका मतलब नहीं कि वे कुछ सीख रहे हैं क्योंकि डिसिप्लिन का मतलब यह नहीं है कि डर से शांत बैठे रहना, केवल रूटीन काम करना बल्कि यह तो शिक्षा है ही नहीं। यह तो बिल्कुल उसी तरीके से है कि बाड़े में जानवरों को रख दिया गया हो और बाड़े के आसपास चाबुक मारने वाले इंसान को तैनात कर दिया गया हो। इस डर से सारे जानवर चुपचाप डरे-सहमें बैठे रहते हैं। 



शिक्षक का दोस्ताना व्यवहार स्टूडेंट में पॉजिटिव बिहेवियर यानी सकारात्मक व्यवहार को बढ़ाता है, इससे छात्र खुले मन से मित्रवत होकर सीखते हैं। यहाँ दोस्ताना व्यवहार का अर्थ यह नहीं है कि स्टूडेंट और टीचर के बीच में सम्मान (रेस्पेक्ट) समाप्त हो जाए बल्कि दोस्ताना व्यवहार से मतलब है कि पढ़ाने के तरीके में सहजता लाना  ताकि  स्टूडेंट पढ़ने को बोझ न समझें। स्टूडेंट में पॉजिटिव बिहेवियर का डेवलपमेंट शिक्षक के फ्रेंडली बिहेवियर  के कारण ही होता है। 
  छात्रों में सामाजिक क्षमता का विकास, उनके अंदर आत्मविश्वास और कुछ करने की तमन्ना को भी जाग्रत करता है। क्योंकि जब टीचर स्टूडेंट को प्रोत्साहित करता है तब वह शिक्षक के साथ-साथ पिता, माँ, भाई व दोस्त की भूमिका में भी होता है। इस कारण से जो छात्र पढ़ने में रुचि वह भी अपनी समस्याओं के साथ शिक्षक से जुड़ जाते हैं और कुछ समय बाद उनके समस्याओं का समाधान हो जाता है और उनका पढ़ने का ग्राफ बढ़ने लगता है।

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4. शिक्षक के लिए Passion यानि धैर्यता 

सीखने और सिखाने में धैर्यता यानि पैशन बहुत जरूरी है। स्टूडेंट बार-बार गलती करके ही सीखता है। ऐसे में यदि शिक्षक अपना  पैशन खो देता है, तो झल्लाकर हिंसात्मक हो जाता है। स्टूडेंट को शारीरिक और मानसिक पीड़ा पहुँचाना एक अपराध है। इस तरह की सिचुएशन में शिक्षक  को अधिक धैर्ययुक्त यानी पैशनवाला होना चाहिए। उसे यह मालूम होना चाहिए कि 'हर बच्चा, हर विषय या कार्य में अव्वल शीघ्र नहीं हो सकता है।'
 दूसरी बात कि लगातार बार-बार सिखाने से ही किसी विषय को स्टूडेंट सीख सकते हैं। कई स्टूडेंट किसी पाठ को सीखने में कम समय लेते हैं जबकि कुछ स्टूडेंट उसी पाठ को सीखने में अधिक समय लेते हैं। इस बात को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। 
तीसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि 'भूलना' यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। अगर कोई स्टूडेंट किसी पाठ को भूल जाता है तो उसके दो ही कारण हैं-  उसने उस पाठ को दोहराया नहीं या उस पाठ कीक समझा नहीं है, केवल रट्टू तोता की तरह रट लिया था इसलिए कुछ समय बाद भूल गया हैं। इसलिए इन बातों को ध्यान में रखकर अपनी शिक्षा प्रणाली को और प्रभावशाली बनाकर बच्चों को पढ़ाया जाए तो स्टूडेंट के सीखने में और मददगार  होगा।
जब बच्चे कक्षा में शोर मचाते हैं तो शिक्षक अपना पैशन खो देते हैं लेकिन अगर ध्यान दिया जाए तो इसके दो कारण हैं- पहला कक्षा में आप पढ़ा नहीं रहे होते हैं या फिर आप कक्षा में व्यक्तिगत कार्य कर रहे होते हैं, जिस कारण से छात्र आपस में बातचीत करते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि शिक्षक कक्षा में होने के बावजूद भी स्वयं में बिजी हैं।  इस कारण कक्षा से शोर होना स्वभाविक है। आप इस परिस्थिति में झल्लाकर  किसी छात्र की पिटायी कर देते हैं तो उसके मन में सवाल उठेंगे- एक तो सभी लोग शोर कर रहे थे तो मुझे ही क्यों मारा गया। उस छात्र के मन में शिक्षक के प्रति दुर्भावना आ जाएगी।

क्लास वर्क देने के बाद टीचर क्या करें?

