Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
हिमालय पर्वत के बारे में
हिमालय उत्तर में जम्मू और कश्मीर से लेकर पूर्व में अरुणाचल प्रदेश तक भारत की अधिकतर पूर्वी सीमा तक फैला है। भारत पूरी तरह से भारतीय प्लेट के ऊपर स्थित है। यह प्लेट भारतीय ऑस्ट्रेलियाई प्लेट (Indo-Astraliyan plate) का ही उपखंड है।
प्राचीन समय में यह प्लेट गोंडवाना लैंड का हिस्सा थी। यह प्लेट अफ्रीका और अंटार्टिका के साथ जुड़ी हुई थी। आज से लगभग 9 करोड वर्ष पहले क्रिटेशियस काल में भारतीय प्लेट 15 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की गति से उत्तर की ओर खिसकने लगी और जो इओसियन पीरियड में यूरेशियनप्लेट से टकरा गई थी।
भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच स्थित स्थित भूसन्नति के गारबेज यानी अवसाद के ऊपर उठने से तिब्बत पठार और हिमालय पर्वत का बना।
बड़ा रहा है हिमालय पर्वत बिना कॉम्प्लान पिए
यही अवसाद जमा हो जाने से सिंधु और गंगा मैदान बना। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारतीय प्लेट अभी भी लगभग 5 सेंटीमीटर हर वर्ष उत्तर दिशा की ओर खिसक रहा है या अली की गति कर रहा है। इस कारण से हिमालय की ऊंचाई हर वर्ष 2 मिली मीटर बढ़ रही है। यह 2 मिलीमीटर बहुत मामूली सा है लेकिन कई वर्षों बाद यह बहुत ऊंची हो जाएगी।
फोल्डेड माउंटेन कौन सा है
भारत के उत्तर दिशा में जो पर्वतमाला दिखाई देती है वह मोड़दार पहाड़ों से बनी है। यानी यह फोल्डेड माउंटेन कहलाता है। कश्मीर से अरुणाचल तक यह पर्वत श्रेणी डेढ़ हजार मील तक फैली हुई है। इसकी चौड़ाई डेढ़ सौ से और कहीं-कहीं 200 मील तक है। यह संसार की सबसे ऊंची पर्वतमाला है और इसमें ढेरों चोटियां हैं जो 24000 फुट से अधिक ऊंची हैं।
इन्हीं में एक हिमालय की सबसे ऊंची चोटी है। बताइए उसका नाम क्या है?... बिल्कुल सही बताया माउंट एवरेस्ट। इस माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 29028 फुट है जो भारत में नहीं नेपाल में है लेकिन यह हिमालय पर्वतमाला की ही सबसे ऊंची चोटी है।
हिमालय के दक्षिण दिशा की ओर जवाब बढ़ेंगे तो सिंधु और गंगा के मैदान दिखाई देंगे। यह मैदान यानी (plane area) सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और उनकी सहायक नदियों के कारण बना है।
हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रेणी के निचले स्तर जाली तलहटी में जहां नदियां पर्वती क्षेत्र से निकलकर मैदान की ओर जाती है वहां एक संकीर्ण यानी सकरा पेटी में कंकर पत्थर से बने ढालदार मैदान पाए जाते हैं। यहां नदियां गायब हो जाती हैं।
इस ढालदार क्षेत्र को भाबर कहते हैं।
हिमालय पर्वत के बारे में
तराई क्षेत्र किसे कहते हैं
भाबर के दक्षिण में तराई क्षेत्र हैं। जहां यह गायब नदियां फिर दिखने लगती हैं। यह क्षेत्र दलदलों और जंगलों से भरा है। तराई के दक्षिण में जलोढ़ मैदान पाया जाता है।
जलोढ़ मैदान दो तरह के होते हैं। पुराने जलोढ़ को बांगर कहते हैं। यह ऊंची भूमि में पाया जाता है जहां पर नदियों की बाढ़ का जल नहीं पहुंच पाता है।
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