Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
Office management
आज के दौर में कहीं भी किसी भी काम की डेडलाइन होती है। नौकरी में आप से यही अपेक्षा की जाती है कि आप अपने काम को बेहतर ही नहीं करें बल्कि काम सही समय पर भी हो तभी आप की उपयोगिता ऑफिस में बनी रहेगी।
आज के दौर में कहीं भी किसी भी काम की डेडलाइन होती है। नौकरी में आप से यही अपेक्षा की जाती है कि आप अपने काम को बेहतर ही नहीं करें बल्कि काम सही समय पर भी हो तभी आप की उपयोगिता ऑफिस में बनी रहेगी।
आइए जानें डेडलाइन के अंदर कैसे पूरा करें काम।
यहाँ पर कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं, जिसे आप अपने ऑफिस के कामों को करने के लिए अपना सकते हैं।
मिस्टर वर्मा की अपने ऑफिस में एक अलग पहचान है। चाहे उनके रिर्पोटिंग मैनेजर हो या उनके बिग बॉस सभी उनके काम के कायल हैं। तभी तो कोई भी महत्वपूर्ण काम मिस्टर वर्मा को ही सौंपा जाता है। उनके साथ काम करने वाले भी सोचते हैं कि आखिर खास क्या है, मिस्टर वर्मा में। मिस्टर वर्मा का समय से काम करना ही उनकी खासियत है। उनके बॉस को यह विश्वास है कि अगर वह काम वर्मा जी को दे रहे हैं तो वह समय में हो जाएगा।
आइए जानते हैं कि मिस्टर वर्मा किसी काम को किस ढंग से करते हैं? कैसे बनाते हैं अपनी स्टेट्रैडजी।
आज के समय काम करने का तरीका बदल चुका है। हमारे बॉस हमसे अच्छे काम के साथ ही यह उम्मीद रखते हैं कि काम तय समय के भीतर हो जाए। आप बहुत अच्छा काम करते हैं लेकिन डेडलाइन निकलने के बाद तो वह काम बेकार है। तय सीमा में काम करना भी एक हुनर है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप किसी भी तरह समय सीमा को छू सकते हैं, हो सकता है कि आपके बॉस ने आपको किसी काम के लिए एक घंटा दिया हो, लेकिन आपके हिसाब से वह समय कम हो, तो आप उसी समय बास से कहकर समय ज्यादा माँग ले लेकिन फिर उस समय सीमा में अपना काम पूरा करके दिखाएँ।
हिचकिचाएँ नहीं स्पष्ट बताएँ
कई बार हमारे सीनियर हमें कोई नया प्रोजेक्ट देते हैं तो उसी वक्त उसकी डेडलाइन बता रहे होते हैं तो हमें उसी वक्त अंदाजा हो जाता है कि इस काम के लिए तो यह समय सीमा बहुत कम है। ऐसे में आप उन्हें काम की थोड़ी डिटेल्स बताएँ और कहें कि इसके लिए थोड़े समय की और जरूरत होगी। इससे न केवल उनका भरोसा आप पर बना रहेगा बल्कि आगे से इस तरह के काम के लिए कितना समय लगेगा इसका अंदाजा उन्हें हो जाएगा।
जितनी जल्दी बताएँ, उतना अच्छा है। अगर आप पहले से किसी तय सीमा पर काम कर रहे हों और इसी बीच आपको महसूस होने लगे कि उस तय समय तक यह काम पूरा नहीं हो पाएगा, तो आप उसी समय उन्हें बता दें कि उस समय तक यह प्रोजेक्ट कर पाना मुमकिन नहीं है।
समय सीमा के खत्म होने का इंतजार न करें। जो भी बात हो आप उन्हें खुलकर कह दें। अगर आप बातचीत करने में हिचकिचाएँगे तो आप कभी डेडलाइन मैनेजमेंट नहीं कर पाएँगे।
जितनी जल्दी बताएँ, उतना अच्छा है। अगर आप पहले से किसी तय सीमा पर काम कर रहे हों और इसी बीच आपको महसूस होने लगे कि उस तय समय तक यह काम पूरा नहीं हो पाएगा, तो आप उसी समय उन्हें बता दें कि उस समय तक यह प्रोजेक्ट कर पाना मुमकिन नहीं है।
समय सीमा के खत्म होने का इंतजार न करें। जो भी बात हो आप उन्हें खुलकर कह दें। अगर आप बातचीत करने में हिचकिचाएँगे तो आप कभी डेडलाइन मैनेजमेंट नहीं कर पाएँगे।
विकल्प बताएँ
कई बार हमारे ऊपर काम का पहले से ही काफी बोझ होता है और ऐसे में कोई नया काम मिल जाए तो मुश्किल बढ़ जाती है। ऐसे में आप अपने बॉस से यह कभी न कहें कि आप तय किए गए डेडलाइन तक वह काम नहीं कर पाएँगे, आप उन्हें एक दूसरा विकल्प दे।
मान लीजिए आप को अपना प्रोजेक्ट पूरा करने में 2 घंटे में देना है पर आपको यह पता है कि उस डेटलाइन तक काम पूरा नहीं हो पाएगा तो आप अपने बॉस से कहें कि आपको 2 घंटे की बजाय 3 घंटे दिया जाए। लेकिन हाँ आप नई डेड लाइन तभी माँगे जब आपको यह यकीन हो कि आप 3 घंटे में काम पूरा कर लेंगे। और एक बार आपने कह दिया है तो किसी भी हालत में आप अपनी डेट लाइन तक काम को जरूर पूरा कर दें क्योंकि यहाँ बात बॉस से किए गए वादे की है।