 कक्षा में आपकी मौजूदगी के समय होने वाले अनुशासनहीनता के जो ऊपर कारण बताए गए हैं, उसके लिए उसका निवारण यानी सलूशन आपके पास है। बच्चों को किसी कार्य में व्यस्त रखना चाहिए अर्थात उन्हें  पाठ्यक्रम से संबंधित क्वालिटी वर्क देना चाहिए ताकि उनके सीखने की प्रक्रिया कक्षा के दौरान होती रहे। बीच-बीच में आप घूमकर उनके कार्य करने की गति और समस्याओं पर चर्चा करें। इससे बच्चे उस कार्य को करने में रुचि लेंगे और इस तरह स्टूडेंट नया सीखेंगे।

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5. Morality यानि नैतिकता

 एक अच्छा शिक्षक (teacher good quality) वह है जो अपने जीवन में नैतिकता का पालन (moral value)  करता हो।  क्योंकि जिस तरह से हम किसी को बनाना चाहते हैं, उस तरह से हमें भी होना चाहिए। अगर बार-बार अनुशासन-अनुशासन की बात करेंगे लेकिन स्वयं अनुशासनहीनता दिखाएँगे तो निश्चित तौर पर बच्चे आपकी बात पर ध्यान नहीं देंगे।
  शिक्षक छात्रों के लिए आइना होते हैं। शिक्षक के गुणों से छात्र प्रभावित होते हैं इसलिए शिक्षकों नैतिक रूप से मजबूत होना चाहिए।
 सामाजिक जीवन में नैतिकता का पालन करनेवाला होना चाहिए। उसका सामाजिक जीवन सम्मान से भरा होना चाहिए। वह अंधविश्वासी नहीं होना चाहिए क्योंकि छात्र इन सब बातों को बड़ा गौर करते हैं। वे अपने शिक्षक जैसा बनने की चाह भी रखते हैं।
टीचर के व्यवहार में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
 शिक्षक को समय से  कक्षा में पहुँचना चाहिए। शिक्षण-सामग्री (Teaching material) को व्यवस्थित रखना चाहिए। साथी शिक्षक से आदर और सत्कार से बात करना चाहिए। शिक्षक में भी सीखने की प्रबल क्षमता होनी चाहिए।  बेवजह अनुपस्थित नहीं होना चाहिए।  मधुर बोलने वाला होना चाहिए। आपके इन सब गुणों को स्टूडेंट आत्मसात (अपनाते है।) करते हैं।  एक अच्छे शिक्षक की पहचान है कि वह  केवल बातों से नहीं बल्कि अपनी कार्यप्रणाली (working system) से अनुशासन एवं  नैतिकता का आदर्श हो, तभी वह छात्रों का रोल मॉडल बनेंगे।

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6. Organizational Skills संगठनात्मक कौशल

  शिक्षक, छात्र और अभिभावक यह तीनों विद्यालय के अंग हैं। एक दूसरे से जुड़े हुए हैं लेकिन इस संगठन में शिक्षक की भूमिका अहम होती है इसलिए एक शिक्षक में संगठनात्मक कौशल होना बहुत जरूरी है। शिक्षक समय-सीमा में  बँधा होता है, वह टाइम-टेबल के अनुसार अपनी कक्षाओं का सही प्रबंधन करता है। कक्षा में  पढ़ाते समय या पढ़ाने के बाद महत्वपूर्ण बिंदुओं को वह नोट कर लेता है ताकि अगली कक्षा में बेहतर ढंग से शिक्षण कर सके।
   
अगली कक्षाओं के लिए पहले ही विशेष-सामग्री को अपडेट करते हुए एक प्रभावी शिक्षण के लिए वह  तैयार रहता है। शिक्षक को यह पता होता है कि उसका छात्र कितना जानता है ताकि वह छात्रों के सीखने के लिए विशेष-सामग्री और पढ़ाने के तरीकों को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत कर सके।



