Me, mai, inme, uname, Bindu ya chandrabindu kyon nahin lagta hai | मे उनमे इनमे मै मे बिन्दु (अनुस्वार)) या चन्द्रबिन्दु (अनुनासिक) क्यों नहीं लगता है। मे, मै मे चन्द्रबिंदु या बिंदु लगेगा? Hindi mein chandrabindu kab lagana chahie kab nahin? Hindi spelling mistake किसी भी शब्द के पंचमाक्षर पर कोई भी बिन्दी अथवा चन्द्रबिन्दी (Hindi Chandra bindi kya hai) नहीं लगती है। इसका कारण क्या है आइए विस्तार से हम आपको बताएं। क्योंकि ये दोनो अनुनासिक और अनुस्वार उनमे निहित हैं। हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसके विज्ञान शास्त्र को देखा जाए तो जो पंचमाक्षर होता है उसमें किसी भी तरह का चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगता है क्योंकि उसमें पहले से ही उसकी ध्वनि होती है। पांचवा अक्षर वाले शब्द पर चंद्रबिंदु और बिंदु नहीं लगाया जाता है। जैसे उनमे, इनमे, मै, मे कुछ शब्द है जिनमें चंद्र बिंदु बिंदु के रूप में लगाया जाता है लेकिन म पंचमाक्षर है। Hindi main panchma Akshar kise kahate Hain? प फ ब भ म 'म' पंचमाक्षर pancman Akshar है यानी पांचवा अक्षर है। यहां अनुनासिक और अनुस्वार नहीं लगेगा। क्योंकि पं
वल्लभभाई पटेल का जन्म दिवस ' राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाया जा रहा है
National intregation day
31 अक्टूबर सन 2019 को भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री श्री वल्लभ भाई पटेल का जन्म दिवस एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और भारत की एकता को कायम रखने वाले लौह पुरुष को स्मरण करेंगे।
भारतवासी वल्लभ भाई पटेल के योगदान को कभी भी भुला नहीं सकते हैं। आज हम एक भारत के सपने को साकार कर रहे हैं, उसकी शुरुआत बल्लभ भाई पटेल ने आजादी के बाद बिखरे हुए देसी रियासतों को भारत के संविधान में शामिल कर भारतीय संस्कृति और सभ्यता को छिन्न-भिन्न होने से बचाया था। आइए पढ़ें एक विद्यालय के लिए स्पीच, जो 'राष्ट्रीय एकता दिवस ' पर वल्लभ भाई पटेल के योगदान को स्मरण कराते हैं।
भारतवासी वल्लभ भाई पटेल के योगदान को कभी भी भुला नहीं सकते हैं। आज हम एक भारत के सपने को साकार कर रहे हैं, उसकी शुरुआत बल्लभ भाई पटेल ने आजादी के बाद बिखरे हुए देसी रियासतों को भारत के संविधान में शामिल कर भारतीय संस्कृति और सभ्यता को छिन्न-भिन्न होने से बचाया था। आइए पढ़ें एक विद्यालय के लिए स्पीच, जो 'राष्ट्रीय एकता दिवस ' पर वल्लभ भाई पटेल के योगदान को स्मरण कराते हैं।
स्कूल के लिए स्पीच
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदया
आदरणीय अध्यापकगण एवं विद्यालय में पढ़ने वाले समस्त छात्रगण
आज बड़े खुशी का दिन है। आज के दिन हमने आजादी के बाद एक ऐसी आजादी प्राप्त की जहां भारत के लोग एकता के सूत्र में बंध गए।
भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, इंदिरा गांधी के बचपन में देशभक्ति का जज्बा Bhagat Singh, Chandrashekhar Azad, Indira Gandhi's childhood patriotic spirit
स्वतंत्र भारत के उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का आज 144वीं जयंती है। आज उनके जन्मदिवस को हम एकता दिवस के रूप में मना रहे हैं।
देश की आजादी में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने खास योगदान दिया था।
आजादी से पहले हमारा देश छोटे-छोटे 562 देशी रियासतों में बंटा था। वे सरदार पटेल ही थे, जो इन छोटे रियासतों का विलय आजाद भारत में कराया।
भारत के नागरिकों को 'राष्ट्रीय-एकता'के सूत्र में पिरोया।
हम जाति, धर्म, लिंग के आधार पर अलग-अलग हैं लेकिन हमारी पहचान भारतीयता का है। यह ज्ञान हमें वल्लभभाई पटेल ने दिया।
भारत को एकता की शक्ति प्रदान करने वाले वल्लभ भाई पटेल का 'जन्म दिवस' आज हम 'राष्ट्रीय-एकता' दिवस के रूप में मना रहे हैं।
भारत को एकता की शक्ति प्रदान करने वाले वल्लभभाई पटेल के योगदान को हम कभी भी भुला नहीं सकते हैं।
जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था। तो अंग्रेजों ने हमारे भारत देश को कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट रखा था।आजादी के बाद यह समस्या पैदा हो गई कि भारत में जो छोटे-छोटे राज्य हैं, उनमें से कई भारत का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे। वे भारत से अलग रहना चाहते थे। अंग्रेजों की यह चाल आजादी के बाद कामयाब होने वाली थी लेकिन लोहे जैसे इरादों वाला मजबूत इंसान यानी वल्लभ भाई पटेल के पास एक ऐसा महत्वपूर्ण काम था कि वे देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में कामयाब हो गए।
भारत देश 562 छोटे-छोटे देशी रियासतों में बंटा हुआ था, आजादी के बाद भारत देश के सभी छोटे-छोटे देशी रियासतों को एक भारत के संविधान में शामिल करना एक बड़ी चुनौती थी।
भारत देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने का दायित्व 'लोह-पुरुष' वल्लभ भाई पटेल के कंधों पर आया।
सारी छोटी-बड़ी रियासतों को भारत देश में शामिल करने का यह काम कोई आसान नहीं था।
सरदार पटेल को इस काम को करने में काफी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। उन्होंने एक के बाद एक रियासत को एक साथ लाने के लिए अपनी सारी बुद्धि और अनुभव का इस्तेमाल किया। भारत को एक राष्ट्र बनाने में वल्लभ भाई पटेल की खास भूमिका है। प्रतिभा के धनी सरदार पटेल के विचार आज भी लाखों युवाओं को प्रेरणा देते हैं।
आइए हम सब एक होकर वल्लभ भाई पटेल के एक भारत के सपने को साकार करें।
वल्लभ भाई पटेल के अनमोल विचार-
शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है। विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं।
आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आंखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये।
अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाये रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे।
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