Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
एक रिसर्च से हुआ खुलासा विशेषज्ञों के मुताबिक जो बच्चे स्कूल में सिंगल रहते हैं उनका विकास सही तरीके से होता है।
Research की खास बातें-
रिसर्च से यह सामने आया कि गर्लफ्रेंड या ब्वॉयफ्रेंड नहीं होने वाले बच्चों के नंबर ज्यादा आते हैं।
रिसर्च के मुताबिक अकेले रहने वाले इन बच्चों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है
रिसर्च से खुलासा हुआ कि सिंगल बच्चों का समाज में स्तर अच्छा होता है।
प्रयागराज। जिन बच्चों के गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड नहीं होते हैं उनका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होता है और यही नहीं उनके परीक्षा में अंक भी अधिक आते हैं।
रिसर्च में बताया गया कि जो किशोरावस्था में प्यार के चक्कर में होते हैं, उनकी तुलना में ऐसे किशोर जो किशोरावस्था में प्यार में नहीं पड़ते हैं, उनकी मानसिक स्थिति बेहतर होती है।
डेली मेल की खबर के अनुसार यह रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया ने 600 छात्रों के ऊपर किया था रिसर्च में टीचर्स की रेटिंग और छात्रों से पूछे गए सवालों को शामिल किया गया था।
एक्सपर्ट के अनुसार स्कूल ने बच्चों को सिंगल रहने के फायदे तो बताना चाहिए ताकि उनका सेहतमंद तरीके से विकास हो सके।
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रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार जो रोमांटिक रिलेशनशिप में नहीं उनका डिप्रेशन लेवल बहुत कम था जबकि ऐसे लोग जो रोमांटिक रिलेशनशिप में थे उनका डिप्रेशन लेबल अधिक था।
यह रिसर्च कक्षा 6 से 12 तक के पढ़ने वाले छात्रों पर किया गया था। यह स्टडी जर्नल ऑफ स्कूल हेल्थ में पब्लिश हुई।
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अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए खुद को बदलें।
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