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7. Preparations यानी तैयारी


 प्रभावी शिक्षण के लिए पाठ्यक्रम से संबंधित तैयारी करना शिक्षक के लिए बहुत जरूरी होता है।  बेहतर शिक्षक अपनी इस तैयारी को लगातार पाठ्यक्रम के अनुसार अपडेट करते रहते हैं। इसके अंतर्गत पाठ्यक्रम की विषय वस्तु के साथ एक्टिविटी प्रोजेक्ट वर्क के माध्यम से सीखाने के लिए पहले से ही रणनीति बना लेता है।
 पाठ को रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए और इससे बेहतर तकनीक के साथ प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुति के लिए डिजिटल वर्क वह करता है। तकनीकी माध्यम से शिक्षा देने के लिए शिक्षक प्रयासरत रहता है।

8. पढ़ाई में Discipline यानी अनुशासन क्यों जरूरी है?


 छात्रों में अनुशासन discipline का संस्कार देना शिक्षक teacher का दायित्व होता है। 
कक्षा में पूर्ण अनुशासन (completely discipline) का वातावरण बनाए रखना जरूरी है।अनुशासन (indiscipline) सीखने में सहायक होता है। कक्षा में positive behaviour को बढ़ावा देना चाहिए। 

9. अनुकूल शिक्षण व्यवस्था (teaching aptitude in Hindi)


  सीखने के लिए छात्रों को सही वातावरण (learning atmosphere) देना जरूरी है। शिक्षक के रूप में जिम्मेदारी है कि कक्षा का वातावरण पढ़ने योग्य होना चाहिए। classroom में पर्याप्त रोशनी और हवा की व्यवस्था होनी चाहिए क्लास रूम साफ-सुथरा और बेंच व डेस्क व्यवस्थित  होना चाहिए। management से इस तरह की व्यवस्था के लिए माँग करनी चाहिए।
 शिक्षक को कक्षा में उचित कपड़े पहनकर आना चाहिए। शिक्षक का पहनावा कक्षा में पढ़ाते समय उचित और सादगी वाला होना चाहिए।

10. सम्मानजनक व्यवहार good behaviour

 कक्षा में छात्रों से सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। छात्रों के साथ कोई अभद्र व्यवहार नहीं करना चाहिए। बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं करना चाहिए बल्कि उसे सम्मान देकर उसे पढ़ने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए।

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 लेख 
अभिषेक कांत पांडेय
 शिक्षक
 विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कैरियर लेखन

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'लघु-कथा' CBSE BOARD CLASS 9 NEW SYLLABUS LAGHU KATHA LEKHAN  लघु और कथा शब्द से मिलकर बना हुआ है। लघु का अर्थ होता है- छोटा और कथा का अर्थ होता है-कहानी। Laghu Katha ke Udharan class 9th hindi term-2 sylabuss 2022 hindi  न्यू सिलेबस सीबीएसई बोर्ड लघु कथा लेखन क्लास नाइंथ इस तरह लघुकथा का अर्थ हुआ कि 'छोटी कहानी'। the shrot story छात्रों हिंदी साहित्य को दो भागों में बाँटा गया है, पहला गद्य साहित्य (gadya sahitya)  और दूसरा काव्य साहित्य ।  गद्य साहित्य के अंतर्गत कहानी, नाटक, उपन्यास, जीवनी, आत्मकथा विधाएँ आती हैं। इसी में लघु-कथा विधा भी 'गद्य साहित्य' का एक हिस्सा है। कहानी उपन्यास के बाद यह विधा सर्वाधिक प्रचलित भी है। लघुकथा की महत्वपूर्ण बातें the important character of laghu katha in Hindi लघु कथा क्यों लिखी जाती है? 1.आधुनिक समय में इंसानों के पास समय का अभाव होने लगा और वे कम समय में साहित्य पढ़ना चाहते थे तो  'लघु-कथा' का जन्म हुआ। लघु कथा का जन्म कैसे हुआ? हमारी संस्कृति में लघु कथा का क्या-क्या रूप है? laghu Katha kya hota hai? 2.लघु कथा