मान लीजिए आप को अपना प्रोजेक्ट पूरा करने में 2 घंटे में देना है पर आपको यह पता है कि उस डेटलाइन तक काम पूरा नहीं हो पाएगा तो आप अपने बॉस से कहें कि आपको 2 घंटे की बजाय 3 घंटे दिया जाए। लेकिन हाँ आप नई डेड लाइन तभी माँगे जब आपको यह यकीन हो कि आप 3 घंटे में काम पूरा कर लेंगे। और एक बार आपने कह दिया है तो किसी भी हालत में आप अपनी डेट लाइन तक काम को जरूर पूरा कर दें क्योंकि यहाँ बात बॉस से किए गए वादे की है।
अर्जेंट काम पहले
कोई जरूरी नहीं कि आपने विकल्प के तौर पर जो डेडलाइन दी है, आपकी बात मान ही ली जाए। हो सकता है कि वह काम बहुत अर्जेंट हो इसलिए थोड़ा और समय देना उनके हाथ में न हो। ऐसे में आपको पहले वाले समय में ही काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए या फिर सबके साथ बैठकर इस पर बात करके कोई नई डेडलाइन निकालने की कोशिश करें, जो आपको भी सूट करें और उन्हें भी।
यह दिमाग में रखें कि आपको अपने किसी अर्जेंट काम को जल्दी पूरा करने के लिए अपने दूसरे काम को थोड़ी देर के लिए टालना भी पड़ सकता है। पर हाँ आप अपने प्लान को जरूर बताएँ कि आप उनकी माँग को ध्यान में रखते हुए, उनका काम पहले पूरा कर रहे हैं। इससे आपका और उनका संबंध और अच्छा होगा।
यह दिमाग में रखें कि आपको अपने किसी अर्जेंट काम को जल्दी पूरा करने के लिए अपने दूसरे काम को थोड़ी देर के लिए टालना भी पड़ सकता है। पर हाँ आप अपने प्लान को जरूर बताएँ कि आप उनकी माँग को ध्यान में रखते हुए, उनका काम पहले पूरा कर रहे हैं। इससे आपका और उनका संबंध और अच्छा होगा।
दिल से काम करें
अगर हालत किसी काम को दिल से करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी हर किसी को अपने परिवार या करीबी लोगों से यही सीख मिलती है कि आप जो भी करें मन से या दिल से करें। फिर काम अगर आपके मन का है तो निश्चित ही आप लोग पहचानेंगे और आप सफलता की ओर छलांग लगाएंगे। काम में इंटरेस्ट लेंगे तो उसमें क्वालिटी जरूर होगी।
मत माँगिए
अगर आप एक बार अपने सीनियर से नई डेडलाइन की माँग कर चुके हैं और इसके बाद भी और वक्त माँग चुके हैं, तो दोबारा और समय मत माँगिए। बार-बार ऐसा करने से उन्हें लग सकता है कि उनके काम को आप गंभीरता से नहीं ले रहें।
इससे उनके सामने आपकी छवि तो खराब होगी ही साथ ही आपकी योग्यता पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।
बहाने ना बनाएँ, अपनी बात को मनवाने के लिए किसी तरह के बहाने बनाना बिल्कुल भी सही नहीं है। जब आप नई डेडलाइन के लिए निवेदन करते वक्त बहाने बनाते हैं या किसी पर कोई दोष लगाते हैं या अपनी परेशानियों की लिस्ट गिनाते हैं तो इससे आपकी छवि पर बुरा असर पड़ सकता है। आप अपने बॉस के सामने सीधी तरह से अपनी बात रखें और विराम अपनी परेशानी कहें और उन्हें अपनी मौजूदा स्थिति के बारे में समझाएं पूर्णविराम कि आप उनसे ज्यादा समय क्यों माँग रहे हैं। कई बार हमारे बॉस हमसे बस अच्छे काम की उम्मीद रखते हैं और इसके लिए उन्हें थोड़ा और समय भी देना पड़े तो वह इसके लिए जल्दी तैयार हो जाते हैं।
इससे उनके सामने आपकी छवि तो खराब होगी ही साथ ही आपकी योग्यता पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।
बहाने ना बनाएँ, अपनी बात को मनवाने के लिए किसी तरह के बहाने बनाना बिल्कुल भी सही नहीं है। जब आप नई डेडलाइन के लिए निवेदन करते वक्त बहाने बनाते हैं या किसी पर कोई दोष लगाते हैं या अपनी परेशानियों की लिस्ट गिनाते हैं तो इससे आपकी छवि पर बुरा असर पड़ सकता है। आप अपने बॉस के सामने सीधी तरह से अपनी बात रखें और विराम अपनी परेशानी कहें और उन्हें अपनी मौजूदा स्थिति के बारे में समझाएं पूर्णविराम कि आप उनसे ज्यादा समय क्यों माँग रहे हैं। कई बार हमारे बॉस हमसे बस अच्छे काम की उम्मीद रखते हैं और इसके लिए उन्हें थोड़ा और समय भी देना पड़े तो वह इसके लिए जल्दी तैयार हो जाते हैं।
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