MCQ Vachya वाच्य class 10 cbse board new 2021

MCQ Vachya  वाच्य class 10 cbse board new 2021 CBSE Change question paper pattern in hindi. Hindi Grammar asking MCQ's. वाच्य Vachya topic given multiple cohice question with answer.     सीबीएसइ कक्षा 10 की हिन्दी  अ Syllabus 2021 में अब अधिकतर Questions Objective  टाइप के प्रश्न पूछे जाएंगें। यहां पर Vachya वाच्य टॉपिक से दे रहे हैं। Vachya Topic  में 5 में से 4  इस वाच्य टॉपिक questions आएंगे। वाच्य शब्द का अर्थ बोलने का तरीका वाच्य कहलाता है। ऐसा वाक्य जहां पर क्रिया का पर प्रभाव कर्ता, कर्म या भाव का पड़ता है तो क्रिया उसी के अनुसार परिवर्तित होती है। इस तरह से वाच्य तीन प्रकार के हुए। क्योंकि तीन तरह से क्रिया पर प्रभाव पड़ता है। यानी  1 कर्ता  2 कर्म  3 भाव क्रिया विधानों के अनुसार वाच्य 3 तरह के होते हैं- 1 कर्तृवाच्य (Active Voice) 2. कर्मवाच्य (Passive Voice) 3. भाववाच्य (Impersonal Voice) कर्तृवाच्य व अ कर्तृवाच्य   के अनुसार वाच्य दो प्रकार के होते हैं- 1 कर्तृवाच्य 2  अ कर्तृवाच्य  अ कर्तृवाच्य के दो भेद होते हैं-        i. कर्मवाच्य (Passive Voice)         ii भावव

MCQ Balgobin Bhagat CBSE Class 10

  MCQ Balgobin Bhagat CBSE Class 10  बालगोबिन भगत पाठ, लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी क्षितिज भाग- क्षितिज भाग- 2 बुक से MCQ Balgobin Bhagat, CBSE Class 10  CBSE 2023  नए परीक्षा पैटर्न के अनुसार इस बार हिन्दी अ पाठ्यक्रम में पेपर में दो खंड होंगे। अ और ब खंड हैं। Examination में  MCQ क्यूश्चन ( questions) पूछा जाएगा।  इस   सीरीज में MCQ Balgobin Bhaghat CBSE Class 10  MCQ दे रहे हैं। कक्षा 10 क्षितिज भाग 2 book kshitij   से Balgobin Bhaghat  MCQ  CBSE Class 10  पर बहुविकल्पी MCQs प्रश्न दे रहे हैं। Class 10 Hindi Class YouTube Channel Link    निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्पों पर टिक ​लगाइए —  1 भगत जी कौन-सा काम करते थे? i खेतीबारी ii नौकरी iii भजन गाते ​थे iv व्यापार करते थे उत्तर—i  खेतीबारी 2 बालगोबिन भगत किसको साहब कहते थे? i भगवान ii कबीर iii जमींदार iv मुखिया उत्तर—ii कबीर 3. बालगोबिन भगत साहब के दरबार में फसल ले जाते थे। यहां साहब के दरबार से क्या अभिप्रायय है? i जमींदार की हवेली ii राजा का दरबार iii कबीरपंथी मठ iv मंडी उत्तर—iii कबीरपंथी मठ 4.  ठंडी पुरवाई का क्या मतल

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MCQ Ras Hindi class 10 cbse Update 2023 MCQ Ras Hindi class 10 cbse Ras Hindi MCQ class# 10 CBSE board new# syllabus objective questions. New gyan dotcom Gmail important question topic ras रस पर क्वेश्चन आंसर यहां दिये जा रहे हैं।‌  If you have any problem of the topic of Hindi Ras write a comment, I will solve your problems within 24 hours. You have know that  multiple choice question coming Hindi grammar section class of 10.  Ras,  Rachna ke Aadhar per Vakya, Pad Parichy,  aur Vachy. रस, रचना के आधार पर वाक्य, पद परिचय और वाच्य है। यहां पर रस पर आधारित MCQ क्वेश्चन दिए जा रहे हैं यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा कई प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी रस पर MCQ  प्रश्न काफी आते हैं। Given 10 topic question answer objective type. latest 2022-23 रस के बहुविकल्पी प्रश्न के उत्तर भी लिखे हुए हैं। १. निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए चार विकल्पों में से सर्वश्रेष्ठ सही विकल्प चुनिए। रस  को काव्य की आत्मा माना जाता है। " जब किसी नाटक, काव्य में आनंद की अनुभूति होती है त